बेजुबान पशु पक्षियों के रहनुमा बने खण्डेलवाल दंपत्ति
आगर मालवा-पूरा देश लॉकडाउन है।ऐसे में मध्यप्रदेश का 51 वा जिला आगर भी इससे अछूता नही है। कोरोना के कहर से इंसान ही नही बेजुबान पशु पक्षी भी आहत है। गरीब और जरूरतमंदों के लिए तो प्रशासन सहित स्वयंसेवी संस्थाएं लगातार मदद के लिए आगे आ ही रही हैं। लेकिन इन बेजुबानो की चिंता करने वाले जन सेवक भी पीछे नही है।
कोरोना के कहर के सभी बेबस व लाचार है। गायो,बंदरो व अन्य बेजुबान पशु पक्षियों के सामने भी संकट खड़ा हो गया है। आगर निवासी संतोष खंडेलवाल व उनकी पत्नी न केवल गायों के भोजन का इंतजाम कर रहे है बल्कि रोजाना बंदरो व पक्षियों के लिए भी दाना पानी की व्यवस्था कर रहे है। बैजनाथ महादेव मन्दिर के आसपास बंदरों का झुंड भोजन के लिए बहुत हद तक श्रद्धालु और वहां के पंडे और पुजारियों पर आश्रित है। यहां आने वाले लोग इन बंदरो को रोजाना कुछ न कुछ खाने को उपलब्ध करा देते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण पिछले 20 दिनों से लगभग मंदिर पूरी तरह से बंद है। ऐसे बंदरो को भूखा रहना पड़ रहा था।प्रतिदिन मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले संतोष खंडेलवाल और उनकी पत्नी को जब इन व्याकुल बंदरो की जानकारी लगी तो इन्होंने इन बंदरो की भूख मिटाने की व्यवस्था की। खंडेलवाल दंपति बंदरो के लिए चने, सोयाबीन आदि रात में पानी मे भिगो देते है और रोज सुबह इन्हें मंदिर परिसर में लेकर पहुंच जाते हैं।अपने हाथों से इन बंदरो को भरपेट भोजन कराते है। खंडेलवाल दंपति की सेवा की मुहिम इन बंदरों तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह बेसहारा गायों की भी उतनी ही सेवा कर रहे है।यह दंपति सुसनेर मार्ग स्थित अपने कंचन वेयर हाऊस पर रोज गायों को भरपेट चारा, भूसा, चापड़ उपलब्ध करा रहे हैं।इसके साथ ही इनके पानी का भी प्रबंध इन्होंने किया हुआ है।पक्षियों के लिए दाना डालना भी इनकी दिनचर्या का हिस्सा है