स्व-सहायता समूह की महिलाएं संकट की घड़ी में जरूरतमंद परिवारों की खाद्य सामग्री देकर कर रही पुनीत का कार्य
आगर-मालवा- जिले में मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत संचालित स्व सहायता समूह की गरीब महिला सदस्यों ने कोरोना वायरस के कारण निर्मित इस विकट परिस्थिति में जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाएं हैं,ताकि जरूरतमंद परिवारों की कुछ हद तक मदद हो सके।
इन गरीब महिलाओं के इस कार्य से कई गरीब परिवारों को संकट की इस घड़ी में खुशी मिली है।
आगर विकासखंड के ग्राम पिपलोनकलां में सहेली सामुदायिक सहयोग संस्था तनोडिया अंतर्गत आने वाले एकता ग्राम संगठन पिपलोनकलां की कार्यकारिणी ने यह सहासिक एवं जन भावना से जुड़ा कदम उठाया है। इस ग्राम में समूह की महिलाओं के आव्हान पर एक आकस्मिक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कार्यकारिणी के पदाधिकारी सदस्य उपस्थित हुए। इस दौरान सोशल डिस्टेंस व हाइजीन का पूरा ध्यान रखा गया। उपस्थित महिलाओं ने आपसी चर्चा अनुसार यह महसूस किया कि अपने ग्राम में कुछ परिवार ऐसे हैं जो वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते सामान्य जीवन व्यतित करने में कठिनाईयों का सामना कर रहे है।उनके सामने भरण पोषण हेतु राशन का संकट खड़ा हो गया है।
क्यों ना हम इन परिवारों की मदद करें। इस मुद्दे पर सभी सदस्यों ने सहमति प्रदान करते हुए कहा कि हम वह हमारा परिवार इस घड़ी में सुखी रहे और पड़ोसी संकट में रहे ऐसा हम नहीं देख सकते है। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय अनुसार अपने ग्राम संगठन के कोष से जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सामग्री का वितरण कर उनकी मदद करेंगे कार्यकारिणी सदस्यों ने राशन के रूप में जरूरत का सामान 10 किलो गेहूं, 1 किलो दाल, 1 किलो तेल प्रत्येक जरूरतमंद परिवार को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। जिसका अति गरीब जरूरतमंद परिवारों ने स्वागत किया है तथा उन्हें इस मदद के लिए धन्यवाद भी दिया है।
ग्राम पीपलोनकलां में कुल 30 समूह संचालित है। यह सभी समूह ग्राम संगठन का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस कार्य हेतु कार्यकारिणी द्वारा 10 सदस्यों को जवाबदारी सौंपी गई है ताकि वे अति गरीब व जरूरतमंद परिवारों की पहचान कर उन तक खाद्य सामग्री पहुंचा सके। ग्राम में कुल 25 परिवारों की पहचान की गई है। जिन्हें गेहूं, दाल तेल राशन के रूप में वितरित किया गया है। इन 25 परिवारों को ढाई क्विंटल गेहूं, 25 किलो दाल एवं 25 किलो तेल ग्राम संगठन के कोष से खरीद कर प्रदान किया गया है। इस प्रकार का उदाहरण विकासखंड बडौद के किशनकोर्ट में भी देखने को मिला है। जहां मां दुर्गा स्व सहायता समूह द्वारा एक परिवार की मदद की गई। इस परिवार को समूह द्वारा 20 किलो गेहूं, 5 किलो चावल, 10 किलो प्याज, 2 किलो दाल,1 किलो तेल, 2 किलो नमक, 7 किलो गेहूं आटा, 2 किलो शक्कर एवं 500 ग्राम चाय पत्ती खाद्य सामग्री प्रदान की गई। यहां सामग्री परिवार की मुखिया कमलाबाई को दी गई।
मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जिला परियोजना प्रबंधक रीना कुमारी का कहना है कि ग्राम संगठन के कोष में भी राशि रहती है व समूह की गरीब महिलाओं द्वारा छोटी-छोटी बचत, आपसी लेनदेन से प्राप्त ब्याज से एकत्रित की जाती है। इस राशि का उपयोग ग्राम संगठन अपने सदस्य आवश्यकतानुसार समय-समय पर ऋण वितरण के रूप में करता है। परंतु इन महिलाओं ने संकट की घड़ी में नियम के ऊपर उठकर जनसेवा का जो कार्य किया है वह वाकई में पुनीत का कार्य है। यह एक सराहनीय कदम है, जनभावना को जागृृत करता है।