किताबें हमारे व्यक्तित्व का निर्माण कर, हमें जीवन जीने की कला सिखाती है - कलेक्टर श्री वानखेड़े
आगर-मालवा 19 नवंबर।किताबें जीवन का बुनियादी हिस्सा है, किताबें मनुष्य की सच्ची मित्र होती है, जो प्रत्येक परिस्थिति में बखूबी साथ निभाती है, एक अच्छी किताब हमें सफलता के शिखर तक पहुंचा सकती है, किताबे ही हमारे व्यक्तित्व का निर्माण कर हमें जीवन जीने की कला सिखाती है, हमें किताबों के पठन की परंपरा पूरे जीवन भर बरकरार रखना चाहिए, यह उद्गार कलेक्टर कैलाश वानखेड़े ने शनिवार को नेहरु महाविद्यालय में राष्ट्रीय ग्रंथालय सप्ताह (14 से 20 नवम्बर) अंतर्गत आयोजित पुस्तक मेले में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
कलेक्टर ने कहा कि किताबों का हर एक व्यक्ति के जीवन में बड़ा महत्व है, किताबो से ही हमें अतीत वर्तमान एवं भविष्य तीनों काल की जानकारी होती है, हम हमारे जीवन में पुस्तक को शामिल कर लेंगे तो जीवन की डगर में अच्छे तरीके से चलने लगेंगे, किताबों से हम सब कुछ बन सकते हैं एवं जिंदगी के मायने किताबों से हमें समझ में आ जाते हैं।
कलेक्टर वानखेडे ने कहा कि महाविद्यालय में लाइब्रेरी के बेहतर निर्माण हो, कॉलेज में लाइब्रेरी के लिए कक्ष समर्पित करें एवं अच्छी-अच्छी किताबें रखें, यह कॉलेज प्रशासन की जिम्मेदारी है। कलेक्टर ने विद्यार्थियों से कहा कि ग्रन्थालय में पुस्तकों का अध्ययन छात्र जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, महाविद्यालय के विद्यार्थियों को अपना अधिक से अधिक समय ग्रंथालय में बिताना चाहिए। उन्होंने आज भी निरंतर अच्छे साहित्य के अध्ययन के अपने अनुभव विद्यार्थियों के साथ साझा कर पुस्तकों के अध्ययन के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि मैं स्वयं भी पुस्तकालय में किताबें पढ़ने के लिए आऊंगा।
कार्यक्रम में उपस्थित अग्रणी महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ रेखा गुप्ता ने कलेक्टर का स्वागत करते हुए अच्छी पुस्तकों का छात्र जीवन में महत्व को समझाया। ग्रंथपाल दीप्ति लोदवाल द्वारा ग्रन्थालय का परिचय देते हुए महाविद्यालय के ग्रंथालय में उपलब्ध ग्रंथों, पुस्तकों व पत्रिकाओं के बारे में बताया। महाविद्यालय में राष्ट्रीय ग्रंथालय सप्ताह अंतर्गत पुस्तक मेले के आयोजन के साथ पुस्तकें विद्यार्थी जीवन का आधार, ग्रन्थालय की आवश्यकता एवं उपयोगिता विषय पर भाषण, निबन्ध लेखन, प्रश्नमंच, स्लोगन लेखन एवं पोस्टर निर्माण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ संतोष एस्के ने किया। आभार डॉ हेमलता पारस ने माना। इस अवसर पर समस्त स्टॉफ व विद्यार्थी उपस्थित रहे।