आगर मालवा- आज शाम को आगर में सीजन की सबसे तेज बारीश हुई। इस दौरान आकाशीय बिजली गिरने से झलारा के एक कृषक की मौत हो गई। जबकि दूसरे का उपचार जारी है। बताया जा रहा है कि जिस वक्त यह घटना हुई बुजुर्ग भैंस चरा रहे थे।वही बारिश के दौरान नाना बाजार स्थित गुप्तेश्वर महादेव मंदिर के शिखर का कलश गिर गया। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम झलारा के दो बुजुर्ग भैंस चरा रहे थे तभी आकाशीय बिजली गिरने से पर्वत पिता नग सिंह उम्र लगभग 77 वर्ष व करण सिंह पिता भेरूसिंह उम्र लगभग साल 75 वर्ष गंभीर रूप से घायल हो गए है।घायल पर्वत सिंह को केयर हॉस्पिटल लाया गया है। केयर हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ विशाल बनासिया ने बताया कि प्रारंभिक उपचार के पर्वत सिंह को दौरान मृत घोषित कर दिया गया। झलारा निवासी पूर्व जनपद सदस्य बालाराम शर्मा ने बताया कि यहाँ से शव पोस्टमार्टम हेतु जिला अस्तपाल ले जाया गया है। दूसरे घायल करण सिंह को बैजनाथ हॉस्पिल ले जाया गया था। हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ धीरज सांखला ने बताया कि करण सिंह का उपचार जारी है। नाना बाजार निवासी पंकज कुंभकार ने शब्द संचार को बताया कि प्राचीन बावड़ी स्थित गुप्तेश्व
आगर मालवा- आज सोमवार दोपहर रानी सती मंदिर के समीप स्थित गुरुकुल स्कूल के सामने से चोरों ने मोटरसाइकिल ले जाने का असफल प्रयास किया। वे गाड़ी का हैंडल लॉक तोड़ने में सफल भी हो गए थे।किंतु मकान मालिक के जाग जाने की वजह से मोटरसाइकिल पर बैठकर भाग गए। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। मोटरसाइकिल से सवार होकर 3 लड़के गली में आये और घूमकर अंदाज लगाया कि सब घर के अंदर है। हलचल की आहट से लड़के भागे भी ,पर वे पुनः लौट कर और हैंडल लॉक तोड़ दिया।
कल 21 अगस्त 2023 को नाग पंचमी पर्व मनाया जाएगा।इस वर्ष सावन माह के सोमवार के दिन ही नाग पंचमी का योग भी बना है। जानते हैं उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर स्थिति नाग देवता के इस मंदिर के बारे में जो बर्ष में सिर्फ एक बार खुलता है श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी 21 अगस्त 2023 को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा, सनातन धर्म में इस दिन भगवान शिव जी के साथ सर्पों की पूजा का विधान है, हिंदू धर्म में नाग पूजनीय माने गए हैं, जहां भगवान शिव के गले में विराजते हैं तो शेषनाग पर भगवान विष्णु शयन करते हैं। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग में से एक है महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर में की तीसरी मंजिल पर मौजूद है नागचंद्रेश्वर मंदिर ये मंदिर भक्तों के लिए बर्ष में सिर्फ नागपंचमी के दिन 24 घंटे के लिए ही खुलता है। नागचंद्रेश्वर मंदिर 11वीं शताब्दी में बनाया गया था, यहां फन फैलाए नाग की एक अद्भुत प्रतिमा है जिस पर शिवजी और मां पार्वती बैठे हैं, मान्यता है कि यहां नागराज तक्षक स्वयं मंदिर में रहते हैं।ग्रंथों के अनुसार नाग देवता की ये प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। दावा है कि