प्रज्ञाकुञ्ज आमला वटवृक्ष की तरह समाज निर्माण में अपनी जड़ें फैला रहा है। -डॉ चिन्मय पण्डिया

आगर मालवा-बीज से ही बरगद बनता है छोटे-छोटे प्रयास ही मनुष्य के जीवन में एक बड़ा परिवर्तन लाते हैं प्रज्ञा कुंज आमला भी आज धीरे-धीरे वटवृक्ष की तरह समाज निर्माण में अपनी जड़ें फैला रहा है यहां के छोटे-छोटे प्रकल्प निश्चित ही देदीप्त्य नक्षत्र की भांति क्षेत्र में समाजसेवा , स्वास्थ्य और स्वावलंबन की दिशा में मील का पत्थर है । गुरुकुल की स्थापना में सभी का सहयोग आवश्यक है समाज में आज कई ऐसे भी भामाशाह हैं जो एक ही व्यक्ति संपूर्ण आश्रम की व्यवस्थाओं का संचालन कर सकते है परंतु गायत्री परिवार आज जिस स्थिति में विश्व में स्थापित है उसमें गिलहरी की तरह अपना यथा योग्य सहयोग सेवा व समर्पण करने वालो अनदेखी नहीं की जा सकती है। 


   दुनिया में आज कई क्षेत्रों में आसुरी तांडव चल रहा है परिस्थितियां देवासुर संग्राम की भांति परिलक्षित हो रही है ।समाज कुरुक्षेत्र बना हुआ है  कई जगह मनुष्य में रावण का चरित्र उभर रहा है  इसलिए  आज मनुष्य के चिंतन को सही करना आवश्यक है  इसके लिये गायत्री मंत्र का जाप अनिवार्य है गायत्री बुद्धि की देवी है जो मनुष्य के मन और मस्तिष्क को दुरुस्त करने का कार्य करती है संवेदना जागने पर ही  मनुष्य में देवत्व का उदय होता है। यह विचार अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देशन में संचालित देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉक्टर चिन्मय पंड्या ने प्रज्ञा कुंज आमला में श्रीराम गुरुकुलम की शिला पूजन कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए। इस अवसर पर उनके साथ शांतिकुंज से मध्य झोंन प्रभारी योगेंद्र गिरी जी युवा प्रकोष्ठ प्रभारी सदानंद आंबेकर धर्म एवं विज्ञान विभाग के प्रोफ़ेसर  ओमप्रकाश तेजरा भोपाल शक्तिपीठ के विवेक जी एवं सुसनेर विधायक के प्रतिनिधि के रूप में राणा अनिरुद्ध सिंह भी मंचासीन थे प्रज्ञा कुंज आमला के प्रमुख ट्रस्टी मणि शंकर चौधरी ने प्रज्ञा कुंज  की स्थापना से अभी तक के कार्यों की रूपरेखा रखी ।




 प्रज्ञा कुंज पहुंचने पर डॉ पण्डिया ने क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की गोष्टी लेकर उनसे भेंट की इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुऐ कहा कि सुसनेर और मालवा क्षेत्र मेरे पिता के बचपन की यादों से जुड़ा हुआ है इसलिए आज इस माटी को प्रणाम करने का और आप सभी से भेंट करने का सौभाग्य मुझे मिला है आप सभी से यह आशाएं हैं कि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाएं तभी उनका विचार क्रांति अभियान सफल हो सकेगा। इस  दौरान उन्होंने प्रज्ञा कुंज परिसर में प्रज्ञा ईश्वर महादेव मंदिर का भूमि पूजन एवं नेचुरोपैथी सेंटर का उद्घाटन भी किया।


विशेष झलकियां 


 *आयोजन में गायत्री साधको ने भी गुरुकुलम की स्थापना हेतु शिला पूजन किया।
* विशिष्ठ साधको ने तुलसी को अर्घ्य चढ़ाकर गुरुकुल के आरंम्भ होने तक तुलसी साधना करने का संकल्प लिया । 
* जिला  प्रदेशयुवा प्रकोष्ठ के प्रतिनिधि द्वारा श्रद्धेय पण्डियाजी को माँ बगुलामुखी की तस्वीर भेंट की गई।
* देवसंस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के छात्र छात्राओं का दल भी उपस्थित था ।


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