भगवान श्रीकृष्ण विष्णु जी के आठवें अवतार हैं। अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र के योग में इनका जन्म हुआ था। जन्माष्टमी पर लोग कान्हा जी के बाल स्वरूप की पूजा करते हैं। कई लोग अपने घरों में बाल गोपाल को रखते हैं। बाल गोपाल की पूजा और सेवा एक छोटे बच्चे की भांति की जाती है।सर्वविदित हैं कि भादो के महीने की षष्ठी को बलराम और अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस माह में भगवान विष्णु की पूजन अर्चन पूजा करनी चाहिए। इस दिन पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है। जन्माष्टमी पर राहुकाल दोपहर 12:27 बजे से 02:06 बजे तक रहेगा। इस बार जन्माष्टमी पर कृतिका नक्षत्र रहेगा, उसके बाद रोहिणी नक्षत्र रहेगा, जो 13 अगस्त तक रहेगा। पूजा का शुभ समय रात 12 बजकर 5 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक है। मान्यता है कि लड्डू गोपाल की सेवा से घर की सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं। लड्डू गोपाल के प्रसन्न होने से व्यक्ति का मन बहुत प्रसन्न रहता है। लड्डू गोपाल भाव के भूखे होते हैं। वेदिक या हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्ष