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Showing posts from November, 2019

ऐसा रहेगा वृषभ राशि के लिए वर्ष 2020

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  उज्जैन के पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार वृषभ राशि के जातक शांत और कोमल हृदय वाले होते हैं। राशिचक्र में इस राशि का दूसरा स्थान है। इस राशि का स्वामी शुक्र है। इस राशि वाले स्वभाव से अंतर्मुखी और विश्वसनीय होते हैं। ये किसी न किसी कार्य में व्यस्त रहते हैं। इन्हें परिश्रम से भय नहीं रहता है। इन्हें नृत्य गायन खेलकूल, अच्छी चीजों का संग्रह करना व पुस्तकें पढ़ना अच्छा लगता है। इस राशि वाले व्यक्ति चतुराई से अपना काम निकलवा लेते हैं। महत्वपूर्ण बातों को गुप्त रखना पसंद करते हैं। दूसरों के प्रति उदार भाव व दया भाव बना रहता है। प्रयत्न व परिश्रम को महत्व देना पसंद करते हैं। इन्हें शांति का वातावरण अच्छा लगता है। इस राशि के जातक योजनाएं बनाने में माहिर होते हैं। वर्ष 2020 की शुरुआत के समय भाग्य के कारक शनि अपने से 12वें स्थान में होने से आपके भाग्य को थोड़ा कमजोर कर रहे हैं जिससे कि हो सकता है पिछले कुछ समय से आपके कार्य बनते-बनते अटक रहे हों। इस समय आप पर शनि की ढ़ैय्या भी चल रही है। ऐसे में आपको थोड़ा धैर्य, थोड़े विवेक से काम लेने की आवश्यकता रहेगी। क्योंकि 24 जनवरी से शनिदेव भाग्य स्थ

मीन राशि 2020 का वार्षिक राशिफल

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  उज्जैन के पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार मीन राशि का स्वामी गुरु है। इसे राशि चक्र में बारहवां स्थान प्राप्त है। राशि के जातक किसी भी प्रकार के लालच में फंसना पसंद नहीं करते हैं। तर्क वितर्क की स्थिति में निर्णय लेने में असुविधा महसूस करते हैं। इनकी कार्यक्षमता अच्छी होने के कारण परिश्रमपूर्वक अपना काम निकलवा लेते हैं। कानूनी कार्यों में कई कठिनाइयां रहती हैं। खर्च की अधिकता रहने से कभी-कभी आर्थिक कष्ट झेलना पड़ता है। इन्हें परिवार का सहयोग समय पर नहीं मिल पाता स्वभाव में विनम्रता बनी रहती है। ईमानदारी से कार्य करना पसंद करते हैं। इस राशि वाले दिखावे से परहेज करते हैं। मंगलवार के दिन लेनदेन करना अशुभ होता है। 2020 में भाग्य के स्वामी मंगल स्वराशिगत होकर भाग्य स्थान में ही विराजमान हैं। ये भी आपके भाग्योदय के लिए शुभ संकेत दे रहे हैं। सुखेश और सप्तमेश कारक ग्रह बुध आपकी पत्रिका में धनु राशि व सूर्य के साथ बुधादित्य योग बनाए हुए हैं। जिससे पता चलता है कि आपके जीवनसाथी के करियर के लिये भी यह साल शुभ परिणाम देने वाला है। बृहस्पति के साथ बुध का विराजमान होना, अविवाहित जातकों के लिये विवा

कुंभ राशि का वार्षिक राशिफल वर्ष 2020

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  उज्जैन के पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार कुंभ राशि का स्वामी शनि है। राशिचक्र में इसे ग्यारहवां स्थान प्राप्त है। इस राशि वालों का सबसे बड़ा गुण उनकी प्रगतिशीलता है। वहीं उनकी सबसे बड़ी कमजोरी विचार एवं व्यवहार में दोहरापन होता है। इस राशि के जातक अपने उद्देश्य के प्रति पूर्ण ईमानदार एवं प्रतिबद्ध होते हैं। ये परिश्रम करके अपना जीवनयापन करते हैं। कभी-कभी स्वभाव में उग्रता भी पाई जाती है। किंतु आंतरिक रूप से शांत एवं नम्र होते हैं। दूसरों की सहायता करते हैं। जवाबदारी हो या संघर्ष जीवन में ये इन बातों से घबराते नहीं है। प्रयत्नशील बने रहते हैं। जीवन में कुछ न कुछ कष्ट बना रहता है। पढ़ने का शौक भी रहता है तथा किसी ज्ञान प्राप्ति हेतु प्रयासरत रहते हैं। कुछ मामलों में कभी कभी बदलापन भी रहता है। वर्ष के शुरुआती माह में ही 24 जनवरी को शनि आपकी राशि से 12वें स्थान में आ जाएंगे। जिससे आप पर शनि की साढ़ेसाती शुरु हो जाएगी तथा इस वर्ष शनि आपकी राशि से 12वें स्थान पर विराजमान हो जाएंगें। जो कि आपके धन खर्चों में बढ़ोतरी होने के संकेत दे रहे हैं। शारीरिक कष्ट भी बढ़ सकते हैं स्वास्थ्य का ध्यान

मकर राशि का 2020 का वार्षिक भविष्यफल

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  मकर राशि का स्वामी शनि होता है। राशिचक्र की यह दसवीं राशि है। इस राशि वाले जातक गहरी सोच वाले होते हैं। धन एवं व्यापार के मामले इस राशि के जातक बहुत सावधान रहते हैं। ये एक समय में कई कार्य करने में सक्षम होते हैं। मनोरंजन करने वाले होते हैं। इस राशि की महिलाएँ अपने घर को व्यवस्थित रखती हैं। कभी-कभार इस राशि के जातक अपने स्वार्थ को आगे रखते हैं और इन्हें खुद पर भरोसा भी नहीं होता है। ये बाचाल प्रवृति के होते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को भलिभांति समझते हैं। इसके अलावा इस राशि वाले दृढ़ निश्चयी एवं महत्वाकांक्षी होते हैं। संदेह करना इनका नकारात्मक पक्ष है।29 सितंबर को शनि मार्गी हो जाएंगें। जो आपके कार्यक्षेत्र के लिये शारीरिक क्षमता, बल बढ़ाने में आपकी सहायता करेंगे। धन प्राप्ति के भी आपके लिये अच्छे योग बनेंगें। इस समय में आप शेयर मार्किटिंग आदि योजनाओं में पैसा लगा सकते हैं। लाभ प्राप्त होगा। 20 नवंबर को गुरु का राशि परिवर्तन कर पुन: मकर राशि में आने से आप अपनी पूर्ण ऊर्जा से अपने कार्य को बनाने में लग जाएंगें। इसके साथ ही बीते समय में देखा हुआ सपना साकार होता हुआ भी दिखाई देगा। वर्ष

धनु राशि का वर्ष 2020 ऐसा रहेगा

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    उज्जैन के पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार धनु राशि का स्वामी गुरु बृहस्पति होता है। राशिचक्र में यह नौवीं राशि है। इस राशि के लोग अधिक खर्चीले होते हैं। इन्हें धन एकत्रित करने में कठिनाई भी आती है। वाद-विवाद से दूरी बनाएं रखते हैं। इन्हें वाल्यास्था में कुछ कष्ट अवश्य रहता है। स्पष्ट बोलने व निडर स्वभाव के कारण कभी कभी कार्यों में बाधा भी आती है। यह राशि  मूल नक्षत्र के चारों चरण , पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के चारों चरण तथा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के प्रथम चरण से मिलकर बनी होती है । इस प्रकार  धनु राशि में कुल9 चरण और प्रत्येक चरण 3 अंश 20 कला का होता है । जो संपूर्ण  धनु राशि का निर्माण इन नौ चरणों को समाहित  करने पर 30 अंश की बनी होती है। आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा ढैया चल रहा , जो 24 जनवरी 2020 को पूर्ण होकर, शनि के अंतिम ढैया का प्रभाव प्रारंभ हो जाएगा । दिनांक 5 नवंबर 2019 से राशि स्वामी गुरु का प्रवेश आपकी राशि में हो रहा है । इसके प्रभाव से शनि और गुरु समान रूप से फल देने में आपके लिए मददगार रहेंगे । जो समय-समय पर उतार-चढ़ाव कारी स्थिति का सामना करने के लिए मजबूर कर सकते ह

2020 में वृश्चिक राशि का भविष्यफल

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  उज्जैन के पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल ग्रह होता है। राशिचक्र में इसका आठवां स्थान होता है। इस राशि के व्यक्ति का स्वभाव गरम होता है। इनका क्रोध कितना भी क्यों न हो हृदय में दयाभाव रहता है। इर राशि के लोग दूसरों के कामों बेवजह हस्तक्षेप नहीं करते हैं और न ही किसी को अपने कामों में दखलअंदाजी बर्दाश्त करते हैं। यह राशि विशाखा नक्षत्र के  चौथे चरण  , अनुराधा नक्षत्र के चारों चरण तथा ज्येष्ठा नक्षत्र के चारों चरण से मिलकर बनी होती है । इस प्रकार इस राशि के कुल9 चरण और प्रत्येक चरण 3 अंश 20 कला का होता है ।जो संपूर्ण वृश्चिक राशि का निर्माण , इन नौ चरणों को समाहित करके   30 अंश की बनी होती है। आपकी राशि साढ़ेसाती का अंतिम ढैय्या शनि  24 जनवरी 2020 तक  प्रभाव शील रहेगा।  24 जनवरी के बाद साढ़ेसाती का प्रभाव समाप्त हो जाएगा।   वर्ष की शुरुआत में 24 जनवरी को शनि का परिवर्तन हो रहा है जो कि आपकी राशि से सुख भाव के मालिक होकर पराक्रम में स्वराशिगत गोचर कर रहे हैं। यह आपके पराक्रम की उन्नति के लिये इसमें वृद्धि के योग बनाते हैं। परन्तु यह स्थान छोटे भाई का स्थान भी

ऐसा रहेगा तुला राशि का वर्ष 2020

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    उज्जैन के पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार तुला राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है। राशिचक्र में इस राशि का स्थान सातवां हैं। इस राशि व्यक्ति मनमौजी होते हैं। सभी के साथ व्यवहार बनाकर चलते हैं। ये योजनाएं बनाने में माहिर होते हैं। परंतु दूसरों को हानि न पहुंचे इसका पूरा ध्यान रखते हैं। कोई भी कार्य स्वयं के विवेक से करना पसंद करते हैं। ये लोग न्यायप्रिय होते हैं। झूठ इन्हें बर्दाश्त नहीं होता है। दूसरों की भलाई करने के लिए ये सदैव तैयार रहते हैं। अपने कार्यों के प्रति जिम्मेदार होते हैं। इस राशि की स्त्री को पति तथा पुरुष को पत्नी भाग्यशाली मिलती है।यह राशि  चित्रा नक्षत्र का तीसरे तथा चौथे चरण तथा स्वाति के चारों चरण  तथा विशाखा का प्रथम, द्वितीय और तृतीय चरण से मिलकर बनी है । इस प्रकार कुल नवांश के-9 चरण तथा प्रत्येक चरण 3 अंश  20 कला का होता है ।यह वर्ष आपकी राशि वालों के लिए आंशिक तौर पर उतार-चढ़ाव कारी स्थिति निर्मित करने वाला रह सकता है ढैय्या शनि का प्रभाव आप पर 24 जनवरी 2020 तक रहेगा जिसके परिणाम स्वरूप आप आलस्य का त्याग करेंगे, और आत्मविश्वास के साथ परिश्रम पूर्वक कार्य करते हुए

जानिए 2020 में कन्या राशि का भविष्यफल

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    उज्जैन के पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार कन्या राशि उत्तरा फाल्गुन नक्षत्र के दूसरे तीसरे और चौथे चरण तथा हस्त नक्षत्र के चारों चरण और चित्रा नक्षत्र का प्रथम तथा दूसरे चरण से मिलकर बनी है । इस प्रकार कुल नवांश के-9 चरण तथा प्रत्येक चरण 3 अंश  20 कला का होता है । कन्या राशि का स्वामी बुध होता है। राशिचक्र में इस राशि का छठा स्थान होता है। इस राशि के व्यक्ति परिवार की भलाई हेतु हमेशा प्रयासरत रहते हैं। फिर भी इनका सम्मान कुछ कमजोर रहता है। लेकिन ये हमेशा अपने कर्तव्य को भलीभांति निभाते हैं। ये स्वाभिमानी होते हैं। ये बुद्धिमानी से काम निकलवाना जानते हैं। ये भावुक होते हैं और अपने कार्य को अच्छे तरीके से करना जानते हैं। राजनीति में भाग लेने का अवसर भी प्राप्त होता है। अध्यात्म में इनकी रुचि रहती है। इस राशि वालों को गुरु का फल अच्छा प्राप्त होता है।यह वर्ष आपकी राशि वालों के लिए ढैय्या शनि का प्रभाव आप पर 24 जनवरी 2020 तक रहेगा जिसके परिणाम स्वरूप आप आलस्य का त्याग करेंगे, और आत्मविश्वास के साथ परिश्रम पूर्वक कार्य करते हुए आगे बढ़ेंगे तो निश्चित लाभ  प्राप्ति के योग बनेंगे। वैसे कन

2020 में ऐसा रहेगा सिंह राशि का वार्षिक लेखा

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  उज्जैन के पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार सिंह राशि मघा  नक्षत्र के चारों चरण तथा पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के चारों चरण और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का प्रथम चरण से मिलकर बनी है ।  इस प्रकार कुल नवांश के-9 चरण तथा प्रत्येक चरण 3 अंश  20 कला का होता है । यह वर्ष आपकी राशि वालों के लिए उत्तरोत्तर प्रगति दायक रहेगा। जो आपको यश,  सफलता , पद प्रतिष्ठा एवं मान सम्मान की दृष्टि से सकारात्मक फल  दे सकता है। कार्यस्थल में प्रगति एवं लाभ की पर्याप्त संभावनाएं  अर्जित कर सकते हैं। सिंह राशि का स्वामी सूर्य ग्रह है। राशिचक्र में इस राशि का पांचवां स्थान है। ईमानदारी व न्यायप्रियता इस राशि का विशेष गुण होता है। कार्यों में व्यस्त रहना पसंद करते हैं। मगर ज्यादा बातचीत पसंद नहीं करते हैं। कर्ज लेने से दूरी बनाए रखना चाहते हैं।  मित्रों से मिलजुल कर रहते हैं। कोई व्यक्ति इनसे छल करता है तो ये क्रोधित हो जाते हैं। इन्हें स्वतंत्र रहना प्रिय है। ये चापलूसी करना पसंद नहीं करते हैं। किसी भी बात को गोपनीयता बनाए रखना कभी-कभी थोड़ा कठिन हो रहता है। बड़े बुजुर्गों का सम्मान करते हैं कार्यकुशल एवं परिश्रमी होते

कर्क राशि 2020 का वार्षिक भविष्य फल

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    उज्जैन के पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा होता है। राशिचक्र में इसका स्थान चौथा है। इस राशि के जातक का मन चंचल होता है। इसलिए इनके कार्यों और विचारों में चंचलता पाई जाती है। ये अपने ऊपर आने वाले संघर्ष को टालने में सक्षम होते हैं। इन्हें स्वतंत्रता पसंद है। हालांकि इनके जीवन में कई बार अनियमितताएं पाई जाती हैं। अपने जिद्दी स्वभाव के कारण इन्हें कई बार कष्ट झेलना पड़ता है। व्यर्थ के कार्यों और बातों में आपको रुचि नहीं रहती है। इस राशि में गुरु श्रेष्ठ का होता है। संस्था या सामाजिक कार्यों की जिम्मेदारी इनके कंधों पर रहती है। परंतु इनका स्वास्थ्य कुछ कमजोर रहता है।  यह राशि   पुनर्वसु नक्षत्र के चौथे चरण तथा पुष्य के चारों चरण तथा  आश्लेषा के चारों चरण से मिलकर बनी होती है  । इस प्रकार नो चरण नवांश के होकर प्रत्येक चरण 3अंश 20 कला का होता है।  वैसे आपकी राशि वालों के लिए  यह वर्ष  उत्तम फल प्रदान करने वाला रहेगा। वर्षभर नित नए नए कार्य के संपन्न होने की संभावनाएं  रहेगी । राजनीति से जुड़े लोगों को कई नए अवसर प्राप्ति के योग बनेंगे । पद प्रतिष्ठा,  यश, सामा

वर्ष 2020 में ऐसा रहेगा मिथुन राशि का वर्षफल

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    उज्जैन के पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार मिथुन राशि का स्वामी बुध होता है। राशि चक्र में इसका तीसरा स्थान माना जाता है। इस राशि के व्यक्ति शारीरिक रूप से फुर्तीले और हाजिर जवाबी होते हैं। लोग इनकी बौद्धिक क्षमता की प्रशंसा करते हैं। इस राशि वाले धार्मिक और दया भाव रखने वाले होते हैं। अपनी बहुमुखी प्रति के कारण आप भीड़ से अलग नजर आते हैं। आपके अंदर जितना क्रोध रहता है उतना ही संयम होता है। यह राशि  मृगशिरा नक्षत्र के तीसरे और चौथे चरण तथा   आर्द्रा नक्षत्र के चारों चरण तथा पुर्नवसु नक्षत्र के प्रथम , द्वितीय एवं तृतीय चरण से मिलकर बनी होती है  । इस प्रकार नो चरण नवांश के होकर प्रत्येक चरण 3अंश 20 कला का होता है। वैसे आपकी राशि वालों के लिए  वर्ष का पूर्वार्ध अनुकूल रहेगा आपका काम-काज एवं कोर्ट कचहरी के प्रकरणों में संतोषजनक स्थिति निर्मित होने के योग बनते हैं 24 जनवरी 2020 से  सूर्य पुत्र शनि का मकर राशि में प्रवेश  होने पर  ढैया शनि का प्रभाव रहेगा।  21 जून 2020 को आपकी राशि तथा मृगशिरा नक्षत्र में घटित होने वाले  सूर्य ग्रहण के नेस्ट एवं अशुभ प्रभावों से ग्रसित रह सकते हैं यह समय

ऐसा रहेगा वर्ष 2020 में मेष राशि का भविष्य फल

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  उज्जैन के पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार मेष राशि के जातक स्वतंत्र विचार वाले होते हैं। आपकी राशि का स्वामी मंगल है। इस राशि वाले व्यक्ति स्वभाव से थोड़े उग्र होते हैं। क्रोध व आक्रामकता की वजह से आप अपना धैर्य खो बैठते हैं। कार्यों को जवाबदारी से पूर्ण करना पसंद करते हैं। आपकी नेतृत्व क्षमता की लोग प्रशंसा करते हैं। पढ़ने का शौक अधिक रहता है। स्वभाव के विरुद्ध कार्य करना पसंद नहीं करते हैं। परिवार पर स्नेह बना रहता है। कार्यक्षेत्र में अधीनस्थों से लगाव कम ही रहता है। अनुशासन में रहना आपको पसंद आता है। आप समाज में मान-सम्मान प्राप्त कर पाते हैं।पारिवारिक जीवन में धूप और छांव की स्थिति बनेगी। पिताजी का स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। आपके निवास में परिवर्तन हो सकता है और आपको परिजनों से दूर जाना पड़ सकता है। आपके परिवार में कोई शुभ कार्य संपन्न होने के संकेत हैं। विद्यार्थियों को अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी और वे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काफी अच्छा प्रदर्शन कर पाने में सफल रहेंगे। आर्थिक रूप से उन्नति करने का अवसर भी आपको ईश्वर से मिलने वाले हैं और विदेशी संपर्क से सभी को अच्छा ला

बाल विवाह कर न बिगाड़े बच्चो का भविष्य

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  आगर-मालवा-'आपकी सरकार आपके द्वार'के तहत् बड़ौद विकास खण्ड के ग्राम पंचायत मदकोटा में गुरूवार को शिविर आयोजित कर अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की समस्या सुनी गई। ग्रामीणों द्वारा अपनी समस्याओं के निराकरण हेतु आवेदन विभागों के स्टाॅलों पर दिए गए। शिविर में 18 आवेदकों द्वारा अपनी समस्याओं से संबंधी आवेदन प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में कलेक्टर ने ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए आपकी सरकार आपके द्वार योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आमजन अपनी समस्याओं को लेकर जिला मुख्यालय एवं संबंधित विभागों के आते है, किन्तु कार्य की व्यवस्तता के कारण कई बार अधिकारी उनसे नहीं मिल पाते हैं। जिससे उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा यह कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। जिसके तहत् अधिकारी आज आपके गांव में पहुंचे है। अपनी समस्याओं से अवगत कराकर उनका निराकरण करवाएं। कलेक्टर ने बाल विवाह के संबंध में उपस्थितजनों से कहा कि अपने बच्चों का बाल विवाह कर उनका भविष्य खराब न करें। इसकेे कई दुष्परिणाम है। जिनका सामना बाल विवाहित बच्चों को करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि

मृत एसआई का हो गया स्थानांतरण

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आगर मालवा-  जिले के मृत एसआई का गुरुवार रात जारी हुई सूची में स्थानांतरण कर दिया गया।जबकि कुछ दिन पूर्व ही उनकी मौत हो चुकी है। गुरुवार रात को  पुलिस मुख्यालय से जारी तबादला आदेश को देखकर महकमे के कई लोग चोक गए। जिले के सोयत में पदस्थ रहे छोटेलाल तोमर की ब्लड कैसंर की वजह से 12 नवंबर को देहांत  हो गया था। बताया जा रहा है की पिछले करीब 3 माह से वे अवकाश पर थे और  ग्वालियर में उनका इलाज़ चल रहा था। गुरुवार रात जारी हुई सूची में 77 वे क्रम पर श्री तोमर का नाम अंकित है। उनका स्थानांतरण आगर से ग्वालियर किया गया है।

लेडी मार्टिन की सुहाग की रक्षा हेतु अफगानिस्तान में प्रकट हुवे शिवजी

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भोलेनाथ का एक ऐसा ऐतिहासिक व चमत्कारिक मंदिर जिसका जीर्णोद्धार अंग्रेज ने करवाया था।वजह जानकर आप हैरान रह जाएंगे।लेडी मार्टिन की सुहाग की रक्षा के लिए डमरूवाले वाले बाबा अफगानिस्थान में प्रकट हो गए थे। मध्यप्रदेश के 51 वे जिले के  आगर मालवा के इतिहास में उल्लेख है कि बैजनाथ महादेव के मंदिर का जीर्णोद्धार कर्नल मार्टिन ने वर्ष 1883 में 15 हजार रुपए का चंदा कर करवाया था। इस बात का शिलालेख भी मंदिर के लगा है।उत्तर एवं दक्षिण भारतीय कलात्मक शिल्प में निर्मित श्री बैजनाथ महादेव को चमत्कारी देव माना जाता है। इसका प्रमाण उस समय पठानी सेना से घिरे कर्नल मार्टिन की प्राणरक्षा भगवान शिव ने की और वे सही सलामत अपने घर आगर लौट आये।इतिहास में वर्णित है कि वर्ष 1879 में अंग्रेजों ने अफगानिस्तान पर आक्रमण कर दिया था। इस युद्ध का संचालन आगर मालवा की ब्रिटिश छावनी के लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन को सौंपा गया था। मार्टिन युद्ध व अपनी कुशलता का समाचार आगर में निवासरत अपनी पत्नी को भेजते थे।एक समय ऐसा आया जब मार्टिन के संदेश आना बंद हो गए। उनकी पत्नी को अनेक शंकाएं सताने लगी। वह एक दिन घोडे़ पर बैठ कर घूमने गई

सेवादल का ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित

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आगर मालवा- सेवादल के नियमित कार्यक्रम के तहत  माह के अंतिम आज रविवार को   प्रातः 10:30बजे ध्वजारोहण विजय स्तंभ पर किया गया ।ध्वज वंदन  किसान कांग्रेस  के प्रदेश उपाध्यक्ष   हीरालाल  यादव ने किया ।अध्यक्षता  सेवादल जिला अध्यक्ष अनिल सोलंकी ने की।   कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष  निलेश  पटेल,सेवादल की प्रदेश सचिव नफीसा परवीन, प्रदेश सचिव  मेहरून बी,  महिला सेवा दल जिला अध्यक्ष लीला देवी,  सेवादल ब्लॉक अध्यक्ष  घनश्याम माली,चिकित्सा  प्रकोष्ठ के अध्यक्ष गबरु मुल्तानी, रऊफभाई मुल्तानी , इन्दूबाला बिलरवान, अनीता शर्मा, संतोष नायक, पारस दादा  जैन, मोहनलाल  कारपेंटर , जिला अध्यक्ष नरेंद्र सोलंकी, सेवा दल के समस्त पदाधिकारी एवं कांग्रेस के वरिष्ठ जन उपस्थित थे।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडनिस ने की थी माँ बगलामुखी की पूजा

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आगर मालवा- देवेंद्र फडणवीस को मिला माँ बगलामुखी का आशीर्वाद, मुख्यमंत्री बनने से पूर्व देवेंद्र फडणवीस ने सपत्नीक किया था हवन, माँ बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा के पंडितों ने कल देर रात कराया था हवन, मुम्बई में निज निवास पर किया था हवन, 17नवम्बर को फडणवीस की बहन भी पहुँची थी माँ बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा।

महाराष्ट्र मे  सरकार बनने पर आतिशबाजी कर मनाई खुशी 

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                                          आगर मालवा। भारतीय जनता पार्टी नगर मंडल के कार्यकर्ताओ ने महाराष्ट्र में भाजपा सरकार बनने पर आतिशबाजी कर  खुशी का इजहार किया। इस अवसर पर नवनिर्वाचित नगर मंडल अध्यक्ष अजय जैन मारूबरड़िया, बीजानगरी मंडल अध्यक्ष महेन्द्रसिंह,कमल अग्रवाल,मनीष सौंलकी, मनोज पटवा,मनीष शर्मा,बग्दुराम चौहान, रानुराज नारवाल,भरत प्रजापत.ओम मालवीय, सुशील रामसिन्हा, विक्रम वर्मा,जब्बार मुलतानी, विजय रायकवार,टिकुं बैरागी,सुशील जैन उपस्थित थे।

क्या शरद पवार भी एनडीए में शामिल होंगे

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रामदास आठवले ने कहा कि शरद पवार भी NDA में शामिल हो जाएं। केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि महाराष्ट्र के इतिहास में आज एक काला धब्बा था। सब कुछ सुबह जल्दबाजी में किया गया। कहीं कुछ गड़बड़ है। इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में वाइबी चव्हाण सेंटर में एनसीपी और शिवसेना की साझा प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि पहले ईवीएम का खेल चल रहा था और अब यह नया खेल है। इसके बाद से मुझे नहीं लगता कि चुनावों की भी जरूरत है। कांग्रेस ने इस प्रेस कॉन्फेंस किनारा कर लिया। इस दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि अजीत पवार का फैसला पार्टी लाइन के खिलाफ है और अनुशासनहीनता है और उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के पास सरकार बनाने के लिए संख्या नहीं है।इससे पहले शनिवार सुबह महाराष्ट्र के सियासत में सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद और अजीत पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली है  

तरीफे काबिल है यहाँ का रूफ वाटर हार्वेेस्टिंग

कुछ दिन पहले तक तमिलनाडु के चेन्नई नगर को रूफवाटर हार्वेेस्टिंग के सबसे अच्छे उदाहरण के तौर पर जाना जाता था। इस शहर में हुये रूफ वाटर हार्वेेस्टिंग की कहानी 1992-93 के गंभीर सूखे से प्रारंभ होती है। इस अवधि में चेन्नई मेट्रो की जल शाखा ने चेन्नई मेट्रोपोलिटन डेव्लपमेंट अथॉरिटी और चेन्नई कार्पोरेशन को विश्वास में लेकर तीन मंजिल से अधिक ऊँचाई वाले भवनों में रूफ वाटर हार्वेेस्टिंग को आवश्यक बनाने के लिये सहमति बनाने का प्रयास किया। यह प्रयास कारगर नहीं हुआ सन् 2001-02 में तामिलनाडु में पुनः गंभीर सूखा पड़ा। पानी की गंभीर कमी को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने चेन्नई मेट्रोपोलिटन एरिया ग्राउन्ड वाटर (रेगुलेशन) एक्ट 1987 में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद पूरा चेन्नई मेट्रोपोलिटन एरिया तथा आसपास के 243 राजस्व ग्राम उस एक्ट के दायरे में आये। उस नियम के तहत नये एवं पुराने मकानों/भवनों में रूफ वाटर हार्वेेस्टिंग को अनिवार्य किया गया। जुलाई 2003 में तामिलनाडु म्युनिसिपल कानून अध्यादेश जारी किया। इसके अन्तर्गत प्रावधान के अनुसार जो व्यक्ति रूफ वाटर हार्वेेस्टिंग नहीं करेगा, उसके आवास पर नगरीय निकाय