कोरोना से कब मिलेगी पृथ्वी को निजात.... 👏👏👏 ब्यावर के एस्ट्रोलॉजर दिलीप नाहटा की भविष्यवाणी .... गुरु हस्ती कृपा से ग्रहों के अनुसार पृथ्वी पर आने वाले अगले लगभग 175 दिनों तक यानी 23 सितंबर 2020 तक विश्व के कई देशों में कोरोना जैसे वायरस या अन्य तरह के कई वायरसों से या प्राकृतिक आपदाओं से या युद्ध से तबाही होने के संकेत परंतु भारत को आने वाले लगभग 90 दिनों तक बेहद संभलकर चलने की जरूरत यानी लगभग 06 जुलाई 2020 तक भारत इस वायरस पर पूरी तरह से अंकुश लगाने में हो जाएगा कामयाब , इसके अलावा 29 अप्रैल 2020 को पृथ्वी के पास से गुजरने वाले एस्टरॉयड से नहीं होगा दुनिया का अंत , कहते हैं ब्रह्मांड में कोई ईश्वरीय शक्ति मौजूद है , यदि नाहटा के बताए गए मंत्रों को पूरे भारतवासी कर गए तो नाहटा का मानना है कि जल्दी ही आज से 40 दिनों के भीतर यानी 14 मई 2020 तक भारत इस वायरस पर काबू पाने में सफल हो जाएगा और इन मंत्रों को करने वालों को यह वायरस छू भी नहीं सकेगा , इसके अलावा देश सेवा हेतु लोक कल्याण की भावना के उद्देश्य से नाहटा पूरे देशभर की जनता को हिम्मत देने हेतु यानी देशभर की जनता का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से 06 अप्रैल 2020 से ज्योतिष के माध्यम से नाहटा बिल्कुल निशुल्क रूप से प्रतिदिन लोक डाउन तक देशभर की जनता के द्वारा पूछे गए दो सवालों का जवाब देंगे एवं नाहटा ने भारत सरकार को दिए सात नए सुझाव , इस एप्स में जानिए पूरी डिटेल्स .....


ग्रहों के अनुसार पृथ्वी पर आने वाले अगले लगभग 175 दिनों तक यानी 23 सितंबर 2020 तक विश्व के कई देशों में कोरोना जैसे वायरस या अन्य तरह के कई वायरसों से या प्राकृतिक आपदाओं से या युद्ध से तबाही होने के संकेत परंतु भारत को आने वाले लगभग 90 दिनों तक बेहद संभलकर चलने की जरूरत यानी लगभग 06 जुलाई 2020 तक भारत इस वायरस पर पूरी तरह से अंकुश लगाने में हो जाएगा कामयाब , इसके अलावा 29 अप्रैल 2020 को पृथ्वी के पास से गुजरने वाले एस्टरॉयड से नहीं होगा दुनिया का अंत , कहते हैं ब्रह्मांड में कोई ईश्वरीय शक्ति मौजूद है , यदि नाहटा के बताए गए मंत्रों को पूरे भारतवासी कर गए तो नाहटा का मानना है कि जल्दी ही आज से 40 दिनों के भीतर यानी 14 मई 2020 तक भारत इस वायरस पर काबू पाने में सफल हो जाएगा और इन मंत्रों को करने वालों को यह वायरस छू भी नहीं सकेगा , इसके अलावा देश सेवा हेतु लोक कल्याण की भावना के उद्देश्य से नाहटा पूरे देशभर की जनता को हिम्मत देने हेतु यानी देशभर की जनता का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से 06 अप्रैल 2020 से ज्योतिष के माध्यम से नाहटा बिल्कुल निशुल्क रूप से प्रतिदिन लोक डाउन तक देशभर की जनता के द्वारा पूछे गए दो सवालों का जवाब देंगे एवं नाहटा ने भारत सरकार को दिए सात नए सुझाव , इस एप्स में जानिए पूरी डिटेल्स ...


भारत में 06 जुलाई 2020 तक कोरोना वायरस के कहर का होगा पूरी तरह से खात्मा , यदि नाहटा के बताए गए मंत्रों को पूरे भारतवासी कर गए तो नाहटा का मानना है कि जल्दी ही आज से ठीक 40 दिनों के भीतर यानी 14 मई 2020 तक भारत इस वायरस पर काबू पाने में सफल हो जाएगा और इन मंत्रों को करने वालों को यह वायरस छू भी नहीं सकेगा


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ग्रहों के अनुसार पृथ्वी पर आने वाले अगले लगभग 175 दिनों तक यानी 23 सितंबर 2020 तक विश्व के कई देशों में कोरोना जैसे वायरस या अन्य तरह के कई वायरसों से या प्राकृतिक आपदाओं से तबाही होने के संकेत एवं पृथ्वी के कई देशों की अर्थव्यवस्थाएं के हालात पूरी तरह मंदी की चपेट में रहने के योग .....* राजस्थान में अजमेर जिले में स्थित ब्यावर शहर के एस्ट्रोलॉजर एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ दिलीप नाहटा के अनुसार आज से ठीक 23 सितंबर 2020 तक भारत को छोड़कर दुनिया के कई देशों को कोरोना वायरस या अन्य तरह के किसी न किसी वायरसों के आतंक से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है एवं कई देशों की अर्थव्यवस्था भी खत्म होने के कगार पर पहुंच जाने के योग बनते है यानी पूर्णतया मंदी की चपेट में पहुंच जाएगी , इसके अलावा भले ही चीन ने अपने शहरों को खोल दिया हो यानी अपनी अर्थव्यवस्था को चालू कर भी दिया हो परंतु गोचरीय कुंडली के अनुसार चीन में आने वाले 23 सितंबर 2020 तक भारी उथल-पुथल मची रहेगी , यही नहीं वहां पर भी कोरोना जैसे वायरस के दुबारा पनपने या अन्य तरह के किसी न किसी वायरस के पनपने के योग बनते हैं , इसके अलावा 23 सितंबर 2020 तक भारत को छोड़कर दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं पूरी तरह से जाम रहेगी यानी चौपट हो जाएगी , अगर उनकी अर्थव्यवस्थाएं स्टार्ट भी हो गई तो मंदी की मार से उबर नहीं पाएगी यानी कई देशों के व्यापार पूर्णतया चौपट हो जाएंगे , इसके अलावा दुनिया भर के कई देशों में प्राकृतिक आपदाएं जैसे ... भूकंप का आना , ज्वालामुखी का आना ,साइक्लोन का आना,बाढ़ आने से तबाही होने , गर्मी का प्रकोप रिकॉर्ड तोड़ बढ़ने से भी हैजा , डायरिया  यानी उल्टी-दस्त होने से या अन्य तरह के बुखार आने से जनहानि होने से कई देशों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है अतः कुल मिलाकर 23 सितंबर 2020 तक भारत को छोड़कर दुनिया के कई देशों को जनहानि होने से भारी संकटों का सामना करना पड़ सकता है  ●●●●●●●●●●●●●●●


भारत को आने वाले लगभग 90 दिनों तक बेहद संभलकर चलने की जरूरत यानी लगभग 06 जुलाई 2020 तक भारत इस वायरस पर पूरी तरह से अंकुश लगाने में हो जाएगा कामयाब , परंतु नीचे दिए जा रहे मंत्रों को  किया गया तो 14 मई 2020 तक भारत इस वायरस पर पूरी तरह लगाम लगा सकता है , इसके अलावा भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति कैसी रहेगी , जानिए .....* राजस्थान में अजमेर जिले में स्थित ब्यावर शहर के एस्ट्रोलॉजर एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ दिलीप नाहटा के अनुसार भारत की कुंडली के अनुसार 12 दिसंबर 2019 से लेकर 12 मार्च 2020 तक चंद्रमा की महादशा में शनि की अंतर्दशा चल रही थी एवं 12 मार्च 2020 से लेकर 03 जून 2020 तक चंद्रमा की महादशा में बुध की अंतर्दशा रहेगी , इसके बाद 03 जून 2020 से लेकर 06 जुलाई 2020 तक चंद्रमा की महादशा में केतु की अंतर्दशा चलेगी , भारत की कुंडली के अनुसार इस तरह के ग्रहों की युक्तियां देश के लिए ठीक नहीं मानी जाती है फिर भी दुनिया के अधिकतर देशों के मुकाबले भारत काफी हद तक बचा रहेगा , गोचरीय कुंडली की स्थिति को देखें तो 14 मई 2020 से देव गुरु बृहस्पति मकर राशि में वक्री होंगें एवं शनि भी मकर राशि में इस समय विराजमान है अतः 30 मार्च 2020 से लेकर 14 मई 2020 तक भारत में इस वायरस की गति बढ़ते हुए क्रम में बढ़ती जाएगी लेकिन किसी भी भारत के व्यक्ति को इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि आने वाले 14 मई 2020 के बाद से लेकर 06 जुलाई 2020 के मध्य तक भारत से यह वायरस पूरी तरह खत्म होने लग जाएगा , ग्रहों की चाल के अनुसार 14 अप्रैल 2020 से या 14 मई 2020 से लेकर 30 जून तक भारत में रिकॉर्ड तोड़ भयंकर गर्मी पड़ने के योग बन रहे हैं जो पिछले 100 साल में भी नहीं पड़ी होगी और गर्म हवाओं से यानी भयंकर लू के चलने के योग भी बन रहे हैं अतः 14 मई 2020 से मकर राशि में गुरु के वक्री होकर 30 जून 2020 तक इसी राशि में रहने तक यह स्थिति भारत में ही नहीं दुनियाभर में खतरनाक रिकॉर्ड तोड़ गर्मी से एवं गर्म हवाओं से यानी लू की भयंकर चपेट बनाकर रखेगी , इसके कारण कुदरत यानी प्रकृति ही इस वायरस से इस खतरनाक गर्मी एवं गर्म हवा से यानी लू की भयंकर स्थिति के कारण ये वायरस भारत से 06 जुलाई 2020 तक या इससे पहले पूरी तरह से गायब होता नजर आएगा , इसके अलावा गुरु की दृष्टि कर्क राशि पर पड़ने से यह भारत को काफी हद तक बचा के भी रखेगा और कुंडली में कर्क राशि भारत की राशि है यानी देव गुरु बृहस्पति ही भारत की स्थिति को पूरी तरह कंट्रोल करने में सक्षम हो जाएंगे फिर भी भारत के लोगों को आने वाले समय में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखनी होगी , कुल मिलाकर आज से ठीक अगले 40 दिन भारत के लिए चिंताजनक तो बने रहेंगे , अतः आज आवश्यकता है पूरे भारत को बचाने की , इसके लिए इस समय केवल ईश्वरीय शक्ति के द्वारा दिए गए मंत्रों का ही सहारा बचा है जो हमें पूरी तरह इस आपदा से एवं इस संकट की घड़ी से बचा सकता है यानी 14 मई 2020 के बाद इस वायरस की रफ्तार घटते हुए क्रम में चलेगी और कभी कभार बढ़ते हुए क्रम में भी चल सकती है , किंतु धीरे-धीरे यह वायरस 06 जुलाई 2020 के आते-आते भारत से लगभग खत्म होने के कगार पर आ जाएगा , परंतु गोचरीय कुंडली को देखें तो राहु मिथुन राशि में इस समय चल रहे हैं और 23 सितंबर 2020 को मिथुन राशि से निकलकर वृषभ राशि में आएंगे तब तक संपूर्ण पृथ्वी के लोगों को एवं भारत के सभी 135 करोड़ नागरिकों को लगभग 175 दिनों तक पूरी तरह से अपने कामकाज करते हुए भी यानी व्यापार करते हुए भी सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखनी होगी , तभी हम इस वायरस को जड़ से खत्म कर पाएंगे अन्यथा सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रखने पर जुलाई लास्ट में और अगस्त 2020 में यह वायरस फिर जाग सकता है इसलिए सभी भारत के 135 करोड़ लोगों से निवेदन है कि अगले 06 महीने तक जितना हो सके , सामाजिक दूरियां बनाकर रखें यानी सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें , इसके अलावा 06 जुलाई 2020 के बाद से या 01 अगस्त 2020 के बाद से भारत की अर्थव्यवस्था में भी थोड़ा बहुत सुधार होने लगेगा और उस समय भारत के नागरिकों का व्यापार भी मंदी की मार के बाद थोड़ा बहुत सुधरने लगेगा एवं 23 सितंबर 2020 से लेकर 20 नवंबर 2020 तक भारत के नागरिकों का व्यापार पहले से तेज गति पकड़ने लगेगा और भारतीय अर्थव्यवस्था भी तेज गति पकड़ने लग जावेगी , दुनिया भर में भारत ही एक ऐसा राष्ट्र बनेगा जो इतनी जल्दी न केवल इस वायरस पर काबू पा लेगा अपितु भारत की अर्थव्यवस्था भी विश्व भर के सभी देशों से पहले तेज गति से दौड़ने लगेगी , इसका सारा क्रेडिट भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को जाएगा , इसके अलावा भारत को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि 14 मई 2020 से लेकर 06 जुलाई 2020 तक भारत में गर्मी एवं लू यानी गर्म हवाओं का प्रकोप तेज होने से हैजा , डायरिया यानी उल्टी-दस्त होने से या अन्य तरह के बुखार आने से प्रकोप बढ़ सकता है एवं कोरोना वायरस के अलावा कोई बर्ड फ्लू या अन्य तरह के वायरस भी कुछ दिनों तक भारत को परेशान कर सकते हैं अतः कुल मिलाकर भारत के सभी 135 करोड़ लोगों को 06 जुलाई 2020 तक बेहद संभलकर सामाजिक दूरियां बनाते हुए यानी सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर चलना होगा तभी हम सभी मिलकर इस वायरस का जड़ से सफाया कर पाएंगे ।।


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*सोने , चांदी एवं शेयर मार्केट की स्थिति कैसी रहेगी


 ज्योतिषी में गोचरीय कुंडली को देखते हैं तो भारत में एवं दुनिया भर में सोने , चांदी एवं शेयर मार्केट की स्थिति में 23 सितंबर 2020 के बाद से सुधार होता हुआ नजर आएगा , सोने एवं चांदी की रेट आसमान छूने लगेगी एवं शेयर मार्केट में भी तेजी आने के योग बनते हैं , यह स्थिति 23 सितंबर 2020 से लेकर 20 नवंबर 2020 तक बनती हुई नजर आ रही है , इससे पहले जागरूक नागरिकों से निवेदन है कि 23 सितंबर 2020 से पहले सोने , चांदी एवं शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट करने से बचें , इस समय अपनी शेविंग को बचा कर रखें , परंतु दुनिया भर में केवल भारत के शेयर मार्केट में 06 जुलाई 2020 के बाद से लेकर 23 सितंबर 2020 में काफी सुधार होता नजर आएगा और भारत में सोने , चांदी एवं शेयर बाजार में 23 सितंबर 2020 के बाद अच्छी तेजी आने के योग बनते देखे जा सकते हैं और खाने-पीने की हर चीजों में अब से लेकर 23 सितंबर 2020 तक महंगाई की मार पड़ सकती है  ●●●●●●●●●●●●●●● *


भारत में लोक डाउन की स्थिति कब तक रहने के लिए योग बनते हैं .....*


ग्रह के अनुसार ज्योतिष में गोचरीय कुंडली को देखे तो दुनिया भर में जो लोक डाउन की स्थिति बनी है परन्तु इस समय पृथ्वी पर कई देशों ने 03 महीने तक या 06 महीने तक अपने देश को लोक डाउन कर दिया है उतनी बड़ी लोक डाउन की स्थिति भारत में नहीं बनती देखी जाएगी , परंतु भारत की कुंडली के अनुसार 05 मई 2020 तक या 14 मई 2020 तक या 26 मई 2020 तक भारत के लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक दूरियां पर ज्यादा ध्यान दिया जा सकता है जो इस वायरस को भगाने के लिए आवश्यक भी है आपस में लोग अपनी सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखेंगे तो भारत के लिए ज्यादा बेहतर होगा ।।


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भारत के वैज्ञानिक एवं डॉक्टर इस वायरस की एंटी डोज बनाने में होंगे कामयाब .....*


इस समय  30 मार्च 2020 तक दुनिया के लगभग संपूर्ण 195 देशों में से लगभग 180 देशों में करोना वायरस फैल चुका है यानी 30 मार्च 2020 से लेकर 14 मई 2020 तक भारत की स्थिति भी थोड़ी चिंताजनक रहेंगी एवं भारत को बहुत संभलकर चलने की जरूरत रहेगी लेकिन 30 मार्च 2020 से लेकर 14 मई 2020 के मध्य तक या मई के महीने में निम्न देश अमेरिका , ताइवान , चीन , इजरायल , ऑस्ट्रेलिया , जापान ओर भारत इसकी वैक्सीन या एंटी डोज निकालने में कामयाब होंगे , लेकिन सबसे ज्यादा कारगर एवं सटीक दवाई भारत के वैज्ञानिक एवं डॉक्टर निकालने में सफलता प्राप्त करेंगे यानी भारत के वैज्ञानिक एवं डॉक्टर ऐसी दवाई की खोज कर लेंगे जो इस वायरस पर काफी हद तक काबू पा लेगी और इसका सारा क्रेडिट विश्व स्तर पर भारत के पीएम श्री नरेंद्र जी मोदी को यानी मोदी सरकार को जाएगा ।।


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29 अप्रैल 2020 को पृथ्वी के पास से गुजरने वाले एस्टरॉयड से नहीं होगा दुनिया का अंत  .....*


 राजस्थान में अजमेर जिले में स्थित ब्यावर शहर के एस्ट्रोलॉजर एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ दिलीप नाहटा के अनुसार ऐसे ग्रह अभी कुंडली में मौजूद नहीं है जो पृथ्वी का बाल भी बांका कर सके , इसके लिए कुंडली में अष्टम भाव में या द्वादश भाव में शनि , राहु , केतु , मंगल की एक साथ युक्ति बनती है तब यह पृथ्वी पर तबाही मचा सकते है , इसलिए किसी भी व्यक्ति को सोशल मीडिया से फैलाई हुई अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए , अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार 29 अप्रैल 2020 को पृथ्वी के पास से एक एस्टरॉयड  527768 ( 1998 OR2 ) पृथ्वी के पास से जरूर गुजरेगा परंतु पृथ्वी को इससे कोई भी हानि नहीं होगी और ज्योतिष में ग्रहों के मापदंडों के आधार पर भी इस समय ऐसे एस्टरॉयड से पृथ्वी के विनाश का ऐसा कोई समय एवं योग नही आया है इसलिए पृथ्वी पर रहने वाले सभी लोग निश्चिंत रहें ।।


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नाहटा का दावा ..... 06 अप्रैल 2020 से यानी अहिंसा के अवतार 24 वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्म कल्याणक दिवस के दिन से करें यह मंत्र तो कोरोना वायरस के कहर से पूरे भारतवासी सुरक्षित बचे रहेंगे  .....* कहते हैं ग्रह नक्षत्रों से एवं विज्ञान से एवं डॉक्टर से भी ऊपर कोई ब्रह्मांड में ईश्वरीय शक्ति मौजूद है , यदि नाहटा के बताए गए मंत्रों एवं उपायों को पूरे भारतवासी कर गए तो नाहटा का दावा है कि जल्दी ही आने वाले अगले 40 दिनों के भीतर यानी 14 मई 2020 तक या इससे पहले तक इस वायरस पर काबू पाने में भारत सफल हो जाएगा और जिन्होंने इन मंत्रों को किया उन्हें यह वायरस छू भी नहीं सकेगा , नाहटा का मानना है कि भारतीय लोगों का ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण एवं विश्वास ही अब इस वायरस से जल्दी ही निजात दिला सकता है इसके लिए संपूर्ण भारत के लोगों को एकजुट होकर लोक डाउन तक नीचे दिए जा रहे निम्न ईश्वरीय मंत्र करने चाहिये अगर संपूर्ण भारत के लोगों ने एकजुटता दिखाकर इन मंत्रों को कर लिया तो नाहटा का मानना है कि जल्दी ही भारत इस वायरस से मुक्ति प्राप्त कर लेगा यानी ये वायरस जल्दी ही 14 मई 2020 तक भारत से गायब होने लग जाएगा , जो हमारे ज्योतिषीय आंकड़ों से भी परे होगा , इसके अलावा दुनिया भर के वैज्ञानिक मिलकर कोरोना वायरस की दवाई बनाने में लगे हैं लेकिन वैज्ञानिकों को अभी तक कोई सटीक दवाई हाथ नहीं लगी है और यदि इस कोरोना वायरस की दवाई बन भी गई तो इतना आसान नहीं है कि वह बनते ही एक ही दिन में बाजार में आ जाएगी , उसमें भी थोड़ा समय लगेगा , इस कारण आज आवश्यकता है की हमें पूर्णतया जागरूक रहते हुए केवल इस समय सिर्फ और सिर्फ नीचे दिए जा रहे ईश्वरीय मंत्रों को ही करना चाहिए जो हम सभी भारतीयों की एवं हमारी काफी हद तक रक्षा कर सकता है यानी हमारी काफी हद तक मदद कर सकता है , नाहटा संपूर्ण भारत वासियों को इस वायरस के डर को मिटाते हुए यह विश्वास दिलाते हैं कि इस संकट की घड़ी में केवल ईश्वरीय मंत्रों की शक्तिया ही एकमात्र उपाय है जो वर्तमान में चल रहे इस संकट को जल्दी ही छूमंतर कर सकती हैं , कहते हैं जब प्रकृति अपना संतुलन खो देती है तब न तो कोई डॉक्टर की दवा काम आती है और ना ही कोई विज्ञान हमें बचा सकता है , उस समय केवल एक ही शक्ति हमें बचा सकती है वह है इस ब्रह्मांड में मौजूद या प्रकृति में मौजूद ईश्वरीय शक्ति , कहते हैं त्रेता युग में भगवान राम ने मंत्रों को सिद्ध करके पृथ्वी पर मौजूद विध्वंसकारी ताकतों को नष्ट करने के लिए यानी उस समय की विध्वंसकारी ताकत रावण को मारने हेतु ब्रह्मास्त्र प्राप्त कर लिया था , जो पूरी पृथ्वी को अपने धनुष बाण के द्वारा ब्रह्मास्त्र को चलाकर मिनटों में नष्ट कर सकते थे


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दूसरी तरफ द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने विध्वंसकारी ताकतों को नष्ट करने हेतु सुदर्शन चक्र प्राप्त कर लिया था , जो पूरी पृथ्वी को अपने सुदर्शन चक्र को चलाकर मिनटों में नष्ट कर सकते थे , जो भगवान मंत्रों की शक्ति से ऐसे  दिव्यास्त्र प्राप्त करके दुनिया को जीत सकते हैं तो क्या हम सभी मिलकर इन मंत्रों से एक छोटे से वायरस को पृथ्वी से गायब नहीं कर सकते है , मेरा मानना है की इस कठिन परिस्थिति में इस समय यह मंत्र ही हमारी पूर्णरूपेण हिफाजत कर सकते है , यदि सही ढंग से और सही समय पर इन मंत्रों को किया जाए तो दुनियाभर में फैल चुकी कोरोना वायरस जैसी कोई भी विध्वंसकारी ताकत हमारा बाल भी बांका भी नहीं कर सकती और हम इन मंत्रों की शक्ति से ऐसे वायरसों से पूर्णरूपेण बचे रह सकते हैं , इसके लिए दृढ़ आस्था एवं विश्वास की जरूरत है , मेरा मानना है कि दुनियाभर में केवल भारत ही आस्था एवं विश्वास का देश है और ईश्वरीय शक्ति के प्रति भारतीय लोगों की आस्था एवं विश्वास की डोर लोगों के दिलों में इस तरह से समाई हुई है कि उनकी अपनी अपनी आस्था एवं विश्वास के कारण भारत के 135 करोड़ लोगों का जीवन किसी भी तरह के प्रकोप से अब तक बचता आ रहा है यही आस्था एवं विश्वास की डोर हम सभी भारतीयों में स्पष्ट रूप से झलकती है , इसी कारण मैं पूर्ण विश्वास एवं आस्था से यह कह सकता हूं एवं यह दावा भी कर सकता हूं कि विश्व स्तर के सभी 750 करोड़ लोग जिसमें भारत के 135 करोड़ लोग भी शामिल है , मेरे द्वारा बताए गए मंत्रों को करेंगे तो निश्चित रूप से कोरोना क्या , उसका बाप भी आपका बाल बांका नहीं कर पाएगा यानी प्रकृति एवं ब्रह्मांड में मौजूद ईश्वरीय शक्ति ही ऐसे वायरसों से नीचे दिए गए मंत्रो को करने वाले उस व्यक्ति को पूर्णरूपेण सुरक्षित रखेगी , इसके लिए आवश्यक है कोरोना वायरस या भविष्य में आने वाले अन्य तरह के कई वायरसों की मुक्ति हेतु या वायरसों से बचाव हेतु अभी से जीवन में निम्न पाँच नियमों का आप प्रतिदिन पालन करें


★★★★★ ( 01 ). पहला नियम ... मांसाहार का सेवन करना बंद करें यानी पूर्णरूपेण अहिंसक बने ..... प्रकृति पर रहने वाले किसी भी जीव को नहीं मारे और ना ही सताए यानी जैन धर्म के 24 वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर ने अपने उद्बोधन में कहा था *अहिंसा परमो धर्म* यानी किसी भी जीव को मत मारो एवं मत सताओ अर्थात किसी भी जीव की हिंसा नहीं करना सबसे बड़ा धर्म बताया गया है , भगवान महावीर ने संक्षिप्त रूप में अहिंसा परमो धर्म को सरल तरीके से भी लोगों को समझाने के लिए यह नारा दिया था *जिओ और जीने दो* यानी पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जीना चाहते हैं यानी पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवो को जीने का अधिकार है , किसी भी जीव को मत मारो और ना ही सताओ यानी पृथ्वी पर रहने वाले जो भी मनुष्य ★ जिओ और जीने दो के सिद्धांत ★ की पालना करता है यानी ★ अहिंसा के सिद्धांत ★ की पालना करता है तो उस मनुष्य की आत्मा को आने वाले किसी न किसी जन्म में इस संसार सागर से मुक्त होने का रास्ता जरूर मिल जाता है यानी वह आत्मा भी किसी न किसी जन्म में अवश्य ही महावीर , बुद्ध , राम , कृष्ण , हनुमान के पास पहुंचकर अमर हो जाएगी यानी जैन आगमों एवं ग्रंथों के अनुसार वह आत्मा भी किसी न किसी जन्म में अष्ट कर्मों से मुक्त होकर यानी ब्रह्मांड से बाहर यानी पृथ्वी से असंख्य प्रकाश वर्ष दूर स्थित *★सिद्ध शिला★* पर जाकर हमेशा हमेशा के लिए अमर हो जाएगी यानी भगवान बन जाएगी यानी सरल शब्दों में ईश्वर के स्वरूप को प्राप्त कर लेगी , आज आवश्यकता हमें गहराई तक इस बात को समझने की है जिसे प्रकृति अप्रत्यक्ष रूप से हमें समझा रही है की *★ हे मानव ★* समय रहते अपने आप को  बदल ले यानी पूर्णरूपेण अहिंसक बन जा अर्थात पूर्णरूपेण शाकाहारी बन जा अन्यथा अभी प्रकृति का यह तो एक टेलर मात्र है , आने वाला समय इससे भी विकट विकराल होगा यदि तू अहिंसक बना रहा तो प्रकृति ऐसे तांडव करने से पहले 100 बार सोचने पर मजबूर हो जाएगी , तूने 84 लाख योनि से भटकते भटकते यह श्रेष्ठ जीवन पाया है ! और भारत में अहिंसा के यह सभी अवतार कहे जाने वाले भगवान महावीर , बुद्ध , राम , कृष्ण , हनुमान , शिव ने जीवन को जीने की कला बखूबी से सिखाई है , इसलिए आज आवश्यकता है की हम सभी अहिंसा के सिद्धांत को अपनाकर प्रकृति के इस रौद्र रूप रूप से बचे जा सकते हैं  ★★★★★*


( 02 ). दूसरा नियम ... ये मंत्र प्रतिदिन करें तो जल्द ही मिलेगी देश को कोरोना से निजात ★★★★★ सर्वप्रथम सुबह उठते ही या सुबह   04:00 बजे से लेकर 09:00 बजे के बीच में नीचे दिए जा रहे मंत्र अवश्य करें ... सबसे पहले इस पृथ्वी को यानी प्रकृति को दोनों हाथ जोड़कर अपना शीश एक बार नीचे झुकाकर पृथ्वी मां को नमन करें , इसके तुरंत बाद अपने परिवार में मौजूद बड़े सदस्य को अर्थात माता-पिता के चरणों में नमन करें , इसके तुरंत बाद बोलकोनी में जाकर या छत पर जाकर सूर्य भगवान को दोनों हाथ जोड़कर अपना शीश एक बार फिर से नीचे झुकाकर सूर्य भगवान को नमन करें फिर *" ॐ घृणि सूर्याय नमः "* ( 12 बार ) बोले , इसके बाद मन में आप अपनी अपनी संप्रदाय या अपने समुदाय में पूजे जाने वाले अपने अपने भगवान को या अपने अपने ईस्ट को या अपने अपने देवी-देवताओं को या अपने अपने धर्म गुरुओ को दोनों हाथ जोड़कर अपना शीश उनके चरणों में नीचे झुकाकर नमन करें एवं उन्हें 03 बार याद करें फिर इसके बाद पूरी पृथ्वी के लिए एवं पूरे ब्रह्मांड के लिए यह तीन बार ऐसी मंगल प्रार्थना करें... ★★★★★ *[ " लोका समस्ता सुखिनो भवंतु " ]* ★★★★★ इसके तुरंत बाद पूरी पृथ्वी के लिए एवं पूरे ब्रह्मांड के लिए फिर से यह तीन बार ऐसी मंगल प्रार्थना करें ★★★★★ अढाई द्वीप पंदह क्षेत्र के समस्त एक इंद्रिय , दो इंद्रिय , तीन इंद्रिय , चार इंद्रिय , पाँच इंद्रिय एवं मनुष्य , देवता , समस्त पशु , पक्षी एवं समस्त जल में रहने वाले जीव एवं नारकीय एवं पृथ्वी पर रहने वाले समस्त 750 करोड़ लोग एवं भारत में रहने वाले समस्त 135 करोड़ लोगों पर परमात्मा की कृपा हमेशा बनी रहे यानी पृथ्वी पर रहने वाले समस्त जीव निरोगी बने एवं स्वस्थ रहे एवं समस्त जीव सुखी बने एवं समस्त जीव शांतिपूर्वक रहे एवं समस्त जीव मोक्षगामी बने एवं समस्त जीवों का कल्याण हो , इसके अलावा मैं विश्व के समस्त जीवो के साथ दया एवं करुणा की भावना रखता हूं एवं विश्व के समस्त जीवो के साथ मैत्री की भावना रखता हूं एवं विश्व के समस्त जीवो के साथ वसुदेव कुटुंब की भावना रखता हूं , इसी शुभ भावना के साथ मैं फिर से परमात्मा से एवं प्रकृति से यह मंगल कामना करता हूं कि जल्द से जल्द " हे परमात्मा " प्रकृति अपना रौद्र रूप शांत करें एवं इस वायरस से पूरी तरह से पृथ्वी के सभी देशों को एवं भारत को छुटकारा प्रदान करें ।। ★★★★★ फिर इसके बाद सुबह के अंतिम मंत्रों में 03 बार *ॐ* का ध्यान करें ।। ★★★★★ इसके बाद केवल रात्रि में 08:00 बजे से लेकर 11:00 बजे के बीच में नीचे दिए जा रहे सभी संस्कृत के मंत्रों को केवल 03 बार अवश्य पढ़े ... ★★★★★ ॐ नमः शिवायः  ★★★★★ ॐ गंग गणपतयै नमः ★★★★★ ॐ हनुमंते नमः ★★★★★ ॐ णमो सिद्धानम  ★★★★★ ॐ अ सि आ उ सा नमः  ★★★★★   इसके तुरंत बाद *भोलेनाथ यानी भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र पढ़ें ....* शिव पुराण में कहा गया है , इस मंत्र को पढ़ने मात्र से रोग तो क्या , मृत्यु भी उसका रास्ता छोड़ देती है ★★★★★  *ॐ त्र्यम्बकं - यजामहे - सुगन्धिं पुष्टि - वर्धनम् |
उर्वा -रुक -मिव -बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय - माऽमृ-तात् ||* ★★★★★ महामृत्युंजय मंत्र का हिन्दी में अर्थ ★★★★★ हम त्रिनेत्र को पूजते हैं ,
जो सुगंधित हैं , हमारा पोषण करते हैं ,
जिस तरह फल , शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है ,
वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं ★★★★★ इसके तुरंत बाद *उवसग्गहरं स्तोत्र* पढ़ें ..... ये 23वें जैन तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का अति चमत्कारिक *उवसग्गहरं स्तोत्र* है , जैन धर्म के पंचम सूत्र केवली आचार्य श्री भद्रबाहु स्वामी जी ने इस स्त्रोत की रचना की है , इस स्तोत्र को जो भी प्राणी पूर्णतया अहिंसक बनकर प्रतिदिन करता है , उसके जीवन से सभी तरह के रोग , शोक , दुख , तकलीफें दूर होने लग जाती है एवं इस स्तोत्र को प्रतिदिन पढ़ने वाले मनुष्यों पर सभी तरह से ग्रहों के दुष्प्रभाव दूर होने लग जाते हैं यानी मनुष्यों पर राहु , केतु , शनि भी अपने दुष्प्रभाव को छोड़कर अच्छे प्रभाव दिखाने शुरू कर देते हैं क्योंकि 2020 में मकर राशि में शनि होने से एवं धनु राशि में केतु एवं मिथुन राशि में राहु की स्थिति ठीक नहीं होने पर पूरी दुनियाभर में वायरसों का आतंक मचा हुआ है , इस वायरस के आतंक से मुक्ति हेतु जो भी भारतवासी प्रतिदिन इसे पढ़ता है तो कुछ ही दिनों में उस मनुष्य की सारी तकलीफें रोग , शोक , दुख , दरिद्रता , भय , अशांति आदि तकलीफें दूर होने लग जाती है और उस मनुष्य को किसी भी प्रकार का कोई भी रोग सता भी नहीं सकता यानी कोरोना वायरस तो क्या , उसका बाप भी उस मनुष्य को छू भी नहीं सकता है , इस पाठ को करने से पूर्व सर्वप्रथम निम्न मंत्र 03 बार बोलें: * '' श्री भद्रबाहु स्वामी प्रसादात् एष योग: फलतु  ''* फिर इसके तुरन्त बाद नीचे दिए जा रहे उवसग्गहरं स्तोत्र को 03 बार पढ़े ★★★★★ *उवसग्गहरं पासं , पासं वंदामि कम्म घण-मुक्कं  |  विसहर-विस-णिण्णासं , मंगल-कल्लाण-आवासं  ||01||* ★★★★★ *विसहर-फुलिंग मंतं , कंठे धारेइ जो सया मणुवो |
तस्स गह-रोग-मारी , दुट्ठ-जरा जंति उवसामं  ||02||* ★★★★★  *चिट्ठउ दूरे मंतो , तुज्झ पणामो वि बहुफलो होई |
नर-तिरियेसु वि जीवा , पावंति ण दुक्ख- दोहगं  ||03||*  ★★★★★ *तुह सम्मते लद्धे, चिंतामणि- कप्पपाय वब्भहिए ।
पावंति अविग्घेणं , जीवा अयरामरं ठाणं  


||04||*  ★★★★★ *इअ संथुओ महायस , भत्तिब्भर निब्भरेण हिएण  |  ता देव दिज्ज बोहिं , भवे भवे पास जिणचंद  


||05||* ★★★★★ *उवसग्गहरं स्तोत्र* का हिंदी में अर्थ भी दिया जा रहा है ताकि आप सभी को यह पता लगे कि इस स्तोत्र के भाव क्या है , आप सभी को ऊपर दिए गए संस्कृत वाले श्लोक ही पढ़ने है ★★★★★ ( अर्थ– प्रगाढ़ कर्म-समूह से सर्वथा मुक्त , विषधरों के विष को नाश करने वाले , मंगल और कल्याण के आवास तथा उपसर्गों को हरने वाले 23 वे जैन तीर्थंकर भगवान् पार्श्वनाथ की मैं वन्दना करता हूँ  ||01||★★★★★ अर्थ– विष को हरने वाले इस मंत्ररूपी स्फुलिंग ( ज्योतिपुंज ) को जो मनुष्य सदैव अपने कंठ में धारण करता है , उस व्यक्ति के दुष्ट ग्रह , रोग , बीमारी , दुष्ट शत्रु एवं बुढ़ापे के दु:ख शांत हो जाते हैं ||02||★★★★★ अर्थ– हे भगवन् ! आपके इस विषहर मंत्र की बात तो दूर रहे , मात्र आपको प्रणाम करना भी बहुत फल देने वाला होता है , उससे मनुष्य और तिर्यंच गतियों में रहने वाले जीव भी दु:ख और दुर्गति को प्राप्त नहीं करते हैं ||03|| ★★★★★ अर्थ- वे व्यक्ति आपको भलिभाँति प्राप्त करने पर , मानो चिंतामणि और कल्पवृक्ष को पा लेते हैं , और वे जीव बिना किसी विघ्न के अजर, अमर पद मोक्ष को प्राप्त करते हैं  ||04|| ★★★★★ अर्थ- हे महान् यशस्वी ! मैं इस लोक में भक्ति से भरे हुए हृदय से आपकी स्तुति करता हूँ , हे 23 वे जैन तीर्थंकर भगवान् पार्श्वनाथ आप मुझे प्रत्येक भव में बोधि (रत्नत्रय) प्रदान करें ||05|| ★★★★★ इसके बाद नीचे दिए जा रहे *णमोकार मन्त्र* को 03 बार पढ़े ★★★★★ *णमो अरिहंताणं , णमो सिद्धाणं , णमो आयरियाणं , णमो उवज्झायाणं , णमो लोए सव्व साहूणं , एसो पंच णमोक्कारो , सव्व पाव प्पणा सणो , मंगला णं च सव्वेसिं , पढ़मम हवई मंगलं* ।। ★★★★★ *णमोकार मन्त्र के चमत्कार  .....*णमोकार मन्त्र जैन धर्म का सर्वाधिक महत्वपूर्ण मन्त्र है , इसे " नवकार मन्त्र ", " नमस्कार मन्त्र " या " पंच परमेष्ठि नमस्कार " भी कहा जाता है , इस मन्त्र में अरिहन्तों को , सिद्धों को , आचार्यों को , उपाध्यायों को और साधुओं को नमस्कार किया गया है , णमोकार महामंत्र एक लोकोत्तर मंत्र है यानी यह मंत्र किसी जाति विशेष के लिए नहीं है , यह मंत्र लोक में यानी ब्रह्मांड में रहने वाले संपूर्ण संप्रदाय एवं संपूर्ण जाति के लोगों के लिए बना है , यह मंत्र पृथ्वी की उत्पत्ति से यानी अनादि काल से चलता रहा है और आगे भी अनादि काल तक चलता रहेगा , लौकिक मंत्र सिर्फ लौकिक लाभ पहुँचाते हैं , किंतु लोकोत्तर मंत्र लौकिक और लोकोत्तर दोनों कार्य सिद्ध करते हैं , इसलिए णमोकार मंत्र सर्वकार्य सिद्धिकारक लोकोत्तर मंत्र माना जाता है , इस महामंत्र को जैन धर्म में सबसे प्रभावशाली मंत्र माना जाता है। ये पाँच परमेष्ठी हैं , इसमें पांचों परमेष्ठियों को नमस्कार किया गया है , इन पवित्र आत्माओं को शुद्ध भावपूर्वक किया गया यह नमस्कार सब पापों का नाश करने वाला है , इस मंत्र के प्रथम पाँच पदों में 35 अक्षर और शेष दो पदों में 33 अक्षर हैं , इस तरह कुल 68 अक्षरों का यह महामंत्र समस्त कार्यों को सिद्ध करने वाला व कल्याणकारी सिद्ध मंत्र है , इसकी आराधना करने वाला स्वर्ग और मुक्ति को प्राप्त कर लेता है , णमोकार-स्मरण से अनेक लोगों के रोग , दरिद्रता , भय , विपत्तियाँ दूर होने की अनुभव सिद्ध घटनाएँ सुनी जाती रही है , मन चाहे काम आसानी से बन जाने के अनुभव भी सुने हैं , इस पर सच्चा श्रद्धान करने से व्यक्ति मृत्यु पर विजय प्राप्त कर सकता है ★★★★★ इसके बाद अंतिम मंत्रों में नीचे दिए जा रहे मेरे ईस्ट गुरु परम आराध्य जैन आचार्य 1008 श्री हस्तीमल जी महाराज साहब के भी 03 बार ये मंत्र पढ़ सकते है ★★★★★ *हस्ति गुरुवे शरणम प्रवज्ज़ामी* ★★★★★ *मेरी आत्मा और मेरा शरीर आपकी शरण में है गुरुवर* ★★★★★ *जय गुरु हस्ती - जय पद शरणम* ★★★★★ इसके बाद अंतिम  कड़ी में मन में आप अपनी अपनी संप्रदाय या अपने अपने समुदाय में पूजे जाने वाले अपने अपने भगवान को या अपने अपने ईस्ट को या अपने अपने देवी-देवताओं को या अपने अपने धर्म गुरुओ को अपने दोनों हाथ जोड़कर अपना शीश उनके चरणों में नीचे झुकाकर उन्हें 03 बार याद करें  ।।  


( *विशेष नोट* .... ऊपर दिए गए सभी मंत्रों को पढ़ने से पहले विशेष तीन बातों का अवश्य ध्यान रखें ★★★★★ पहली बात ..... मेरी समस्त माताएं एवं बहनें अशुद्धि में इसे किसी भी हालत में 05 दिनों तक ना पढ़े ★★★★★


दूसरी बात ..... ऊपर दिए गए मंत्रों को सुबह 4:00 बजे से लेकर सुबह 9:00 बजे के मध्य तक एवं रात्रि 08:00 बजे से लेकर 11:00 बजे के बीच में ही पढ़ना सबसे ज्यादा फल देता है लेकिन पढ़ने से पहले किसी भी मनुष्य को स्नान करने की भी आवश्यकता नहीं है ★★★★★


तीसरी बात ..... मांसाहार यानी नॉनवेज का सेवन नही करना है यानी नॉनवेज खाने वाले व्यक्ति इसे बिल्कुल भी ना पढ़े यानी यदि वे मांसाहार का सेवन करना बंद कर देते हैं यानी नॉनवेज छोड़ देते हैं यानी पूर्णतया अहिंसक बन जाते हैं तो ही ऊपर दिए गए मंत्रों को या इन स्त्रोतों को पढ़े अन्यथा नहीं , तभी उस व्यक्ति को फायदा होगा अन्यथा नुकसान भी हो सकता है )  
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*नाहटा के द्वारा आयुर्वेद के संबंध में एवं रत्नों के संबंध में सुझाए गए उपाय कोरोना वायरस की मुक्ति के तोड़ बन सकते हैं , जानिए कैसे .....* दुनिया भर के वैज्ञानिक मिलकर कोरोना वायरस की दवाई बनाने में लगे हैं  लेकिन वैज्ञानिकों को अभी तक कोई सटीक दवाई हाथ नहीं लगी है और यदि इस कोरोना वायरस की दवाई बन भी गई तो इतना आसान नहीं है कि वह बनते ही एक ही दिन में बाजार में आ जाएगी , उसमें भी थोड़ा समय लगेगा , इस कारण आवश्यकता है की हमें पूर्णतया जागरूक रहते हुए केवल इस समय सिर्फ और सिर्फ एक आयुर्वेदिक इलाज ही बचा है जो हमारी काफी हद तक रक्षा कर सकता है यानी मदद कर सकता है , जब तक भारत में कोरोना वायरस चल रहा है तब तक आप सभी यह प्रयोग अवश्य करें , साल 2020 में दुनियाभर में ग्रहों की स्थिति ने एक ऐसे वायरस को जन्म दिया है जिसने दुनिया भर में तबाही मचा कर रख दी है , इस समय लोकडाउन में हर चीज मिल पाना असंभव है परंतु जो नीचे दी जा रही चीजें आपके घर में मिल जाए तो आप उनका इस्तेमाल इस समयबद्ध तरीके से कर सकते हैं , इसी वायरस से सुरक्षित रहने हेतु यानी वायरस से बचने हेतु निम्न आयुर्वेदिक उपाय करें तो पूर्णरूपेण बचा जा सकता है ★★★★★


( 01 ). सर्वप्रथम नॉनवेज बिल्कुल ना खाएं यानी मीट , मांस का सेवन करना बिलकुल बंद कर देना चाहिए ★★★★★


( 02 ). सुबह उठने के बाद नित्य कर्म से फ्री होकर एवं इसके बाद नित्य नियम पाठ , पूजा , मंत्रों को करने के बाद में भूखे पेट ही सुबह लगभग 06:00 बजे से लेकर सुबह  09:00 बजे के बीच में चुटकी भर दालचीनी पाउडर लेकर एक कप गुनगुने दूध में या एक गिलास गुनगुने दूध में डालकर या एक गिलास गुनगुने पानी में डालकर पियें , यदि घर में दालचीनी पाउडर नहीं हो तो केवल एक गिलास गुनगुना पानी अवश्य पियें , इसके बाद 01 घंटे के बाद ही चाय , दूध पियें या चाय दूध के साथ टोस्ट , बिस्किट या किसी भी प्रकार का नाश्ता ले  सकते है ( विशेष सावधानी ... दालचीनी पाउडर केवल चुटकी भर डालना है इससे ज्यादा नहीं डालना है ) ★★★★★


 ( 03 ). सूर्य की रोशनी आने के बाद सुबह सुबह ही लगभग 06:00 बजे से लेकर सुबह 09:00 बजे के बीच में 05 मिनट या 10 मिनट या 15 मिनट तक धूप का सेवन अवश्य ही करें यानी धूप की रोशनी में बैठने से " विटामिन डी " मिलता है , वैज्ञानिकों के द्वारा भी कहा गया है कि पृथ्वी पर मानव शरीर को पूर्णरूपेण सुरक्षित रखने में सूर्य से निकलने वाली रोशनी की ऊर्जा ही सबसे बड़ी ऊर्जा मानी गई है यानी आपको जितना सुहाता हो उतनी देर सूर्य की रोशनी में अवश्य बैठे ★★★★★


( 04 ). इसके 02 घंटे बाद यानी लगभग सुबह 11:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे के बीच में पीपल के पेड़ पर लगने वाले दो या तीन पके हुए फलों को रोज खाएं यानी पीपल के पेड़ पर लगने वाले यह पके हुए फल शरीर में होने वाले किसी भी संक्रमण को दूर करने में सक्षम माने गए है यानी शरीर में जमने वाले कफ एवं खांसी की परेशानी दूर होती है एवं इसके अलावा शरीर में कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल में रहता है इसके साथ-साथ काफी हद तक हार्ड डिसीज का खतरा भी टलता है ★★★★★


( 05 ). इसके 01 घंटे बाद यानी लगभग दोपहर 01:00 बजे से लेकर 02:00 बजे के बीच में एक गिलास पानी में नींबू का रस जरूर मिलाकर पिए क्यों कि नींबू के रस में " विटामिन सी " भरपूर होता है यानी इस रस में एक सिट्रिक एसिड एक दुर्बल कार्बनिक अम्ल पाया जाता है जो फेफड़ों में होने जा रहे किसी भी तरह के संक्रमण को बाहर निकाल देती है ★★★★★


 ( 06 ). इसके 01 घंटे बाद यानी दोपहर 03:00 बजे से लेकर 04:00 बजे के बीच में यदि आपके घर में उपलब्ध हो तो आंवले का एक मुरब्बा जरूर खा सकते है , डायबिटीज वाले उस मुरब्बे की चासनी को पानी में धोकर साफ करके खाएं ★★★★★


( 07 ). इसके 01 घंटे बाद यानी लगभग शाम 05:00 बजे से लेकर शाम 06:00 बजे के बीच में एक गिलास पानी में एक चम्मच गिलोय पाउडर एवं तुलसी के 05 पत्ते एवं 02 काली मिर्च बांटकर एवं एक लोंग बांटकर उस पानी में डालकर उतना उकाले की एक गिलास का पानी आधा रह जाए , फिर गुनगुना होने पर इसे छानकर आधी कटोरी जितना गुनगुना पानी यानी गुनगुना काढ़ा आप पी जाए और घर में सभी सदस्य को दो दो चम्मच इस काढ़े को जरूर पिलाएं यानी इससे किसी भी तरह का वायरल बुखार या हाथ पांव में दर्द या सर्दी , जुखाम , खांसी मिटने लग जाती है ■■ ( विशेष नोट ... गिलोय पाउडर एवं दालचीनी पाउडर बाजार में किसी भी पंसारी की दुकान पर पाउडर के रूप में मिल जाती है , क्योंकि ये प्रयोग आयुर्वेदिक है जो कभी भी नुकसान नहीं देते और कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है ) ★★★★★


( 08 ). बड़ी हरड़ का मुरब्बा खाएं .... रात्रि में खाना खाने के 01 घंटे बाद रोज बड़ी हरड़ का एक मुरब्बा खाएं ऐसा माना गया है कि बड़ी हरड़ का मुरब्बा आंतों की सफाई कर देता है जब पेट की सफाई हो गई तो व्यक्ति निरोगी हो जाता है , डायबिटीज वाले उस मुरब्बे की चासनी को पानी में धोकर साफ करके खाएं ★★★★★ विशेष सूचना ..... यदि बड़ी हरड़ का मुरब्बा नहीं खाए तो उसकी जगह एक गिलास दूध में या एक कप दूध में चीमटी भर या पाव चम्मच से थोडी कम हल्दी डालकर गैस पर अच्छी तरह उबाल लेवे , उसके बाद गुनगुना होने के बाद उसे पी जाएं , कहते हैं मानव शरीर में हल्दी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है एवं शरीर के अंदर के घावों को भी भर देती है , कहां जाता है की रात में सोते समय दूध में चुटकी भर हल्दी डालकर पीते हैं तो कभी कैन्सर नहीं होता यानी हल्दी कैन्सर का तोड़ मानी जाती है ★★★★★


( 09 ). अधिक से अधिक गर्म पानी पियें ..... जितना हो सके दिन में जब भी पानी पीना हो , गुनगुना पानी ही पियें यानी पानी उतना गुनगुना करें कि चाय की जैसी चुस्की लेते हुए पीयें , क्योंकि इस समय गर्म पानी ही सबसे ज्यादा इस इन्फेक्शन को यानी इस वायरस से रोकने में मदद करेगा , इसके अलावा 15 अप्रैल 2020 के बाद गर्मी तेज होने वाली है तब भी हो सके तो आप मटकी का ही पानी पियें एवं फ्रीज के पानी से दूर ही रहें एवं " एसी " ना चलाएं , हो सके तो कुलर का प्रयोग करके गर्मी दूर करें , जब तक कि भारत से कोरोना वायरस गायब नही हो जाये ।।


●●●●● *यदि आप चाहे तो इस वायरस की मुक्ति हेतु ज्योतिषीय उपायों में निम्न स्टोन भी धारण कर सकते हैं* ★★★★★


( 01 ). हकीक स्टोन पहने ..... इस समय हर व्यक्ति को काला हकीक या सुलेमानी हकीक या सुलेमानी आँख ( जो शिव की तीसरी आंख मानी जाती है ) को लोकेट में बनाकर गले में पहनना चाहिए क्योंकि काला हकीक राहु , केतु एवं शनि के दुष्प्रभाव को खत्म कर देता है ★★★★★


( 02 ).  रुद्राक्ष की माला पहने ..... इस समय पृथ्वी पर इन तीनों ग्रहों के यानी राहु , केतु , शनि के दुष्प्रभाव चल रहे हैं , गले में छोटे आकार की या बड़े आकार की रुद्राक्ष की माला अवश्य धारण करें क्योंकि भोलेनाथ जब गले पर है तो किसी भी तरह की चेस्ट में प्रॉब्लम , फेफड़ों में प्रॉब्लम होने नहीं देंगे ★★★★★


( 03 ).  तांबे की अंगूठी पहने ..... बुधवार या गुरुवार या रविवार को तांबे की अंगूठी धारण करें , पुरुष दाहिने हाथ की यानी राइट हैंड की अनामिका अंगुली में तांबे की अंगूठी धारण करें एवं माताएं व बहने बाएं हाथ की यानी लेफ्ट हैंड की अनामिका उंगली में सुबह 07:15 बजे के लगभग तांबे की अंगूठी धारण करें , कहा जाता है कि तांबा सभी प्रकार के वायरसों को शरीर के आसपास भी भटकने नहीं देता है ।।●●●●●●●●●●●●●●●  


*नाहटा 06 अप्रैल 2020 से अहिंसा के अवतार 24 वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की जन्म जयंती के उपलक्ष में देशभर को लोक डाउन तक निशुल्क ज्योतिषीय परामर्श देंगे .....* देश सेवा हेतु लोक कल्याण की भावना से नाहटा 06 अप्रैल 2020 से अहिंसा के अवतार 24 वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की जन्म जयंती के उपलक्ष में देशभर को लोक डाउन तक निशुल्क ज्योतिषीय परामर्श देंगे .....* लोकडाउन तक पूरे देश की जनता को हिम्मत बढ़ाने के उद्देश्य से यानी जनता का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से 06 अप्रैल 2020 से ज्योतिष के माध्यम से नाहटा अपने द्वारा बनाई गई विश्व की पहली हस्तरेखा मशीन से दोपहर   01:00 बजे से लेकर शाम 05:00 बजे के मध्य तक घर बैठे बैठे ही पूरी तरह से बिल्कुल निशुल्क रूप से देशभर की जनता के द्वारा पूछे गए दो सवालों का जवाब देंगे , इसके लिए आपको क्या करना होगा , जानिए पूरी डिटेल्स ..... इसकी पूरी डिटेल इस भविष्यवाणी के सबसे नीचे दी जा रही है जहां आपको संपर्क नंबर भी दिए जा रहे हैं ।। ●●●●●●●●●●●●●●●                                    


*( अ ). कैसे बचा रहा अब तक भारत ..... कैलाश मानसरोवर स्थित भोलेनाथ की कृपा से बचा रहा अब तक भारत .....* राजस्थान में अजमेर जिले में स्थित ब्यावर शहर के एस्ट्रोलॉजर एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ दिलीप नाहटा के अनुसार अब तक कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लगभग सभी 190 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है और सात समुंदर पार दुनिया की महाशक्ति कहे जाने वाले अमेरिका को भी इस वायरस ने पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया है और अमेरिका जैसे महाशक्ति को भी प्रकृति के सामने घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है गौरतलब है कि चीन से अमेरिका की दूरी लगभग 11640 किलोमीटर पड़ती है , इसके अलावा चीन से स्पेन की दूरी लगभग 8783 किलोमीटर पड़ती है , इसके अलावा चीन से फ्रांस की दूरी लगभग 8017 किलोमीटर पड़ती है , इसके अलावा चीन से इटली की दूरी लगभग 7562 किलोमीटर पड़ती है , इसके अलावा चीन से जर्मनी की दूरी 7219 किलोमीटर पड़ती है , इसके अलावा चीन से ईरान की दूरी लगभग 4609 किलोमीटर पड़ती है , इसके अलावा चीन से पाकिस्तान की दूरी लगभग 3283 किलोमीटर पड़ती है , इसके अलावा चीन से भारत की दूरी लगभग 2982 किलोमीटर पड़ती है , इसके अलावा चीन से रूस की दूरी लगभग 2853 किलोमीटर पड़ती है , इसके अलावा चीन से दक्षिण कोरिया की दूरी 2117 किलोमीटर पड़ती है , केवल भारत को छोड़कर उपरोक्त दिए गए इन सभी देशों को इस कोरोना वायरस की महामारी ने अपने आगोश में खतरनाक तरीके से ले लिया है लेकिन फिर भी इन देशों के कंपैरिजन में जनवरी , फरवरी-15 मार्च 2020 तक भारत का बाल बांका भी नहीं बिगड़ सका है भारत में अब तक कुछ संक्रमण भी दूसरों देIशों के लोगों के आने से फैला है परंतु डायरेक्ट चीन से भोलेनाथ ने बचा के रखा है जबकि भारत ओर चीन की दूरी मात्र 2982 किलोमीटर पड़ती है और चीन के सबसे नजदीक 2117  किलोमीटर दूर दक्षिण कोरिया इस वायरस से पूरी तरह चपेट में आ गया है परन्तु दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश भारत इस महामारी से अब तक कैसे बचा रह गया , यह कोई चमत्कार ही समझिए .... राजस्थान में अजमेर जिले में स्थित ब्यावर शहर के एस्ट्रोलॉजर एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ दिलीप नाहटा के अनुसार यह ईश्वर की कृपा का नतीजा ही है जो किसी चमत्कार से कम नहीं है , नाहटा के अनुसार चीन से भारत की दूरी 2982 किलोमीटर दूर होते हुए भी कोरोना वायरस भारत में पूरी तरह 15 मार्च 2020 तक इसलिए नहीं पहुंच पाया क्योंकि हिंदू मान्यताओं के अनुसार चीन और भारत के मध्य स्थित कैलाश पर्वत पर सुपर पावर ईश्वरीय शक्ति " भोलेनाथ " का वास माना जाता है और भारत के करोड़ों लोग भोलेनाथ के अनुयाई है , इस कारण भोले की कृपा उन लाखों-करोड़ों भोले के भक्तों पर पड़ने से कोरोना वायरस को भोलेनाथ ने अभी तक यानी 15 मार्च 2020 तक काफी हद तक भारत में आने से रोक रखा था , आधुनिक विज्ञान इस रहस्य को चाहे माने या ना माने पर आस्था एवं विश्वास से जुड़े हुए लोग एवं भोले के अनुयाई इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मानते हैं क्योंकि ऊपर सभी देशों की दूरियां आपके सामने रखी गई है और फिर भी आज हम कह सकते हैं कि भारत इन सभी देशों में जनसंख्या के स्तर पर दुनिया का दूसरा बड़ा देश होते हुए भी काफी हद तक बचा हुआ है सिर्फ और सिर्फ भोले की कृपा से ।। ●●●●●●●●●●●●●●●                                                                        


 *( ब ). दुनिया हुई कारावास में कैद .....* राजस्थान में अजमेर जिले में स्थित ब्यावर शहर के एस्ट्रोलॉजर एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ दिलीप नाहटा के अनुसार ये 21 वीं शताब्दी की पराकाष्ठा ही कहेंगे , यानी मुक पशु को बंद रखा जाता है यानी कैद में रखा जाता है ठीक आज पशु की जगह इंसान ने ले ली है , आज कोरोना वायरस से फैली इस महामारी ने दुनियाभर के मानवों को कैद होने पर मजबूर कर दिया है यानी कैद कि जिंदगी जीने पर आज की विकसित एवं विकासशील कहे जाने वाली सभी सभ्यताएं प्रकृति के उग्र रूप के सामने अपने घुटने टेकने पर मजबूर हो गई है , नतमस्तक हो गई है , बोनी साबित हो चुकी है इसका क्या कारण है जरा सोचिए , इसका विस्तृत वर्णन ज्योतिषी आंकड़ों से नीचे दिया जा रहा है , ज्योतिष में कहा गया है कि शनि और मंगल की युति आपस में जब-जब बनी है या शनि और मंगल की दृष्टि आपस में जब-जब बनी है तब तब व्यक्ति को कारावास जैसी स्थिति को भोगनी पड़ती है यानी आज हम एक कारावास जैसे ही अपने अपने घरों में घिर चुके हैं यानी कारावास जैसी स्थितियां बन चुकी है , हर आदमी देश एवं विश्व स्तर पर अपने अपने घरों में कैद होकर एक जेल जैसी जिंदगी या कारावास जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हो चुका है , चाहे वह किसी अदृश्य वायरस का डर हो या फिर चाहे जो कुछ भी कह लीजिए , ज्योतिषी में ये स्थितियां कैसे बनती है इसके बारे में आपको बताया जा रहा है , पूर्व में भी जब जब मंगल और शनि की आपस में दृष्टि हुई है या मिलन हुआ है तब तब यह स्थितियां कई सेलेब्रिटीज एवं नेताओं पर भी बनी है उन्हें जेल भी जाना पड़ा है जैसे .. सलमान खान , संजय दत्त , श्रीमती इंदिरा गांधी आदि जैसे चर्चित नामों को भी जेल जाना पड़ा है यानी इस समय शनि मंगल की युति ने देश भर को लोक डाउन करके घर में कैद होकर एक तरह के कारावास को भोगने पर मजबूर कर दिया है हमारा कारावास अपना घर है लेकिन कारावास तो कारावास ही होता है चाहे घर हो या चाहे जेल हो ।। ●●●●●●●●●●●●●●●


 ज्योतिष में इस महामारी के फैलने के मुख्य छह कारण बने हैं जो इस प्रकार से नीचे दिए जा रहे हैं ★★★★★ *( 01 ). मूक एवं बेजुबान जीवो पर करुणा नहीं करना , इस महामारी का सबसे बड़ा कारण बना यानी नॉनवेज यानी मांसाहार का सेवन बना विश्व को बर्बाद करने का मुख्य कारण ....* कहां जाता है जब जब पृथ्वी पर पाप एक लिमिट से ज्यादा हो जाता है तब तब उस पाप को हटाने के लिए किसी न किसी अवतार का जन्म होता है ठीक वैसे ही पृथ्वी पर एक लिमिट से ज्यादा पाप बढ़ जाने से यानी पृथ्वी पर असंख्य मूक बेजुबान प्राणियों यानी बेजुबान जीवो की हत्या होने से यानी मरते समय उनकी आहट से पृथ्वी भी कांप चुकी है , हिल गई है यानी प्रकृति ने अप्रत्यक्ष रूप से एक ऐसे वायरस को उत्पन्न कर दिया है जो मानव को यह बताना चा रहा है कि वक्त रहते सुधर जाइए , अपने आपको बदल लीजिए और प्रकृति के साथ जीना सीख लीजिए , गौरतलब है कि पृथ्वी पर मांसाहार का सेवन इस कदर बढ़ गया की दुनियाभर के 99% देश मांसाहार का सेवन करते हैं इसके अलावा चीन भी इस गिनोने पाप के कार्य से अछूता नहीं है यानी चीन में भी चमगादड़ का सूप पिया जाता है , कुत्ते एवं बिल्लियों को खाया जाता है एवं जिंदे सांपों को एवं कछुए को तलकर खाया जाता है , इसके अलावा दुनिया भर में सभी 195 देशों में करोड़ों बेजुबान जीव रोज मारे जा रहे थे इन सब की आहट प्रकृति पर प्रतिदिन पड़ रही थी , प्रकृति भी इस आहट को सुनते सुनते आखिरकार आपना आपा खो बैठी है , इसके अलावा दुनिया के कई देश अपने आपको प्रकृति से भी बढ़कर सुपर पावर मानने लग गए थे , जैसे अमेरिका , चीन , इटली , फ्रांस , जर्मनी , दक्षिण कोरिया , ब्रिटेन , रूस , ईरान इत्यादि । कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति एवं देश , राष्ट्र प्रकृति से बढ़कर नहीं हो सकता है जिस प्रकृति ने हमें जन्म दिया है वह प्रकृति हमें यहां से मिनटों में वापस उठा भी सकती है यानी मिनटों में यहां से गायब भी कर सकती है दरअसल हम सभी प्रकृति के साथ जीना एवं रहना भूल गए हैं इसीका यह नतीजा है कि मरते हुए बेजुबान जीवो की आहट प्रकृति को भी हिला चुकी है और प्रकृति ने एक ऐसे वायरस को छोड़ दिया है जिसके सामने दुनिया के सुपरपावर कहे जाने वाले अमेरिका , चीन , फ्रांस , जर्मनी , ईरान , रूस ने भी अब जाकर प्रकृति के सामने घुटने टेक दिए हैं , इससे साफ जाहिर होता है कि कोई भी व्यक्ति एवं देश , राष्ट्र प्रकृति से बढ़कर नहीं हो सकता यानी प्रकृति ही भगवान का रूप है यानी स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि प्रकृति ही ईश्वर है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी और हमें अगर पृथ्वी पर सही ढंग से रहना है तो प्रकृति के साथ चलना एवं रहना सीखना होगा यानी किसी भी बेजुबान मूक प्राणियों का खून पीना बंद करना होगा यानी अहिंसक बनकर यानी पूर्णतया शाकाहारी बनकर जीवन जीने में ही पृथ्वी पर रहने वाले मानवों का ही अब बचाव हो सकता है ★★★★★ *


( 02 ). पृथ्वी पर लाखों पेड़ों को काटकर पर्यावरण को बर्बाद करना , इस महामारी का सबसे बड़ा कारण बना .....* पूरी दुनिया में पिछले 100 सालों के भीतर एवं भारत वर्ष में भी करोड़ों पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हुई है , वह पेड़ जो हमें ऑक्सीजन देते हैं और जिस ऑक्सीजन से हम पृथ्वी पर जीवित रह पा रहे हैं , हम मानव पेड़ काटकर प्रकृति के द्वारा दी गई इस अदृश्य प्राणवायु यानी ऑक्सीजन को हटाने में लग गए हैं , पेड़ काटने से पृथ्वी पर ऑक्सीजन की हो रही कमी हमारे मानव शरीर में ऑक्सीजन की पूर्णरूपेण भरपाई नहीं कर पा रही है यानीकि ऑक्सीजन कम होने से हमारे शरीर की इम्यूनिटी पावर यानी रेसिस्टेंस पावर कम होती जा रही है और हमारा शरीर किसी भी तरह की बीमारी से लड़ने में असमर्थ होता जा रहा है , ऑक्सीजन की कमी ही हमारी बीमारी का सबसे बड़ा कारण बन चुकी है जो पेड़ हमसे कुछ नहीं लेता है , बेचारा एक जगह पर खड़ा है , जो सर्दी भी सहन करता है , गर्मी भी सहन करता है , बारिश भी सहन करता है , तूफान भी सहन करता है और हमसे कुछ भी नहीं बोलता है और हमसे कुछ भी नही मांगता है और बिना मांगे देता ही देता है , ऑक्सीजन के साथ-साथ हीरे जवाहारात से भी अधिक बेशकीमती विटामिनो से भरपूर फल फ्रूट भी प्रदान करता रहता है और हम उसकी जगह भी छीन लेते हैं , आज लाखों-करोड़ों पेड़ों के कट जाने से पृथ्वी की जलवायु भी दूषित हो चुकी है और जलवायु परिवर्तन होने से ऐसे वायरसो ने जन्म लेना शुरू कर दिया है यानी ऐसे वायरसों ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए है और पृथ्वी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है , इसलिए समय रहते हुए पूरे पृथ्वी के लोग या पूरे भारत के लोग अपने घर के बाहर पेड़ जरूर लगाए या अपनी छत पर गमले जरूर लगाएं , यदि समय रहते हमने पयार्वरण पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में हमारी सभ्यता नही बच पाएगी और प्रकृति पर रहना मुश्किल हो जाएगा और हमें अगर पृथ्वी पर यानी प्रकृति के साथ सही ढंग से चलना एवं रहना सीखना होगा यानी प्रकृति पर दी गई अनमोल चीज पेड़ को काटना बंद करना होगा और जगह-जगह पीपल के पेड़ या अन्य कई तरह के पेड़ों को लगाना होंगा क्योंकि पृथ्वी पर पीपल ही एक ऐसा पेड़ है जो सबसे ज्यादा 24 घंटे ही  ऑक्सीजन देता है , सरकार को चाहिए कि सभी नेशनल हाईवे पर पंक्तिबद्ध तरीके से हाईवे के बीचो बीच गडरो में एवं हाईवे के दोनों साइड लाखों की तादाद में पीपल के पेड़ लगा दिए जाएं और एक बार बारिश का पानी मिलने के बाद यह पेड़ जल्दी ही कुछ ही वर्षों में वटवृक्ष बन जाएगा यानी कम पानी में पीपल का पेड़ भी उग जाएगा और आने वाले कुछ ही वर्षों में पृथ्वी पर ऑक्सीजन की भी भरमार हो जाएगी ★★★★★ *


( 03 ).  2020 में राहु ग्रह भी इस महामारी का सबसे बड़ा कारण बना .....* अंक शास्त्र में साल 2020 का योग 04 आता है जो राहु का प्रतीक माना जाता है यानी अंक शास्त्र में 2020 राहु का वर्ष राहु का माना जा रहा है यानी 2020 पृथ्वी पर राहु ग्रह से प्रभावित रहेगा , कहा जाता है कि राहु ग्रह एक मायावी ग्रह है , इसका साइन डेगन है , राहु दिमाग पर काम करता है , राहु भ्रम एवं भय पैदा करने वाला ग्रह माना गया है , राहु टेंशन , तनाव , स्ट्रेस का कारक ग्रह माना गया है , इस समय वर्तमान समय में ज्योतिष में राहु अपनी उच्च राशि मिथुन में गोचर कर रहे हैं इसके अलावा ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार राहु ग्रह मानव शरीर के निम्न चीजों पर प्रभाव डालता है जैसे ... शरीर में त्वचा के रोग उत्पन्न करना , शरीर में खुजली के रोग उत्पन्न करना , शरीर में जहर फैलाना , शरीर में किसी कोनिकल बीमारी को उत्पन्न करना और शरीर में किसी महामारी को फैलाने का कारक ग्रह माना जाता है ★★★★★


*( 04 ).  2020 में देव गुरु बृहस्पति के साथ केतु की युक्ति भी इस महामारी का सबसे बड़ा कारण बनी , इस युक्ति ने दुनियाभर में मचाया कोहराम .....* ज्योतिष में देव गुरु बृहस्पति को जीवो का कारक ग्रह माना गया है , 2020 में गोचर में गुरु केतु से पीड़ित है अतः मनुष्य को प्राण शक्ति देने वाला ग्रह देव गुरु बृहस्पति कमजोर हो गया है , केतु अचानक होने वाली अनिश्चित घटनाएं करता रहता है यानी उत्पात मचाता रहता है , देव गुरु बृहस्पति एवं केतु की युक्ति के कारण यह वायरस दुनिया भर के सभी देशों में फैल चुका है , गुरु में केतु होने से दुनिया भर के डॉक्टरों एवं वैज्ञानिकों को इस बीमारी की दवाई अभी तक पूरी तरह से डिटेक्ट नहीं हो पाई है यानी पूरी तरह से सही ढंग से इसकी कारगर दवाई नहीं बन नहीं पाई है यानी धनु राशि में मंगल केतु एवं देव गुरु बृहस्पति तीनों की युक्ति है और उस पर राहु की दृष्टि भी पड़ रही है यानी 05 नवंबर 2019 को जैसे ही देव गुरु बृहस्पति और केतु धनु राशि में आए , इसके कुछ दिनों के बाद ही पूरे विश्व में एक विषैले वायरस का जन्म हो गया , जिसका नाम वैज्ञानिकों ने कोरोना रखा , लेकिन 26 दिसंबर 2019 के सूर्य ग्रहण ने इस वायरस में और आग लगा दी और यह कुछ ही दिनों में दुनियाभर में फैल गया , ज्योतिष मान्यता के अनुसार देव गुरु बृहस्पति 29 मार्च 2020 को शाम 7:08 बजे तक अपनी नीच राशि मकर में गोचर करेंगे और 04 महीनों से चला आ रहा देव गुरु बृहस्पति एवं केतु की युक्ति का योग समाप्त हो जाएगा , परंतु 30 जून 2020 को एक बार फिर गुरु केतु की युक्ति वापस देखने को मिलेगी  ★★★★★


*( 05 ). 2020 में मकर राशि में शनि का बैठना भी इस महामारी का सबसे बड़ा कारण बना ....* जब-जब शनि अपनी स्वराशि मकर राशि में आए तब तब तब शनि ने दुनियाभर में प्राकृतिक आपदाओं या वायरसों को दी है दावत यानी 24 जनवरी 2020 को शनि ग्रह 30 वर्षों के बाद अपनी स्वराशि मकर राशि में आए यानी 30 वर्षों के बाद अपने घर मकर में शनि ग्रह ने प्रवेश किया , जो 2022 तक अपनी स्वराशि मकर राशि में ही रहेंगे , इतिहास की बात करें तो शनि ने जब जब मकर राशि में प्रवेश किया तब तब दुनिया भर में किसी न किसी वायरस के संक्रमण होने से महामारी फैल गई थी , जानिए इतिहास की बातें ★★★★★ *01 .* साल 165 ईसवी में जब शनि ने मकर राशि में प्रवेश किया तब इतालवी पायदीप में चेचक के संक्रमण ने महामारी का रूप ले लिया था और दुनिया भर में इस महामारी से कई लोग मौत के मुंह में समा गए थे ★★★★★ *02 .* साल 252 ईसवी में जब शनि ने मकर राशि में प्रवेश किया तब रोम में प्लेग के संक्रमण ने महामारी का रूप ले लिया था और दुनिया भर में इस महामारी से कई लोग मौत के मुंह में समा गए थे ★★★ *03 .* साल 547 ईसवी में जब शनि ने मकर राशि में प्रवेश किया तब मिस्र में प्लेग के संक्रमण ने महामारी का रूप ले लिया था और दुनिया भर में इस महामारी से कई लोग मौत के मुंह में समा गए थे ★★★★★ *04 .* साल 1918 से 1920 के मध्य में जब शनि ने मकर राशि में प्रवेश किया तब स्पेन में स्पेनिश फ्लू के संक्रमण ने महामारी का रूप ले लिया था और दुनिया भर में इस महामारी से कई लोग मौत के मुंह में समा गए थे ★★★★★ *( 06 ). जब जब  किसी अंक के पीछे 20 नंबर आया है तब तब ये अंक इस महामारी का सबसे बड़ा कारण बना .....* कहते हर नंबर के पीछे कुछ रहस्य छिपा होता है पिछले तीन शताब्दी को देखा जाए तो ऐसा ही प्रतीत होता है जब-जब शताब्दी में अंको के पीछे 20 नंबर आया है तब तब उस शताब्दी में भयंकर महामारी हुई है आप देख सकते हैं और नीचे दिए जा रहे आंकड़ों सहित समझ भी सकते हैं ★★★★★ *01 .* साल 1720 में फ्रांस में प्लेग के संक्रमण ने महामारी का रूप ले लिया था और दुनिया भर में इस महामारी से कई लोग मौत के मुंह में समा गए थे ★★★★★ *02 .* साल 1820 में इंडोनेशिया , थाईलैंड , फिलीपींस और भारत में हैजा फैलने के संक्रमण ने महामारी का रूप ले लिया था और दुनिया भर में इस महामारी से कई लोग मौत के मुंह में समा गए थे ★★★★★ *03 .* साल 1920 में स्पेन में स्पेनिश फ्लू के संक्रमण ने महामारी का रूप ले लिया था और दुनिया भर में इस महामारी से कई लोग मौत के मुंह में समा गए थे ★★★★★ *04 .* साल 2020 में चीन से निकले कोरोना वायरस ने दुनिया भर में हाहाकार मचा दिया है ।।


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*2020 में ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति दुनिया भर में कैसी रहेगी , आकलन जानिये .....* ज्योतिष में ग्रहों के अनुसार 2020 में शनि अपनी स्वराशि यानी अपने घर मकर में होने के कारण इस कोरोना वायरस जैसी महामारी का प्रभाव निरंतर बढ़ रहा है इसके साथ वर्तमान में राहु भी अपनी उच्च राशि मिथुन में गोचर कर रहे हैं और 2020 राहु का साल होने से पूरे वर्ष किसी न किसी आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है ज्योतिष में ग्रहों पर दृष्टि डालें तो निम्न पाँच ग्रह दुनिया में विकट स्थिति बना सकते हैं जिसमें मुख्य रूप से शनि , राहु , केतु , बृहस्पति और मंगल यह पांच ग्रह यदि कुंडली में सही नहीं है , ठीक नहीं बैठे हैं तो अनुकूल स्थितियों को भी विपरीत बना सकते है 25 मार्च 2020 को आरंभ होने वाले नव संवत 2077 के राजा बुध और मंत्री चन्द्र है , इसमें ग्रहों की स्थिति क्या रहेगी ।। ●●●●●●●●●●●●●●●                  


*( 01 ). 2020 में देव गुरु बृहस्पति की स्थिति .....* कहां जाता है देव गुरु बृहस्पति धन , संपदा एवं आर्थिक स्थिति एवं वित्तीय स्थिति एवं व्यापारिक स्थिति के कारक ग्रह माने गए हैं इस समय देव गुरु बृहस्पति अपनी स्वराशि धनु में विराजमान है जो 30 मार्च 2020 को धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे , इसके बाद 14 मई 2020 को इसी मकर राशि में शाम 07 बजकर 58 मिनट पर  देव गुरु बृहस्पति वक्री हो जाएंगे एवं इसके बाद 30 जून 2020 को देव गुरु बृहस्पति सुबह 05 बजकर 25 मिनट पर अपनी स्वराशि धनु राशि में आकर वक्री हो जाएंगे फिर इसके बाद 13 सितंबर 2020 को देव गुरु बृहस्पति सुबह 06 बजकर 12 मिनट पर धनु राशि में मार्गी हो जाएंगे , इसके बाद 20 नवंबर 2020 को देव गुरु बृहस्पति दोपहर 01 बजकर 22 मिनट पर   अपनी स्वराशि धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे , इसके बाद 06 अप्रैल 2021 को सुबह 12 बजकर 23 मिनट पर मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे ।।  


●●●●●●●●●●●●●●●                                           *( 02 ).  2020 में शनि ग्रह की स्थिति .....* कहां जाता है शनि ग्रह कई तरह के कष्ट ( जैसे .. मानसिक तनाव , शारीरिक कष्ट देना या दुर्घटनाएं करवाना या किसी भी तरह से दुर्घटना में अन्य तरीके से चोट लगवाना एवं आत्महत्या करवाना इत्यादि ) एवं प्राकृतिक आपदाओं ( जैसे .. भूकंप आना , ज्वालामुखी , बेमौसम बारिश आना , हिमपात , ओलावृष्टि , बाढ़ आना , तूफान आना , साइक्लोन आना इत्यादि ) एवं कई तरह के वायरसों के जनक एवं काल के कारक ग्रह माने गए हैं , इसके अलावा शनि के स्थान मुख्य रूप से शमशान एवं निर्जन स्थान एवं कारावास माने गए हैं एवं 24 जनवरी 2020 को शनि ने धनु राशि से निकलकर अपनी स्वराशि मकर में यानी अपने घर में 30 वर्षों के बाद प्रवेश किया और अपनी ही राशि मकर में 11 मई 2020 को वक्री होंगे यानी लगभग 142 दिनों तक यानी 29 दिसंबर 2020 तक वक्री रहेंगे । इसके बाद 29 अप्रैल 2022 को अपनी स्वराशि छोड़कर मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे जो 12 जुलाई 2022 को फिर मकर राशि में आ जाएंगे , इसके बाद 17 जनवरी 2023 को वापस मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे ।।


●●●●●●●●●●●●●●●                                            *( 03 ).  2020 में राहु ग्रह की स्थिति .....* 2020 राहु का वर्ष माना जा रहा है इस समय राहु मिथुन राशि में उच्च कर उच्च का होकर बैठे 23 सितंबर 2020 को राहु अपनी उच्च राशि मिथुन से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे ।।


●●●●●●●●●●●●●●●                                             *( 04 ).  2020 में केतु ग्रह की स्थिति .....* 2020 में इस समय केतु धनु राशि में विराजमान है जो आगे चलकर 23 सितंबर 2020 को केतु धनु राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे ।।  ●●●●●●●●●●●●●●●                                


*( 05 ).  2020 में मंगल ग्रह की स्थिति .....* 2020 में 22 मार्च 2020 को मंगल ने धनु राशि से निकलके मकर राशि में प्रवेश किया है ।।


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●●●●●●●●●●●●●●●                                                *( 07 ).  शनि एवं गुरु की युति ठीक नहीं .....* कहां जाता है देव गुरु बृहस्पति धन , संपदा एवं आर्थिक स्थिति एवं वित्तीय स्थिति एवं व्यापारिक स्थिति के कारक ग्रह माने गए है एवं शनि के लिए कहां जाता है ग्रह कई तरह के कष्ट ( जैसे .. मानसिक तनाव , शारीरिक कष्ट देना या दुर्घटनाएं करवाना या किसी भी तरह से दुर्घटना में चोट लगवाना इत्यादि ) एवं प्राकृतिक आपदाओं ( जैसे .. भूकंप , ज्वालामुखी , बेमौसम बारिश होना , हिमपात , ओलावृष्टि , बाढ़ आना , तूफान आना , साइक्लोन आना इत्यादि ) एवं कई तरह के वायरसों के जनक एवं काल के कारक ग्रह माने गए हैं , 30 मार्च 2020 से लेकर 30 जून 2020 तक गुरु एवं शनि की युक्ति मकर राशि में रहेगी एवं इसके बाद 20 नवंबर 2020 से लेकर 05 अप्रैल 2021 तक फिर से गुरु एवं शनि की युक्ति मकर राशि में रहेगी , मकर राशि शनि की स्वयं की राशि है और गुरु इस राशि में नीच का होकर बेहतर फल नहीं देता है यानी  ग्रहों की स्थितियां बिल्कुल अच्छी नहीं कही जा सकती है यानी दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं के साथ-साथ भारत की अर्थव्यवस्था में भी में भूचाल आ जाना यानी अर्थव्यवस्थाए चौपट हो जाना , इसके साथ ही दुनियाभर की शेयर बाजारों के साथ-साथ भारतीय शेयर बाजार में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज होना , एवं दुनियाभर में सोने-चांदी में कमजोर स्थिति बनने एवं काफी गिरावट आने के योग बनते देखे जा सकते हैं एवं आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी बहुत कमजोर होने के भी योग बनते देखे जा सकते हैं एवं प्रॉपर्टी बाजार में भी भारी गिरावट आने के संकेत एवं नौकरी में उच्च अधिकारियों से अनबन होने के योग एवं मनुष्य के स्वास्थ्य में कोई रोग होने या किसी दुर्घटना होने या कोई चोट लगने के योग एवं पार्टनरशिप बिजनेस में नुकसान होने के योग बनते देखे जा सकते हैं , इसके साथ साथ वित्तीय स्थिति हर इंसान की कमजोर होने के संकेत बनते देखे जा सकते है इसलिए हर व्यक्ति को इस समय कहीं भी धन के निवेश से बचना चाहिए पूर्व में भी जब गुरु शनि मकर राशि में आए तब इसी तरह की स्थिति देखने को मिली थी ... 1842 , 1901 , 1961 में एक साथ आए थे , तब दुनिया भर की अर्थव्यवस्था में उपरोक्त स्थितियां बनी थी ।।


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*( 08 ). भारत की कुंडली क्या कहती है .....*15 अगस्त 1947 को रात 12:00 बजे भारत की कुंडली वृषभ लग्न की बनती है और इसी कुंडली के अनुसार भारत की कर्क राशि बनती है , इस समय भारत की कुंडली के अनुसार चंद्रमा की महादशा चल रही है , भारत की कुंडली में कर्क राशि में एक साथ पांच ग्रहों की युति शनि , चंद्र , शुक्र , बुध , सूर्य की युति एक साथ है , इस समय भारत की कुंडली में चंद्रमा की महादशा चल रही है यानी चंद्रमा शनि के साथ होने से ठीक स्थिति नहीं बनाता है , भारत की कुंडली के अनुसार 12 दिसंबर 2019 से लेकर 12 मार्च 2020 तक चंद्रमा की महादशा में शनि की अंतर्दशा चल रही है एवं 12 मार्च 2020 से लेकर 03 जून 2020 तक चंद्रमा की महादशा में बुध की अंतर्दशा रहेगी , इसके बाद 03 जून 2020 से लेकर 06 जुलाई 2020 तक चंद्रमा की महादशा में केतु की अंतर्दशा चलेगी , भारत की कुंडली के अनुसार इस तरह के ग्रहों की युक्तियां देश के लिए ठीक नहीं है इसके बाद 06 जुलाई 2020 से लेकर 11 अक्टूबर 2020 तक चंद्रमा की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा है जो भारत के लिए पहले से काफी हद तक ठीक रहेगी ।। ●●●●●●●●●●●●●●●


*( 09 ).  2020 की कुंडली का विश्लेषण एवं निष्कर्ष .....* कुल मिलाकर 30 मार्च 2020 को देव गुरु बृहस्पति अपनी स्वराशि राशि धनु से निकल करके मकर राशि में प्रवेश करेंगे और 30 मार्च 2020 को मकर राशि में मंगल गुरु शनि की युक्ति बन जाएगी जो ठीक नहीं है परंतु यह योग 13 मई 2020 तक रहेंगे इसके बाद 14 मई 2020 को मकर राशि में गुरु शनि चंद्र की युति भी ठीक नहीं है एवं 14 मई 2020 को देव गुरु बृहस्पति मकर राशि में वक्री हो जाएंगे एवं 30 जून 2020 को देव गुरु बृहस्पति धनु राशि में वक्री अवस्था में प्रवेश करेंगे और फिर से 30 जून 2020 को देव गुरु बृहस्पति एवं केतु की युक्ति धनु राशि में होगी उसके बाद 19 नवंबर 2020 तक वहां स्थित रहेंगे एवं 20 नवंबर 2020 को देव गुरु बृहस्पति वापस मकर राशि में प्रवेश करेंगे , ज्योतिष में उपरोक्त सभी ग्रहों की गणनाओ को ध्यान में रखते हुए यह वायरस भारत के भी कई शहरों को 30 मार्च 2020 से लेकर 14 मई 2020 के मध्य तक बढ़ते हुए क्रम में चपेट में ले सकता है और भारत में 14 मई 2020 से लेकर 06 जुलाई 2020 तक घटते हुए क्रम में धीरे-धीरे इस वायरस का संक्रमण कम होता जाएगा या खत्म हो जाएगा , इसके लिए आवश्यकता है कि हम बड़ी सावधानी से रहे , जितना हो सके घरों में रहें और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें , सरकार के दिशा निर्देशों का पूरी तरह पालन करें , लापरवाही ना बरतें यानी बाहर ना जाए , ज्योतिषी आंकड़ों के आधार पर यह दावा भी कर सकता हूं कि  06 जुलाई 2020 के लगभग या तक भारत इस महामारी पर पूरी तरह से लगाम लगाने में सफलता प्राप्त कर लेगा ।।


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*नाहटा की 2019 में 95% भविष्यवाणी सत्य साबित हुई  .....* गौरतलब है की राजस्थान में अजमेर जिले में स्थित ब्यावर शहर के एस्ट्रोलॉजर एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ दिलीप नाहटा द्वारा 2019 में 84 भविष्यवाणियां राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की गई थी  जिसमें से 80 भविष्यवाणियां सत्य साबित हुई है और केवल 04 भविष्यवाणियां गलत भी साबित हुई थी , कुल मिलाकर 2019 में नाहटा द्वारा की गई 84 में से सही हुई 80 भविष्यवाणियों का रेश्यो एनालिसिस 95% सटीक साबित हुआ है , जो अपने आप में एक रिकॉर्ड  है , इस कारण नाहटा को कुरुक्षेत्र में 02 फरवरी 2020 को टीवी सेलिब्रिटीज "  जी डी वशिष्ठ जी " के हाथों  " नास्त्रेदमस अवार्ड " भी मिल चुका है , नाहटा की 2019 की समस्त भविष्यवाणियों को आप गूगल पर सर्च करके देख सकते हैं इसके लिए गूगल पर लिखना होगा .. दिलीप नाहटा की भविष्यवाणियां या नाहटा की भविष्यवाणियां ●●●●●●●●●●●●●●●


*नाहटा के द्वारा की गई कोरोना वायरस की भविष्यवाणी सत्य साबित हुई .....* गौरतलब है की राजस्थान में अजमेर जिले में स्थित ब्यावर शहर के एस्ट्रोलॉजर एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ दिलीप नाहटा की 20 सितंबर 2019 एवं 08 अक्टूबर 2019 के दिन देश के कुछ न्यूज़ पेपरों में यह खबर छपी थी कि 2020 में किसी देश में अन्य तरह के वायरस या बुखार से महामारी फैलने से जनहानि होने के योग बन सकते हैं जैसे चीन , जापान , ताइवान ( यानी उन न्यूज़ पेपरों में इन देशों के नाम भी उजागर किए गए थे ) , यानी ब्यावर के ज्योतिषी दिलीप नाहटा द्वारा  की गई  कोरोना वायरस से संबंधित की गई ये भविष्यवाणी  सटीक रूप से सही साबित हुई थी ,आ गौरतलब है कि जनवरी एवं फरवरी 2020 में चीन में ऐसा वायरस फैला है जो अब तक सैकड़ों लोगों की जान निगल चुका है , जिसका नाम वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस घोषित किया है ।।  ●●●●●●●●●●●●●●●


*नाहटा की 2020 में अनेक भविष्यवाणी सत्य साबित .....* राजस्थान में अजमेर जिले में स्थित ब्यावर शहर के एस्ट्रोलॉजर एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ दिलीप नाहटा की जनवरी 2020 से लेकर मार्च 2020 तक अनेकों भविष्यवाणी सत्य साबित हो चुकी है , जिसमें से कुछ मुख्य भविष्यवाणियां नीचे दी जा रही है ★★★★★ *( 01 ).* 2020 में इंडोनेशिया में बाढ़ से कई लोगों की मृत्यु होना ★★★★★ *( 02 ).* 2020 में  ब्रिटेन में सड़क दुर्घटना में कई लोगों की मृत्यु होना ★★★★★ *( 03 ).* 2020 में इथोपिया में सड़क हादसे में कई लोगों की मृत्यु होना ★★★★★ *( 04 ).* 2020 में  सूडान में विमान दुर्घटना होने से कई लोगों की मृत्यु होना ★★★★★ *( 05 ).* 2020 में  ताइवान में हेलीकॉप्टर दुर्घटना होने से कई लोगों की मृत्यु होना ★★★★★ *( 06 ).* 2020 में पेरू में सड़क  हादसा होने से कई लोगों की मृत्यु होना ★★★★★ *( 07 ).* 2020 में  ईरान में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी के जनाजे में भगदड़ होने से कई लोगों की मृत्यु होना ★★★★★ *( 08 ).* 2020 में श्रीलंका में सड़क हादसे में कई लोगों की मृत्यु होना ★★★★★ *( 09 ).* 2020 में पाकिस्तान में वायुसेना का विमान दुर्घटनाग्रस्त होना ★★★★★ *( 10 ).* 2020 में मुंबई में एक  केमिकल फैक्ट्री में विस्फोट होने से कई लोगों की मृत्यु होना ★★★★★ *( 11 ).* 2020 में अमेरिका के शिकागो शहर में तूफान एवं बाढ़ आने से कई लोगों की मृत्यु होना ★★★★★ *( 12 ).* 2020 में तुर्की में नौका डूबने से कई लोगों की मृत्यु होना ★★★★★ *( 13 ).* 2020 में अफगानिस्तान में हिमपात एवं भारी बारिश होने से कई लोगों की मृत्यु होना ★★★★★ *( 14 ).* 2020 में  ईरान द्वारा बगदाद में स्थित अमरीकी सैन्य ठिकानों पर कई रॉकेटो से हमला किया जाना ★★★★★ *( 15 ).* 2020 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा पृथ्वी जैसे हुबहू ग्रह " टीओआई 700 बी " एवं " टीओआई 700 सी " एवं "   टीओआई 700 डी " ग्रह खोज निकाले जाना , जो हमारी पृथ्वी से लगभग 100 प्रकाश की दूरी पर स्थित है ★★★★★ *( 16 ).* 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की सरकार बनना ★★★★★ *( 17 ).* 2020 में मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनना ★★★★★ *( 18 ).* 2020 में चीन में आए वायरस से महामारी की भविष्यवाणी सत्य  साबित होना ।। ●●●●●●●●●●●●●●●


*पिछले कुछ वर्षों में नाहटा की सैकड़ों भविष्यवाणी सत्य साबित .....* नाहटा की पूर्व के वर्षों में 2011 से लेकर 2019 तक 200 के लगभग राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की भविष्यवाणियां सत्य साबित हो चुकी है , जिसकी कुछ प्रमुख झलकियां नीचे दी जा रही है जो सभी पूर्व में न्यूज़ पेपरों में प्रकाशित हो चुकी थी , जिसके सभी प्रमाण पत्र हमारे पास सुरक्षित रूप से मौजूद है मुख्य भविष्यवाणियां इस प्रकार से है ★★★★★ { ■ 2011 में .....विश्व कप क्रिकेट में भारत का विजेता बनना } ।। ★★★★★ { ■ 2012 में ..... सचिन का महाशतक लगना , बराक ओबामा का अमेरिकी राष्ट्रपति बनना , सचिन का एक दिवसीय मैचों से संन्यास लेना } ।। ★★★★★ { ■ 2013 में ..... कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनना , पाकिस्तान में पीएमएल की सरकार बनना , फीफा कनफेडरेशंस कप फुटबॉल में ब्राजील का जीतना , एशिया कप हॉकी में दक्षिण कोरिया का जितना , मध्य प्रदेश - राजस्थान - छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनना } ।। ★★★★★ { ■ 2014 में ..... एशिया कप क्रिकेट में श्रीलंका का विजेता बनना ,  लोकसभा चुनाव में कपिल सिब्बल का हारना , लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को अधिकतम 05 से ज्यादा सीटें नहीं मिलना , लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना ,  राजस्थान में कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट का लोकसभा चुनाव हारना , फीफा वर्ल्ड कप फुटबॉल में जर्मनी का विजेता बनना } ।। ★★★★★ { ■ 2015 में ..... फ्रांस में विमान दुर्घटना का होना , क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत का बाहर होना ,  बैडमिंटन में सानिया नेहवाल दुनिया की नंबर 01 खिलाड़ी बनना , टेनिस में सानिया मिर्जा का दुनिया की नंबर 01 युगल खिलाड़ी बनना , इंडोनेशिया में विमान दुर्घटना का होना , नासा को ब्रह्मांड में पहली बार जीवन के संकेत मिलना , सलमान खान अभिनीत बजरंगी भाईजान फिल्म का सुपरहिट होना } ।। ★★★★★ { ■ 2016 में ..... भारत में जनवरी माह में  आतंकी हमला होना ( पंजाब राज्य के पठानकोट एयरबेस में जनवरी माह में आतंकी हमला होना ) , अफ़गानिस्तान , तुर्की , इराक , पाकिस्तान एवं यमन में आतंकी हमला होना ,  ताइवान इक्वाडोर में भूकंप आना , T20 क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत का बाहर होना , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व में ऐसा कोई मंत्र देंगे जिससे सारा विश्व आश्चर्यचकित हो जाएगा ( मोदी ने भारत में नोट बंदी करके दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया था ) , मोदी का दुनिया के शीर्ष पांच या 10 नेताओं की सूची में छाना }।।  ★★★★★ { ■ 2018 में....  राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनना , मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनना , छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनना , राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बनना , कांग्रेस को राजस्थान में 90 से लेकर 120 के मध्य सीटें आना ।।


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*नाहटा ने बनाई इंसान का भविष्य बताने वाली विश्व की पहली हस्तरेखा लैब .....* राजस्थान में अजमेर जिले के ब्यावर शहर के एस्ट्रोलॉजर एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ दिलीप नाहटा ने ज्योतिष में हस्तरेखा के क्षेत्र में लोगों को हस्तरेखाओं के माध्यम से भविष्य बताने वाली विश्व की पहली प्रोटेबल साइंटिफिक हस्तरेखा लैब का किया आविष्कार ★★★★★ ये प्रोटेबल साइंटिफिक हस्तरेखा लैब संपूर्ण भारत के लगभग 125 करोड़ लोगों में से लगभग  80 फ़ीसदी लोगों को यानी लगभग 100 करोड लोगों को औसत 50% से लेकर अधिकतम 75% तक इंसान की भूतकाल में घटित हो चुकी घटनाओं का और वर्तमान में चल रही घटनाओं का एवं भविष्य में घटने वाली घटनाओं का अनुमानित पूर्व अनुमान देने में सक्षम मानी जा रही है ★★★★★ नाहटा ने करीब 13 वर्षों तक हस्तरेखाओं पर रिसर्च करने के बाद फरवरी 2013 में एक खंड वाली छोटी प्रोटेबल साइंटिफिक  हस्तरेखा लैब तैयार की थी , इसके बाद 2013 से लेकर 2015 तक इस प्रोटेबल साइंटिफिक हस्तरेखा लैब के द्वारा देशभर के सैकड़ों लोगों पर किए गए एक सर्वे के नतीजों से आए उनके भविष्य के संतोषजनक परिणामों के बाद 2016 में नाहटा ने फिर से तीन खंड वाली प्रोटेबल साइंटिफिक हस्तरेखा लैब बनाई , इस लैब से देशभर के लोगों को भविष्य में घटने वाली घटनाओं के बारे में काफी गहराई तक जाकर भविष्य के अनुमानित पूर्वानुमान दिए गए , जो देशभर के अधिकांश लोगों पर सटीक साबित हो रहे है , नाहटा द्वारा पिछले लगभग सात वर्षो के भीतर इस प्रोटेबल साइंटिफिक हस्तरेखा लैब से करीब 10 हजार लोगों पर किये गए सर्वे से आए नतीजों में से ये लैब लगभग लगभग 80 फ़ीसदी लोगों का यानी लगभग 07 हजार से लेकर लगभग 08 हजार लोगों तक का दिल जीत पाई है यानी लगभग 08 हजार लोगों पर इस लैब के द्वारा उनके भविष्य के बारें में कहीं गई या बताई गई भविष्यवाणियों में से लगभग 07 हजार लोगों पर 50% से लेकर 70% तक एवं लगभग 01 हजार लोगों पर 71% से लेकर 80% तक उनके भविष्य के बारें में कहीं गई या बताई गई अनुमानित बातें सही निकली , शेष बचे हुए 02 हजार लोगों पर इस लैब के द्वारा उनके भविष्य के बारें में कहीं गई या बताई गई बातें या उनके बारें में कहीं गई भविष्यवाणियां मौसमी आंकड़ों की जैसे पूरी तरह फैल भी हो चुकी है ★★★★★ नाहटा का मानना है कि आपके बारें में 100% भविष्य में होने वाली भविष्यवाणीयां यदि सभी की सभी सही हो जावेगी तो फिर महावीर , बुद्ध , राम , कृष्ण , हनुमान , शिव या अल्लाह को कोन पूछेंगा अर्थात नाहटा के अनुसार 100 लोगों में से 20% लोगों पर इस लैब के द्वारा आपके भविष्य के बारें में कहीं गई बातें या बताई गई भविष्यवाणीयों के अनुमानित पूर्वानुमान हमेशा गलत होंगे ही , क्योंकि अस्तीत्व एवं प्रकृति हम सब का बैलेंस बना करके रखती है ★★★★★ परन्तु यदि 100 लोगों में से 80% लोगों तक इस लैब के द्वारा आपके भविष्य के बारें में कहीं गई बातें या बताई गई बातों में से अधिकांश अनुमानित पूर्वानुमान वैज्ञानिक तरीके से यानी साइंटिफिक तरीके से सही हो रहे है तो देश के इतिहास में एवं विश्वस्तर पर ये प्रोटेबल साइंटिफिक हस्तरेखा लैब एक बड़ी खोज मानी जा सकती है , इस प्रोटेबल साइंटिफिक हस्तरेखा लैब से वैज्ञानिक रूप से यह प्रमाणित एवं सिद्ध भी होता है कि हमारे देश के ऋषियों एवं मुनीयों के द्वारा प्रदत ये हस्तरेखा ज्ञान इस प्रोटेबल साइंटिफिक हस्तरेखा लैब के माध्यम से हमें यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि उन भारतीय ऋषियों एवं मुनीयों से मिला हुआ यह ज्ञान कोहिनूर हीरे से भी अनमोल एवं बेशकीमती रहा होगा , इस प्रोटेबल साइंटिफिक हस्तरेखा लैब से यह प्रमाणित एवं सिद्ध होता है कि ज्योतिष के क्षेत्र में हस्तरेखा विद्या भी सही विद्या रही है ओर देश के ऋषियों एवं मुनीयों के द्वारा दिया गया ये हस्तरेखा का ज्ञान भी सही था और यह देश के ऋषि मुनि आर्यभट्ट , वराहमिहिर , भृगु ऋषि , ऋषि पाराशर , ऋषि अगस्त्य , महावीर , बुद्ध , राम , कृष्ण , हनुमान एवं शिव के द्वारा दिए गए इस अद्धभुत ज्ञान का सम्मान किया जाना चाहिए और भारत के इन ऋषि और मुनियों के इस अद्धभुत ज्ञान को कोहिनूर हीरे से भी बेशकीमती मानकर विश्व स्तर पर उनका सम्मान किया जाना चाहिए ★★★★★ नाहटा का मानना है कि ज्योतिष में हस्तरेखा के क्षेत्र में यह प्रोटेबल साइंटिफिक हस्तरेखा लैब एक दिन विश्व स्तर पर भारत को अवश्य ही विश्व का महागुरु बना पाएगी ।।


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*भारत सरकार को यानी भारत के प्रधानमंत्री को ब्यावर के एस्ट्रोलॉजर दिलीप नाहटा के सात स्पेशल सुझाव .....* अभी देश कोरोना वायरस के संकट से  पीड़ित है , लेकिन इस संकट से उबरने के बाद यदि ये सात सुझाव भारत सरकार द्वारा भविष्य में अमल में ला दिए गए  तो आने वाले कुछ ही वर्षों में भारत विकसित देश बन जाएगा  यानी भारत सरकार एवं भारत देश के नागरिकों से निवेदन एवं प्रार्थना करता हूं कि भारत में कोरोना वायरस जैसी आपदा के समाप्त होने के बाद भारत सरकार एवं भारत के नागरिक एवं उद्योगपति एवं समाजसेवी मिलकर भविष्य में देश की सेवा के लिए दान देकर पैसा इकट्ठा कर अपने अपने क्षेत्र में निम्न कार्य अवश्य करें ★★★★★ *( 01 ). भारत सरकार को नाहटा का पहला सुझाव - हर जिले में एवं हर गांव में बड़े-बड़े हॉस्पिटल बनाने पर देवें ध्यान .....* आज कोरोना वायरस के हालात को देखते हुए भविष्य में देशभर में कभी भी किसी भी तरह से या अन्य प्रकार के वायरसों से हालात बेकाबू होने पर या महामारी फैलने पर या अन्य किसी भी तरह के प्राकृतिक प्रकोप होने पर जैसे ...भूकंप आने से तबाही होने पर या भूस्खलन होने पर या देश में कहीं पर भी बाढ़ से तबाही होने पर या किसी भी देश के साथ युद्ध होने पर आने वाले संकट की घड़ी से निपटने के लिए यानी आपातकाल की हर स्थिति में देश में सर्वप्रथम हॉस्पिटल ही काम आने वाले है अतः भारत में कोरोना वायरस जैसी आपदा के समाप्त होने के बाद भारत सरकार एवं भारत के  नागरिक एवं उद्योगपति एवं समाजसेवी मिलकर भविष्य में देश की सेवा के लिए अपने अपने गांव एवं अपने-अपने जिलों में इतना पैसा इकट्ठा करें और इस पैसे का सारा उपयोग आधुनिक सुविधाओं एवं उपकरणों से सुसज्जित हॉस्पिटल बनवाकर रखें , ताकि भविष्य में देश में किसी भी तरह की संकट की घड़ी में या किसी भी तरह के आपातकाल में ये हॉस्पिटल ही हमारी जनता के काम आने वाले हैं और जनता की सेवा ही ईश्वर के प्रति सच्ची सेवा एवं समर्पण होगा , इससे बढ़कर कोई पुण्य हो नहीं सकता , सरकार एवं देश के भामाशाहों से निवेदन एवं प्रार्थना है की कोरोना वायरस की समाप्ति के बाद देश हित के लिए सारी चीजें छोड़कर आने वाले समय में हर राज्य के हर जिले में 50,000 हजार बेड वाले हॉस्पिटल एवं हर जिले के गांव में जिसकी आबादी एक लाख से अधिक है वहां पर 20,000 हजार बेड वाले हॉस्पिटल एवं जिस जिले के गांव की आबादी एक लाख से कम है , वहां पर 5,000 हजार बेड वाले हॉस्पिटल बनें , यह सभी हॉस्पिटल आधुनिक सुविधाओं एवं उपकरणों से सुसज्जित सर्वोत्तम हॉस्पिटल बनाए जायें , जिसमें सभी बीमारियों के लिए अलग-अलग तरह की सुविधाएं हो और सभी बीमारियों का इलाज संभव हो सके , साथ में इन हॉस्पिटलों में एलोपैथिक एवं आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक इन तीनों तरह के डॉक्टरों की सुविधाएं मौजूद हो और यह तीनों तरह के डॉक्टर यदि किसी मरीज को बचाने में लग गए तो मेरा मानना है कि काफी हद तक मरीज ठीक होकर घर जा सकेगें , तभी हम कह सकेंगे कि हमारा देश विकसित देश बन गया है अन्यथा यह देश पिछड़ा ही रह जाएगा ।।        ★★★★★ शादी ब्याह में होने वाले खर्चे को करें कम ..... भविष्य में किसी भी परिवार में शादी होने वाली है तो वह परिवार शादी का खर्चा बचाकर कोर्ट मैरिज करके बेकार के फिजूल खर्चों से बच सकते हैं या रीति-रिवाजों से सादगी पूर्ण तरीके से शादी करें तो बेकार के फिजूल खर्चे ना करके काफी बचत कर सकते हैं और उस बचत का कुछ हिस्सा देश सेवा में हॉस्पिटल बनाने में दान देकर अपना महत्वपूर्ण योगदान भी निभा सकते है ★★★★★ मंदिर , आश्रम , धर्मशाला या गुरुद्वारा या मस्जिद बनाने में करें खर्चा कम ..... भगवान तो भाव से पूजे जाते है ना मंदिर में , ना धर्मशाला में , ना ही आश्रम में , भगवान तो हर व्यक्ति के दिलों में है , हर व्यक्ति के हृदय में है परन्तु इन सब बातों के बाद भी आए दिन देश का नागरिक कहीं ना कहीं मंदिर बनाने में , आश्रम बनाने में या धर्मशालाए बनाने में , गुरुद्वारा बनाने में या मस्जिद बनाने में दान जरूर देता रहता है परंतु इस दान से बने मंदिर , आश्रम , धर्मशाला , गुरुद्वारा , मस्जिद देश में आए संकट की घड़ी में किसी के काम आने वाले नहीं है परंतु इन सब चीजों के बावजूद भी भारत ही अकेले विश्व में ऐसा देश है जो आस्था का केंद्र बिंदु है , इसी आस्था के कारण यहां मंदिर भी , आश्रम भी , धर्मशालाएं भी , गुरुद्वारा भी , मस्जिद भी आवश्यक है अतः देश के नागरिकों से निवेदन है कि वह मंदिर भी बनाए , आश्रम भी बनाए , धर्मशालाएं भी बनाए , गुरुद्वारा भी बनाए , मस्जिद भी बनाए परंतु जितना पैसा मंदिर , आश्रम , धर्मशाला , गुरुद्वारा एवं मस्जिद बनाने पर खर्च हो , उतने ही पैसे देश हित के लिए हॉस्पिटल बनाने में भी लगाएं , तभी हम कह सकते हैं कि हमारा देश विकसित देश बनता हुआ दिखेगा
★★★★★ *( 02 ). भारत सरकार को नाहटा का दूसरा सुझाव ..... इस समय धरती के भगवान कहे जाने वाली देश की सेना , पुलिस एवं डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ एवं कंपाउंडर को एवं पीछे उनके पूरे परिवार को मिले सभी सरकारी सुविधाएं .....* कोरोना वायरस ने दुनिया को हिला के रख दिया है लेकिन इसने हमें बहुत कुछ समझाने को एवं सिखाने पर मजबूर कर दिया है , भविष्य में आने वाली इस तरह की बड़ी-बड़ी आपदाओं को झेलना है , उनसे निपटना है तो हम सभी देशवासियों को धरती के भगवान कहे जाने वाले इन दो व्यक्तियों को पूरी तरह से दिल से सम्मान देते हुए उनकी सेवा के लिए आगे आना चाहिए , भारत सरकार एवं भारत देश के नागरिकों से निवेदन एवं प्रार्थना करता हूं कि भारत में कोरोना वायरस जैसी आपदा के समाप्त होने के बाद भारत सरकार एवं भारत के नागरिक एवं उद्योगपति एवं समाजसेवी मिलकर भविष्य में देश की सेवा के लिए दान देकर पैसा इकट्ठा कर अपने अपने क्षेत्र में निम्न कार्य अवश्य करें यानी जो दिनरात हमारी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है , हम सभी 135 करोड़ भारतीयों के ये वीर सपूत हर समय अपने प्राणों से बढ़कर हमारी सुरक्षा कर रहे है जैसे देश की सेना , पुलिस एवं डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ एवं कंपाउंडर आदि , देश के ये सभी वीर सपूत देश में किसी भी तरह की संकट की घड़ी में यानी किसी भी तरह की आपातकाल की स्थिति में हम सभी देशवासियों की अपनी जान से बढ़कर हिफाजत कर रहे हैं , इन सभी वीर सपूतों की प्रशंसा में शब्द भी कम पड़ जाते हैं और जो अपनी जान हथेली पर लेकर देश को बचाने में अपने प्राणों की भी परवाह किए बिना शहीद हो जाते हैं जो आखिरी वक्त में देश की जनता या मरीज को बचाने में अपनी जान तक न्योछावर कर देते है , इसलिए देश के ऐसे वीर सपूतों को एवं उनके पीछे उनके पूरे परिवार को भारत सरकार एवं भारत के नागरिक एवं उद्योगपति एवं समाजसेवी मिलकर भविष्य में देश की सेवा के लिए दान देकर पैसा इकट्ठा कर अपने अपने क्षेत्र में उनके लिए न केवल मकान बनाकर देवे अपितु उनके पूरे परिवार के बच्चों कि पढ़ाई का जिम्मा भी लेकर देश सेवा के लिए अपना अभिन्न योगदान देवे यानी धरती के भगवान कहे जाने वाले देश के ऐसे सभी वीर सपूत जैसे देश की सेना , पुलिस एवं डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ एवं कंपाउंडर से ना उलझे , उनका आदर एवं सम्मान करना सभी को सीख लेना चाहिए , उन्हें प्यार देना सीख लेना चाहिए , इसके अलावा भी देश के हर नागरिक को ह्रदय के अंतःकरण से ऐसे वीर सपूतों को नमन करना चाहिए , उन्हें सलूट करना चाहिए क्योंकि देश के यही सच्चे सेवक है , तभी हम कह सकेंगे कि हमारा देश अब विकसित देश बन गया है " वंदे मातरम जय हिंद " जय भारत " ★★★★★ *( 03 ). भारत सरकार को नाहटा का तीसरा सुझाव ..... पयार्वरण को शुद्ध रखने हेतु करते रहना होगा लोक डाउन ....* भारत सरकार को यदि भविष्य में भारत के पर्यावरण को बचाना है तो हर महीने चार रविवार आते हैं , उसमें से कम से कम किसी भी एक रविवार को पूर्णतया लोक डाउन रखें , तो हो सकता है उस लोक डाउन से पूरे महीने तक पूरे देश की आबोहवा एवं ऑक्सीजन स्वच्छ एवं शुद्ध बनी रहेगी यानी हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ नहीं पाएगी , जिससे देश की जनता हवा में फैल रही जहरीली गैसों से बची रहेगी और देश के सभी नागरिक कई लाइलाज घातक बीमारियों से सुरक्षित रहेंगे ★★★★★ *( 04 ). भारत सरकार को नाहटा का चौथा सुझाव ..... पयार्वरण को बचाने हेतु लगाने होंगे पीपल के एवं नीम के लाखों पेड़ .....* पूरी दुनिया में पिछले 100 सालों के भीतर एवं भारत वर्ष में भी करोड़ों पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हुई है , वह पेड़ जो हमें ऑक्सीजन देते हैं और जिस ऑक्सीजन से हम पृथ्वी पर जीवित रह पा रहे हैं , हम मानव उस पेड़ को काटकर प्रकृति के द्वारा दी गई इस अदृश्य प्राणवायु यानी ऑक्सीजन को हटाने में लग गए हैं , पेड़ काटने से पृथ्वी पर ऑक्सीजन की हो रही कमी हमारे मानव शरीर में ऑक्सीजन की पूर्णरूपेण भरपाई नहीं कर पा रही है यानीकि ऑक्सीजन कम होने से हमारे शरीर की इम्यूनिटी पावर यानी रेसिस्टेंस पावर कम होती जा रही है और हमारा शरीर किसी भी तरह की बीमारी से लड़ने में असमर्थ होता जा रहा है , ऑक्सीजन की कमी ही हमारी बीमारी का सबसे बड़ा कारण बन चुकी है जो पेड़ हमसे कुछ नहीं लेता है , बेचारा एक जगह पर खड़ा है , जो सर्दी भी सहन करता है , गर्मी भी सहन करता है , बारिश भी सहन करता है , तूफान भी सहन करता है और हमसे कुछ भी नहीं बोलता है और हमसे कुछ भी नही मांगता है और बिना मांगे देता ही देता है यानी ऑक्सीजन के साथ-साथ हीरे जवाहारात से भी अधिक बेशकीमती विटामिनो से भरपूर फल फ्रूट भी प्रदान करता रहता है और हम उसकी जगह भी छीन लेते हैं , आज लाखों-करोड़ों पेड़ों के कट जाने से पृथ्वी की जलवायु भी दूषित हो चुकी है और जलवायु परिवर्तन होने से ऐसे वायरसो ने जन्म लेना शुरू कर दिया है यानी ऐसे वायरसों ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए है और पृथ्वी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है , इसलिए समय रहते हुए पूरे पृथ्वी के लोग या पूरे भारत के लोग अपने घर के बाहर पेड़ जरूर लगाए या अपनी छत पर गमले जरूर लगाएं , यदि समय रहते हमने पयार्वरण पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में हमारी सभ्यता नही बच पाएगी और प्रकृति पर रहना मुश्किल हो जाएगा और हमें अगर पृथ्वी पर यानी प्रकृति के साथ सही ढंग से चलना एवं रहना सीखना है तो प्रकृति पर दी गई इस अनमोल चीज पेड़ को काटना बंद करना होगा और जगह-जगह पीपल के पेड़ या नीम के पेड़ या अन्य कई तरह के पेड़ों को लगाना होंगा , क्योंकि पृथ्वी पर पीपल ही एक ऐसा पेड़ है जो सबसे ज्यादा 24 घंटे ही ऑक्सीजन देता है , सरकार को चाहिए कि सभी नेशनल हाईवे पर पंक्तिबद्ध तरीके से हाईवे के बीचो बीच गडरो में एवं हाईवे के दोनों तरफ में लाखों की तादाद में पीपल के पेड़ लगा दिए जाएं और एक बार बारिश का पानी मिलने के बाद यह पेड़ जल्दी ही कुछ ही वर्षों में वटवृक्ष बन जाएगा यानी कम पानी में पीपल का पेड़ भी उग जाएगा और आने वाले कुछ ही वर्षों में पृथ्वी पर ऑक्सीजन की भी भरमार हो जाएगी ★★★★★ *( 05 ). भारत सरकार को नाहटा का पांचवा सुझाव ..... देश के अस्पतालों में डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ एवं कंपाउंडर आदि कि हो जबरदस्त भर्ती और उनकी पूरी उम्र तक सरकार दे उन्हें एवं उनके परिवार को प्रोटेक्शन ....* देश की 135 करोड़ जनसंख्या के अनुसार इस समय देश में करीब 50 लाख डॉक्टरों की जरूरत पड़ती है और देश में इस समय डॉक्टर की बेहद कमी है , भारत सरकार को चाहिए कि हॉस्पिटल में अधिक से अधिक डॉक्टरों की भर्ती करें , देश में हर जगह हर हॉस्पिटल में सभी तरह की बीमारियों के इलाज करने वाले डॉक्टर मौजूद रहे यानी इस तरफ सरकार का विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए , तभी हम कह पाएंगे की भारत विकसित देश बन चुका है ।।★★★★★ *( 06 ). भारत सरकार को नाहटा का छठवां सुझाव ..... सेना एवं पुलिस में अधिक से अधिक भर्ती हो .....*  देश में रोजगार की बड़ी विकट समस्या है और इस समय देश के बॉर्डर पर एवं देश के अंदर सेना एवं पुलिस की बहुत जरूरत है , भारत सरकार को चाहिए कि हर ग्रैजुएट विद्यार्थी को भारतीय सेना में एवं पुलिस में अधिक से अधिक भर्ती करने का एक अच्छा प्रयास करें , इससे सभी बेरोजगार विद्यार्थियों को नौकरी भी मिल जाएगी एवं देश की सेवा करने का मौका भी मिल जाएगा , इस समय देश के 135 करोड़ की जनसंख्या के अनुसार भारत में 50 लाख या एक करोड़ सैनिक एवं पुलिस की जरूरत पड़ती है , जो इस समय काफी कम है और इतनी जनसंख्या की सुरक्षा एवं उनकी हिफाजत के लिए एवं उन्हें संभालने के लिए बेहद जरूरी है की सरकार को चाहिए कि अधिक से अधिक  विद्यार्थियों को सेना एवं पुलिस में भर्ती कर उन्हें नौकरी प्रदान करें , इससे बेरोजगारी भी कम होगी हो जाएगी और रोजगार भी लोगों को मिल जाएगा एवं देश की जनता को चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा भी मिल जाएगी , तभी हम कह पाएंगे की भारत विकसित देश बन चुका है ★★★★★ *( 07 ). भारत सरकार को नाहटा का सातवां सुझाव ..... देश में मजदूरों को  मिले न्यूनतम मजदूरी एवं भोजन की गारंटी .....* भारत जैसे विकासशील देश में मजदूरों की तादाद बहुत ज्यादा है और इतने वर्कर एवं मजदूर अपना जीवन यापन भी सही ढंग से नहीं कर पाते हैं और प्राइवेट नौकरियों में भी उनकी नौकरी की कोई गारंटी निश्चित नहीं रहती और कई बार उन्हें वेतन भी पूरा नहीं मिल पाता , उन्हें कोई भी सरकार से सुविधा प्राप्त नहीं है अतः भारत सरकार से मेरा निवेदन है एवं प्रार्थना है  कि देश की सरकार इन समूचे मजदूर वर्ग को एवं इनके पूरे परिवार को इलाज की व्यवस्था एवं उनके बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था निशुल्क करें एवं इसके साथ साथ ही समूचे मजदूर वर्ग को न्यूनतम मजदूरी एवं भोजन की गारंटी मिले , इसके लिए सरकार को योजनाएं बनाकर उसे क्रियान्वित करनी चाहिए  , तभी हम कह पाएंगे की भारत विकसित देश बन चुका है ।।                      ●●●●●●●●●●●●●●●


*नाहटा 06 अप्रैल 2020 से अहिंसा के अवतार 24 वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की जन्म जयंती के उपलक्ष में देशभर को लोक डाउन तक निशुल्क ज्योतिषीय परामर्श देंगे .....* देश सेवा हेतु लोक कल्याण की भावना से नाहटा 06 अप्रैल 2020 से अहिंसा के अवतार 24 वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की जन्म जयंती के उपलक्ष में महावीर की जन्म जयंती से लगाकर देशभर को लोक डाउन तक निशुल्क ज्योतिषीय परामर्श देंगे , लोक डाउन तक पूरे देश की जनता को हिम्मत बढ़ाने के उद्देश्य से यानी जनता का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से 06 अप्रैल 2020 से ज्योतिष के माध्यम से नाहटा अपने द्वारा बनाई गई विश्व की पहली हस्तरेखा मशीन से दोपहर   01:00 बजे से लेकर शाम 05:00 बजे के मध्य तक घर बैठे बैठे ही पूरी तरह से बिल्कुल निशुल्क रूप से देशभर की जनता के द्वारा पूछे गए दो सवालों का जवाब देंगे , इसके लिए आपको क्या करना होगा , जानिए पूरी डिटेल्स .....नाहटा द्वारा लोकडाउन तक संपूर्ण देशवासियों को घर बैठे बैठे बिल्कुल निशुल्क रूप से ज्योतिषीय परामर्श दिया जा रहा है , लोकडाउन के समय आप अपने भविष्य के बारे में जो भी शंका एवं समाधान करना चाहते हैं या जो भी कुछ पूछना चाहते हैं तो उन सभी शंकाओं के समाधान हेतु आप नीचे दिए जा रहे नंबर पर संपर्क कर सकते हैं आपके पूछे गए सवालों का उत्तर नाहटा द्वारा बनाई गई विश्व की पहली एकमात्र भविष्य देखने वाली साइंटिफिक हस्तरेखा मशीन द्वारा दिया जाएगा , इसके लिए दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर आपको निम्न कार्य करने होंगे ★★★★★ ( 01 ). आपका नाम लिखकर भेजें और आप कहां से हैं उस जगह का नाम लिखकर भेजें ★★★★★ ( 02 ). आपकी जन्म तिथि यानी डेट ऑफ बर्थ भेजें ★★★★★ ( 03 ). आपको अपने दो सवाल लिखीतरूप में *( 8769002100 )* पर व्हाट्सएप करने होंगे ★★★★★ ( 04 ). आप  अपने हाथ की यानी हथेली की  अलग अलग तरीके से 03 फोटो खींचकर भेजें , इसके लिए पुरुष  दाहिने हाथ की ( राइट हैंड की )  एवं माताएं व बहने बाएं हाथ की ( लेफ्ट हैंड की ) अपने मोबाइल से खींचकर फोटो भेजें ★★★★★ ( 05 ). आप अपने सवाल दोपहर 01:00 बजे से लेकर शाम 05:00 बजे के मध्य तक पूछ सकते हैं यानी हमें इस नंबर *( 8769002100 )* पर व्हाट्सएप कर सकते हैं ★★★★★ ( 06 ). आपके पूछे गए सवालों का जवाब अगले 48 घंटों के भीतर आपको मिल जाएगा ★★★★★ ( 07 ). हमारे द्वारा दी गई ज्योतिषीय परामर्श की सेवा पूरे देश भर के लिए लोग डाउन तक पूर्णरूपेण निशुल्क रहेगी यानी किसी भी प्रकार का कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा ★★★★★  ( 09 ). आप अपने सवाल पूछने के लिए दिए गए व्हाट्सएप नंबर *( 8769002100 )* पर संपर्क कर सकते हैं


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*ईस्ट गुरु हस्तीमल जी महाराज साहब के बारे में संक्षिप्त परिचय .....* आचार्य श्री हस्ती मल जी महाराज साहब जैन इतिहास में जाने माने संत हुए हैं , जैन आचार्य 1008 श्री हस्ती मल जी महाराज साहब का जन्म राजस्थान में जोधपुर जिले में स्थित पीपाड़ शहर में हुआ था , इन्होने मात्र 10 वर्ष की बाल्यकाल अवस्था में ही अजमेर में 24 वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर के बताए गए अहिंसा एवं संयम - साधना के पथ को यानी जैन भगवती दीक्षा - पथ को अंगीकार कर लिया था और केवल मात्र 20 वर्ष की युवा-अवस्था में ही जोधपुर में " जैन आचार्य 1008 " के पद पर सुशोभित कर दिए गए थे , कहाँ जाता है कि जैन इतिहास में आचार्य हस्ती मल जी महाराज साहब बहुत ही गुणवान , ऊर्जावान , पहुंचवान , लब्धिधारी , ज्योतिष विद्या के प्रखंड विद्वान , अखंड बाल ब्रहमचारी एवं वचन सिद्ध चमत्कारिक महापुरुष हुए थे , ऐसा माना जाता है कि आपने शरीर एवं आत्मा की भीतरी अवस्था को यानी भेद ज्ञान के रहस्य को यानी आत्मा के रहस्य को समझ लिया था , आपने 72 वर्षों तक 24 वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर के बताए गए संयम , अहिंसा , ब्रहमचर्य  एवं " जियो और जीने दो " के सिद्धांतों का पालन किया था , इसके बाद निमाज गांव में उनकी उस समय चल रही 82 वें वर्ष की आयु में  21 अप्रैल 1991 को 13 दिनों के स्वेच्छीक संलेखना संथारे से यानी पंडित मरण से वैशाख शुक्ला अष्टमी के दिन निमाज गांव में इस नश्वर देह को छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए इस भू-लोक से विलीन हो गए , लेकिन आपके जाने के 28 वर्षों के बाद भी जनमानस के ह्रदय के अंतकरण में आपका नाम आज भी प्रकाशित हो रहा है ★★★★★ नाहटा ने सत्य साबित हो चुकी समस्त भविष्यवाणीयों को जैन आचार्य 1008 श्री हस्ती मल जी महाराज साहब की समाधि स्थल पर की समर्पित ..... नाहटा ने अभी तक सत्य साबित हो चुकी 200 से अधिक समस्त भविष्यवाणियों को अपने इष्ट गुरु स्वर्गीय जैन आचार्य 1008 श्री हस्ती मल जी महाराज साहब के समाधि स्थल पर एवं उनके चरणों में समर्पित की है , नाहटा  का मानना है कि कहीं ना कहीं मेरे सद्गुरु हस्ती मल जी महाराज साहब की मुझ पर अप्रत्यक्ष रूप से कृपा मिली होगी , इस कारण में भविष्यवाणियां लिख पा रहा हूं जो हमेशा ही सत्य साबित हो जाती रही है , शायद ऐसे महापुरुष गुरुवर की मुझ पर हमेशा कृपा दृष्टि रही होगी ★★★★★ जैन आचार्य 1008 श्री हस्ती मल जी महाराज साहब की समाधि के बारे में जानकारी ..... इनकी समाधि राजस्थान में ब्यावर से 40 किलोमीटर दूर जोधपुर जाते समय ★ बर गांव ★ से 10 किलोमीटर दूर निमाज गांव के बाहर स्थित है जो ब्यावर से जोधपुर जाते समय जेतारण से पहले आता है जो बहुत ही चमत्कारिक स्थान है ★★★★★ समाधी पर जाकर अहिंसक बनने की शपथ लेवें तो पूरी होगी मन्नतें ..... इस समाधी पर जाने वाले लोगों में से अनेकों लोगों की मन्नतें अब तक पूरी हो चुकी है परंतु इस समाधि पर जाने वाले व्यक्ति को पूर्णतया अहिंसक बनना पड़ता है यानी इस समाधि पर जो भी व्यक्ति जाकर नॉनवेज एवं शराब छोड़ देता है यानी इस समाधी पर जाकर जो भी व्यक्ति समाधी पर बैठकर यह बोलता है कि " हे गुरुवर आचार्य 1008 श्री हस्ती मल जी महाराज साहब " मैं इस समाधि पर यह प्रतिज्ञा करता हूं एवं शपथ लेता हूं की आज से मैं जीवन भर नॉनवेज नहीं खाऊंगा गुरुवर यानी आज से मैं मांसाहार का सेवन नहीं करूंगा गुरुवर एवं शराब का सेवन भी नहीं करूंगा गुरुवर , त्याग वोसरामी वोसरामी गुरुवर ★ अतः हे गुरुवर " मैं भी मुक्ति का राही हूं और मुझे भी मुक्त होने की राह दिखाना गुरुवर " ★ यानी इस जीवन के बाद 84 लाख जीवा योनियों से मैं मुक्त हो जाऊं और मैं इस भव - भवान्तर के चक्रव्यूह से निकलकर एक दिन मैं भी मोक्षगामी बन जाऊं गुरुवर यानी सिद्ध , बुद्ध और मुक्त हो जाऊं गुरुवर , ऐसी अप्रत्यक्ष रूप से कृपा दृष्टि मेरी आत्मा पर बरसाना गुरुवर  ★★★★★ इसके बाद समाधि पर बैठकर अपनी अपनी मन्नते मांगे .... हे गुरुवर आज मैं भी अपने जीवन की कुछ मन्नते लेकर आया हूँ , आशा करता हूं गुरुवर की आप अवश्य ही मेरी मन्नत पूरी करेंगे , इसके बाद समाधि पर अपनी-अपनी मन्नते बोले ( ..... ) ★★★★★ इसके बाद यदि आप चाहें तो नीचे दिए जा रहे मेरे ईस्ट गुरु परम आराध्य जैन आचार्य 1008 श्री हस्तीमल जी महाराज साहब के भी 03 बार ये मंत्र पढ़ सकते है ● *हस्ति गुरुवे शरणम प्रवज्ज़ामी* ● *मेरी आत्मा और मेरा शरीर आपकी शरण में है गुरुवर* ● *जय गुरु हस्ती - जय पद शरणम* ★★★★★ समाधी पर चढ़कर कितनी करें परिक्रमा ..... इस समाधि पर जाकर यानी समाधी के ऊपर चढ़कर कम से कम 03 बार या 05 बार या 09 बार या 11 बार या 21 बार परिक्रमा क्लॉक वाइज तरीके से करें ★★★★★ समाधि पर बने कमरे में से कोई भी व्यक्ति धा जैसे ज्वार , बाजरी , मक्की लेकर नहीं डाले अन्यथा उल्टे परिणाम मिलेंगे .... जो भी व्यक्ति समाधि पर मन्नत मांगने गए हैं , उनके कार्य सिद्ध होने के बाद इस समाधि पर कबूतरों को धान ... ज्वार , बाजरी , मक्की डाल सकते हैं परंतु विशेष निवेदन है कि समाधि पर स्थित कमरे में रखे हुए धान ... ज्वार , बाजरी , मक्की लेकर नहीं डाले क्योंकि यह धान ...  ज्वार , बाजरी , मक्की पहले से ही डोनेशन के रूप में कई दान-दाताओं के द्वारा समाधि पर प्रतिदिन कबूतरों को डालने हेतु वहां पर स्थित कमरे में रखा रहता है , यदि किसी भी व्यक्ति ने गलती से भी समाधि पर स्थित कमरे में रखे धान ... ज्वार , बाजरी , मक्की को वहां से लेकर डाला तो उनको चमत्कार होने के बजाय उल्टे परिणामों भोगने पड़ सकते हैं अतः ऐसा कार्य भूलकर भी नही करें , यदि किसी कारणवश कोई भी व्यक्ति समाधि पर बाजार से या अपने घर से धान ... ज्वार , बाजरी , मक्की ले जाना भूल जाता है तो केवल समाधि पर जाकर अपनी-अपनी मन्नत मांग कर आ जाए परंतु किसी भी हालत में समाधि पर रखा हुआ धान समाधि से लेकर नहीं डाले अन्यथा उनको चमत्कार होने के बजाय उल्टे परिणामों भोगने पड़ सकते है ★★★★★ समाधि पर फूल , माला , अगरबत्ती , मिठाई या नारियल गोला चढ़ाना वर्जित है ..... यहां पर समाधि पर किसी भी प्रकार की फूल , माला , अगरबत्ती , मिठाई  या नारियल गोला नही चढ़ाएं यानी सभी चीजें चढ़ाना वर्जित है , समाधि पर ये सभी चीज़े चढ़ाना सख्त मना है , यदि किसी भी व्यक्ति ने गलती से भी समाधि पर ये चीजें चढ़ाई या अर्पित की  है तो उनको चमत्कार होने के बजाय उल्टे परिणामों भोगने पड़ सकते हैं अतः ऐसा कार्य भूलकर भी नही करें ★★★★★ समाधी पर कितनी बार जाना चाहिये ..... आप में से कोई व्यक्ति यदि जीवन में अपनी मन्नतें पूर्ण करना चाहता है और जल्द ही चमत्कार देखना चाहता है और ब्यावर शहर के नजदीक में रहते हैं तो मेरे कहने से लगातार कम से कम 11 महीने तक या अधिकतम 21 महीने तक जरूर जाकर आये यानी हर महीने में एक बार निमाज समाधी पर जरूर जाकर आये और यदि आप ब्यावर से काफी दूर रहते हैं तो आप 03 महीने में या 06 महीने में या 12 महीने में एक बार निमाज समाधी पर जरूर जाने की कोशिश करें  ★★★★★ जागृत है समाधी और अब तक समाधी पर कई चमत्कार घटित हो चुके हैं .... इस समाधि पर जाने के बाद आने वाले दिनों में आप खुद-ब-खुद चमत्कार महसूस करने लगेंगे , नाहटा ने अब तक पिछले 05 वर्षों में हजारों लोगों को इस समाधि से न केवल जोड़ा है अपितु उन्हें अहिंसक भी बनाया है यानी नॉनवेज एवं शराब का सेवन करना लोगों ने बंद कर दिया है और उनके जीवन में अनगिनत  चमत्कार भी होते हुए नाहटा ने देखें है , जिन लोगों के यहां आने के बाद मन्नते पूरी हुई यानी जिन्हें चमत्कार हुआ वह लोग इन्हें अब अंतरात्मा से गुरु एवं भगवान दोनों रूप में मानकर भाव से पूजने लगे हैं नाहटा का कहना है कि जो भी अपने अपने पुश्तैनी परंपरा में ईस्ट और गुरु है सर्वप्रथम आप उन्हें सबसे पहले याद करें और इस समाधी पर जाने के बाद यदि आपके कोई चमत्कार हो जाए तो आप इन्हें भी दसवें नंबर पर ही सही यानी इन्हें भी अपने दसवें गुरु के रूप में जरूर याद करते रहेंगे तो जीवन की आने वाली हर मुसीबत एवं तकलीफ निकलती जाएगी और जीवन मे सब आनंद होता जाएगा और सबसे बड़ी बात है की आप सुरक्षित रहेंगे ।।  ★★★★★ विशेष नोट .... सामाजिक कार्यकर्ताओं ने समाधी पर उपस्थित चौकीदार को कुछ भी देने से इनकार किया है क्योंकि चौकीदार की सैलरी जोधपुर संघ देता है और चौकीदार को किसी भी श्रद्धालु से कुछ भी लेने का अधिकार नहीं है परंतु समाधी पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह से चौकीदार की बातों में नहीं आना है और उक्त चौकीदार को कुछ भी रुपए दक्षिणा के रूप में नहीं देने है , यदि श्रद्धालु कुछ दक्षिणा समाधी पर रखना चाहते हैं तो वह समाधी पर लगाए हुए " गले " में यानी " दान पेटी " में डालकर जरूर आएं ताकि यह " दान पेटी " का पैसा जोधपुर संघ के जीव दया के कार्य में उपयोग आएगा , इसके अलावा यदि चौकीदार किसी भी रूप में बहला-फुसलाकर किसी भी श्रद्धालु से रुपए मांगता है तो समाधी पर जाने वाले श्रद्धालु " रत्न हितेषी श्रावक संघ " घोड़ों का चौक , जोधपुर  के नाम वाले पत्ते पर कंपलैंड लेटर जरूर भेजें या इस पते पर कंपलैंड करें , क्योंकि गुरु की समाधि पर किसी भी तरह का भ्रष्टाचार नहीं होना चाहिए ।। जय जिनेंद्र , जय गुरु हस्ती ।। ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●


 


नाहटा की देशवासियों से विनम्र प्रार्थना .....


भारत सरकार ने जो " लोक डाउन " सिस्टम देशभर में अपनाया है वह बेहद ही सराहनीय एवं काबिले तारीफ है है इस " लोक डाउन " की वजह से भारत सरकार जल्दी ही इस वायरस के संक्रमण को रोकने में सफलता प्राप्त कर लगी परंतु भारतवासियों से निवेदन एवं विनम्र प्रार्थना है कि जब भी भारत सरकार " लोक डाउन " खोलें यानी " लोक डाउन " खुलने के बाद भी कम से कम 01 महीने तक जितना हो सके  उतनी सोशल डिस्टेंसिंग जरूर बनाकर रखेंगे तो हम संपूर्ण भारतवासियों के लिए ज्यादा अच्छा रहेगा तभी हम इस वायरस से पूर्णतया मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं , जय हिंद , जय भारत ।। एस्ट्रोलॉजर एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ दिलीप नाहटा ।।●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● ★★ कोरोना से डरो नहीं और ईश्वर का साथ छोड़ो नहीं ★★ एस्ट्रोलॉजर एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ दिलीप नाहटा , ब्यावर ।।


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