नेशनल हाइवे अर्थटी ने इंदौर-काेटा राजमार्ग काे अपने हाथ में लेने की कारवाई की शुरू
सुसनेर। इंदौर-कोटा राजमार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के करीब डेढ साल बाद अब केन्द्र सरकार के द्वारा 24 जनवरी 2020 को गजट नोटिफिकेशन जारी कर राजपत्र में प्रकाशन किये जाने के बाद नेशनल हाइवे अर्थटी ने इसे अपने हाथों में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया के शुरू होने के बाद इंदौर-कोटा राजमार्ग के पुन: निर्माण के लिए एमपीआरडीसी के द्वारा बनाई गई 395 करोड की योजना पर भी ब्रेक लग गया है। इसके अलावा अब इस मार्ग पर सड़क के दोनो किनारे बने मकान मालिकों और पेट्रोल पम्प संचालको सहित अन्य लोगो को राष्ट्रीय राजमार्ग के नियमों का पालन करना होगा। साथ ही अब इस मार्ग पर अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिये नेशनल हाइवे अर्थटी की शरण में जाना होगा।
2018 में घोषित किया था नेशनल हाईवे
552 जी इंदौर-कोटा राजमार्ग को केन्द्र सरकार ने वर्ष 2018 में राष्ट्रीय राजमार्ग 552 जी घोषित कर केन्द्र सरकार के सडक परिवहन मंत्रालय ने इस संबंध में गजट नोटीफिकेशन भी जारी किया था। यह मार्ग उज्जैन, घोसला, घटिया, आगर, सुसनेर, सोयत, डोंगरगांव होते हुए मध्यप्रदेश की सीमा से राजस्थान की सीमा से होते हुए कोटा तक जाता है।
नेशनल हाइवे अर्थटी को सोपने की प्रक्रिया जारी है
केन्द्र सरकार ने वर्ष 2018 में इंदौर-कोटा राजमार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग 552 जी घोषित िकया था। अब 24 जनवरी 2020 को इस मार्ग को नेशनल हाइवे अर्थटी को सोपे जाने का गजट नोटीफिकेशन जारी हुआ है। जिसके पालन में सोपने की प्रक्रिया जारी है। इस मार्ग के लिये एमपीआरडीसी ने 395 करोड की योजना बनाई थी। किन्तु अब उसका कोई मतलब नहीं है। मार्ग के सम्बंध में अब नेशनल हाइवे अर्थटी ही कोई निर्णय ले सकती है।
अभिषेक गोखरू
संहायक महाप्रबंधक एमपीआरडीसी।