वर्ष में एक बार खुलता हे भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर:इस बार 25 जुलाई को हे नागपंचमी


सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर  नाग पंचमी मनाई जाती है. साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी पर उज्जैन का  नाग चंद्रेश्वर मंदिर भक्तों के लिए खोला जाता है। नाग चंद्रेश्वर मंदिर के पट वर्ष में एक ही बार खुलते हे नाग चंद्रेश्वर मंदिर में भक्त 11वीं शताब्दी की अद्भुत प्रतिमा के दर्शन करते है । इस प्रतिमा में फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती विराजित हैं। मान्यता हैं कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है।



ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के सबसे ऊपरी तल पर ये प्रतिमा स्थित है। नाग चंद्रेश्वर के दर्शनों के लिए एक दिन पहले ही यहां श्रद्धालुओं को लंबी कतारें लग जाती हैं। नाग चंद्रेश्वर मंदिर में प्रवेश करते ही दाईं ओर भगवान नाग चंद्रेश्वर की प्रतिमा दिखाई देती है। ये प्रतिमा मराठाकालीन कला का उत्कृष्ट नमूना है और शिव-शक्ति का साकार स्वरूप है।  24 घंटे निरंतर दर्शन के बाद रात 12.30 बजे फिर एक वर्ष के लिए मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे। गेट बंद करने से पहले त्रिकाल पूजा के क्रम में रात 8 बजे महाकाल मंदिर की ओर से परंपरागत पूजन किया जाएगा।


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