ध्वजारोहण और भगवान की रथ यात्रा के साथ शुरू हुवा पंचकल्याणक महोत्सव 




सुसनेर। सिर पर कलश लिए महिलाएं, बैंड पर बजते भजनो पर थिरकती युवाओं की टोली, रथ में सवार पार्श्वनाथ भगवान और उसको खींचते हुएं समाजजन, और अपने घर के द्वार पर आने पर समाजजनो के द्वारा आरती की जा रही थी तो वही घरों आचार्य दर्शन सागर जी महाराज का समाजजनो  द्वारा पाद प्रक्षालन भी किया जा रहा था। गुरूवार को दिन भर नगर की मुख्य सड़को पर यही नजारा दिखाई दे रहा था। यहां अवसर था नगर में सात वर्षो बाद आयोजित हो रहे दिगम्बर जैन समाज के पंचकल्याणक महोत्सव की शुरूआत का। जिसकी शुरूआत गुरूवार सुबह 8:30 बजे इंदौर-कोटा राजमार्ग स्थित त्रिमूर्ति मंदिर में तथा कृषि उपज मण्डी परिसर में मंत्रोच्चार के साथ कोमलचंद जैन व सचिन जैन के परिवार के द्वारा ध्वजारोहण करके की गई। यहां दसों दिशाओं का आह्वान करके 10 रंगों की धर्म पताकाएं भी लगाई गई। यहां पर झंडावंदन से पूर्व मंगल कलश भी चढाया गया। उसके बाद आयोजन में साथ सौ धर्म इंद्र, भगवान व उनके माता-पिता काे लेने के लिए समाजजन बैंड बाजे के साथ जूलूस के रूप में इंद्रो के घर पहुंचे तथा वहां से सम्मानपूर्वक उन्है लाया गया। इस दौरान सभी जगहों पर भगवान की माता की गोद भराई भी की गई। उसके पश्चात दोपहर में दिगम्बर जैन बडा मंदिर से भगवान पार्श्वनाथ की वार्षिक रथ यात्रा भी निकाली गई। रथ यात्रा की शुरूआत में अशोक कंठाली व उनके परिवार के द्वारा श्रीजी की आरती कर की गई। जिसके बाद श्रद्धालुओं ने अपने हाथों से श्रीजी के रथ को खींचकर रथ यात्रा की शुरूआत की। यात्रा में महिलाएं अपने सिर पर कलश लिये शामील थी। रथ यात्रा नगर के जुनीकचहरी से होते हुएं सराफा बाजार, शुक्रवारीया बाजार, स्टेट बैंक चौराहा, हाथी दरवाजा, पुराना बस स्टेंड, पांच पुलिया, सांई तिराहा व डाक बंगला तिराहे से होते हुएं राजमार्ग स्थित त्रिमूर्ति मंदिर पहुंची। जहां पर श्रीजी का अभिषेक करके उनको आयोजन के लिए बनाई गई वेदी में विराजमान किया गया। इस अवसर पर बडी संख्या मे समाजजन मौजूद थे। इस पूरे आयोजन के दौरान जिन वैदीयों पर प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान की प्रतिमाएं विराजमान किया जाना है उनका शुद्धीकरण भी किया गया।इंद्रो और विधानाचार्यो ने आचार्य श्री को किया आमंत्रित इस आयोजन में शामिल होने के लिए सौ धर्म इंद्र, इंद्राणीयां और इंदौर के विधानाचार्य नितीन झांझरी और आगर के पंडित शांतिलाल जैन और संगीतकार पंकज जैन ने त्रिमूर्ति मंदिर परिसर में विराजमान आचार्य  दर्शन सागरजी महाराज को अर्ध्य चढाकर विधिविधान पूर्वक उनको इस आयोजन में शामिल हाेने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर आचार्य  दर्शन सागरजी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को राग द्वेश की भावना को भुलकर एक जूटता के साथ कार्य करने की बात कहते हुएं सभी के सहयोग से इस आयोजन को सफल बनाने की अपील समाजजनो से की।


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