खरसिया की सरज़मीं पर उतरे कला के सितारे; कवि सम्मेलन में दिखे कविताओं के अनोखे रंग

खरसिया,  अक्टूबर, 2022: श्रोताओं के दिलों में अमिट छाप छोड़ने वाली कविताओं का जब भी नाम आता है, इनकी मधुर तानों की एक तरंग-सी मन में दौड़ जाया करती है। वहीं जब कवियों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से उनकी रचनाएँ सुनने का मौका मिले, तो यह सोने पर सुहागे से कुछ कम नहीं है। कुछ ऐसी ही खुशी खरसिया के कला प्रेमियों के चेहरों पर देखने को मिली, जब विजयादशमी महोत्सव समिति, खरसिया द्वारा रामराज्य गद्दी के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। हास्य कवि और मंच संचालक श्री संदीप शर्मा, धार के नेतृत्व में देश के विभिन्न कवियों ने बढ़-चढ़कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और बेशुमार कविताओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। आमंत्रित कविगणों में श्री जगदीश सोलंकी, कोटा; श्री हिमांशु बवंडर, मुंबई (फाइनलिस्ट, लाफ्टर चैंपियन); पद्मिनी शर्मा, दिल्ली (श्रृंगार की बेमिसाल कवित्री); श्री राहुल शर्मा, उज्जैन (ओज का अनूठा हस्ताक्षर); श्री पार्थ नवीन, प्रतापगढ़ (हास्य पैरोड़ीकार) और श्री कृष्णा भारती (छत्तीसगढ़ी हास्य धमाका) ने कवि सम्मेलन की खूब शोभा बढ़ाई। 



खरसिया में कला प्रेमियों की बेशकीमती प्रतिक्रिया को लेकर कवि संदीप शर्मा कहते हैं, "रायगढ़ की शान खरसिया में अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन मेरे द्वारा संचालित अनेक सम्मेलनों में से विशेष रहा है। सम्मेलन का हर एक श्रोता कलाकार था, क्योंकि मैं मानता हूँ कि किसी कला विशेष को समझना और मन-मस्तिष्क में उसे गहराई से उतारना किसी कलाकार के ही बस की बात है। मैं धन्य हूँ, जो मुझे इस नगर में जमीनी स्तर पर अनूठी कला की सौगात देखने का मौका मिला। श्रोताओं द्वारा खरसिया की सरज़मीं से मिली सराहना, मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ उपहार है, जो मैं यहाँ से अपने साथ लिए जा रहा हूँ।"


गौरतलब है कि विजयादशमी महोत्सव समिति, खरसिया द्वारा रामराज्य गद्दी के उपलक्ष्य में आयोजित अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का संचालन टाउन हॉल मैदान में किया गया था। कविताओं की एक से बढ़कर एक तान और उस पर कविताओं के लिए अपने दिलों में विशेष स्थान रखने वाले श्रोताओं के मुँह से निकलते वाह भाई वाह और वाह, क्या बात है जैसे शब्दों का शोर तमाम कवियों की मेहनत सफल कर गया और साथ ही पूरे खरसिया में ये शब्द विशेष रूप से गुँजायमान हुए। बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक विजयादशमी पर्व के उपलक्ष्य में शहर को मिली इस सौगात के साथ ही कविताओं की मधुर तान का खरसिया के कविता प्रेमियों को एक बार फिर इंतज़ार है।

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