शंकराचार्य जयंती पर विशेष:शंकराचार्य चालीसा





धर्म सनातन संत हित, शिव लीना अवतार।

गीता उपनिषद वेद का,लिखते भाष्य विचार।।

जयजय जगत गुरू जय शंकर।

तुम ही ज्ञानी धरम धुरंधर।।1

केरल राज कलारी ग्रामा।

बैसख पंचम तिथि का आना।।2

धरम प्रचारक शिव अवतारा ।

ज्ञान धरम के तुम भंडारा।।3

भारत दर्शन युग निर्माता।

तुम्हारा जस सब जग गाता।।4

शिवगुरू पिता विशिष्टा माता।

गुरु गोविंद योगी सुखदाता।।5

ओंकारेश्वर  दीक्षा पाई ।

परमहंस की पदवी आई।।6

चार पीठ भी आप बनाई।

दक्षिण श्रृंग ज्ञान मठ भाई।।7

पश्चिम द्वारिक पूरब शारद।

उत्तर बदरी गाते नारद।।8

रेवा तट माहेश्वर नामा।

ज्ञान परीक्षा पावन धामा।।9

शंकर मंडल ज्ञान कहानी।

उभयभारती न्याय बखानी।।10

जगतगुरु भी आप कहाये। 

शंकर शंकर सब जग छाये।।11

संस्कृत भाषा लोक प्रचारा।

ज्ञान भाव औ करम अपारा।।12

चित्त विषय से दूर हटाया।

ता पीछे आतम से लगाया।।13

यही आतम  योग है भाई।

जीवन मुक्त अवस्था भाई।।14

जीव ब्रह्म को एक बताई।

यही   अद्वैतवाद   कहाई ।।15

शेष बाद में

 

डॉं दशरथ मसानिया ,

आगर मालवा  9424001406




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