अर्थ ऑवर’ पर एण्डटीवी के कलाकारों ने लिये नन्हें कदम धरती की ओर
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‘वल्र्ड वाइड फंड’ द्वारा शुरू किये गये और मनाये गये ‘अर्थ ऑवर’ को पूरी दुनिया में लोगों ने सराहा है। इस साल भी एण्डटीवी के कलाकार ‘हप्पू की उलटन पलटन’ की कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी), ‘भाबीजी घर पर हैं’ की अंगूरी भाबी (शिवांगी अत्रे), ‘संतोषी मां सुनाये व्रत कथायें’ की असुर रानी पाॅलोेमी (सारा खान), ‘गुड़िया हमारी सभी पे भारी’ की गुड़िया (सारिका बहलोरिया) और ‘येशू’ की मेरी (सोनाली निकम) इसे प्रतीक के तौर पर मनाने वाले हैं। अपनी धरती के लिये 27 मार्च, 2021 को, रात 8.30 बजे ये सभी कलाकार गैर-जरूरी लाइट्स को बंद रखेंगे और उन्होंने बाकी लोगों से भी ऐसा करने की गुजारिश की है। हिमानी शिवपुरी उर्फ कटोरी अम्मा कहती हैं, ‘‘दिनोंदिन हमारी धरती चिंताजनक रूप से बदल रही है और यहां पर्यावरण में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। प्रकृति को लगातार पहुंच रही क्षति के कारण काफी सारी मौसमी घटनाएं हो रही हैं, जैसे ग्लोबल वाॅर्मिंग की वजह से बर्फ पिघल रही है, जंगलों में आग लग रही है और ऐसी ही कई सारी घटनाएं देखने को मिल रही हैं। यह हम सबके लिये तत्काल कदम उठाने की चेतावनी है। यदि हम सब ‘अर्थ ऑवर‘ के दौरान एक छोटा-सा कदम उठाते हैं, तो यह वाकई में बड़ा काम कर सकता है। हमारे योगदान को आगे आने वाली पीढ़ी भी समझेगी, इससे उनके लिये एक सुरिक्षत और बेहतर पर्यावरण का निर्माण होगा।’’ शुभांगी अत्रे यानी हमारी अंगूरी भाबी कहती हैं, ‘‘भारत अद्भुत वन्यजीवों के रहने के लिये एक बेहतरीन आवास है। साथ ही इस देश को जैव विविधताओं का भी हाॅटस्पाॅट माना जाता है। लेकिन जैसे-जैसे भारत तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है, यहां वन्यजीव, जिनमें शेर, हाथी, गैंडे जैसी करिश्माई प्रजातियां और उनके घरों पर लगातार विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। एक नागरिक होने के नाते यह जानकर बहुत दुख होता है कि शिक्षा और तकनीक के बावजूद, हम अपनी धरती मां की देखभाल करने में सक्षम नहीं हैं। ‘अर्थ ऑवर’ पर मैं अपनी धरती और यहां के रहवासियों के लिये संकल्प लेने वाली हूं।’’ सारा खान उर्फ असुर रानी पाॅलोमी कहती हैं, ‘‘अर्थ ऑवर’ लोगों की ताकत और प्रतिबद्धता से जुड़ा है। इसमें हजारों लोगों के सक्रिय समर्थन से पर्यावरण को बचाने और इस पर एक एकजुट होकर रहने वाली सारी चीजों की सुरक्षा पर काफी बड़ा प्रभाव पड़ेगा। यदि हम एक साथ मिलकर इस बात को समाज, अलग-अलग समुदायों और छोटे-छोटे परिवारों तक तक पहुंचायें तो वे इसे अपनी जिम्मेदारी समझेंगे और सिर्फ एक घंटे के लिये बत्तियों को बुझाकर रखेंगे। इन 60 मिनटों में आप कुछ ऐसा कर रहे हैं जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता।’’ सारिका बहलोरिया उर्फ गुड़िया कहती हैं, ‘‘हम अक्सर अपनी प्रकृति मां को अनदेखा कर देते हैं। हम इस बात को समझ नहीं रहे हैं कि इतने समय से हमारी धरती जो कुछ सहती आ रही है वह बतौर नागरिक हमारे ऊपर गंभीर सवाल खड़े करती है। इस ‘अर्थ ऑवर’ पर अपनी जिम्मेदारी निभायें और प्रकृति के साथ दोबारा रिश्ता जोड़ें।’’ सोनाली निकम उर्फ मेरी कहती हैं, ‘‘किसी को कुछ देना जीवन जीने का एक तरीका है। हमें जीवन देने वाली प्रकृति ने हमें अकूत चीजें दी हैं, जोकि धीरे-धीरे कमजोर होती जा रही हैं। इस ‘अर्थ आॅवर’ पर आइये हम कुछ देते हैं और अपनी धरती के लिये थोड़ा और प्रयास करते हैं। अपने अप्लांयसेस को स्विच ऑफ़ करें और खुद को उन सितारों में ढूंढने की कोशिश करें।’’