【हनुमान जयंती विशेष】सुसनेर नगर की चारों दिशाओं के रक्षक हैं हनुमानजी :नगर के इन मंदिरो से जूडी है कई अनूठी परम्पराऐं

 

सुसनेर मनीष राठौर। नगर में यूं तो हर धर्म और भगवान के अलग-अलग मंदिर हैं। जहां लोग प्रतिदिन दर्शन करने के लिए जाते है, लेकिन इसी नगर सुसनेर में हनुमान जी के चार मंदिर ऐसे भी है, जो नगर की चारों दिशाओं में स्थित होकर चारो दिशाओं के रक्षक है। और इन सभी मंदिरो में हनुमानजी आकर्षक व अलग-अलग स्वरूप में विराजमान है। इन मंदिरो से कई अनूठी परंपराएं भी जुडी हुई है। 



पूर्व दिशा में चिंताहरण हनुमान - 


नेशनल हाईवे पर चिंताहरण हनुमान मंदिर है, जहा हनुमान जी पहली ही पूर्व दिशा में नगर के अंदर प्रवेश करने वाले पहले द्वारा पर रक्षक के रूप में विराजमान हैं। जहा श्रृद्धालुओं द्वारा माह की प्रत्येक पूर्णिमा को संगीतमय सुंदरकाण्ड का आयोजन किया जाता है। मंदिर समिति द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार कर मंदिर को अतिक्रमण मुक्त भी कराया गया है। इसी के साथ पुलिस थाना परिसर में पंचमुखी हनुमान जी भी विराजमान है। 


पश्चिम दिशा में रामद्वारा के हनुमान – 


पश्चिम दिशा के अंतिम छोर पर महुडी दरवाजा क्षेत्र में रामद्वारा नाम से गणपति मंदिर है जिसमें हनुमान जी भी विराजमान हैं। यहां हनुमानजी राम दरबार के साथ विराजित है। यहा कि खासियत यह है कि यहां हनुमान जी राधा कृष्ण और गणपति के मंदिर में है और उनका मुख पश्चिम दिशा में है। 


उत्तर दिशा में बैठे खेडापति हनुमान - 


उत्तर दिशा में स्थित नगर के श्रृद्धालुओ की आस्था का केन्द्र अतिप्राचीन श्री खेडापति हनुमान मंदिर मठ है। कुछ सालो पूर्व नगर में दान पेटी से चंदे की राशि एकत्रित करने की योजना समिति ने बनाई और आज दान पेटी के एक-एक रूपए एवं जनसहयोग से मंदिर का भव्य निर्माण हो चुका हैं। बजरंग मठ अखाडा के नाम से युवाओ द्वारा एक व्यायाम शाला भी इस मंदिर परिसर में संचालित की जा रही है। इसके अतिरिक्त इतवारीया बाजार क्षेत्र में भी हनुमान मंदिर है। 


दक्षिण दिशा में है संकट मोचन  - 


दक्षिण दिशा में पुराने तहसील कार्यालय में श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर है। इस मंदिर से श्रृद्धालुओ की एक अनूठी परम्परा जुडी है। कहां जाता है कि किसी भी शासकीय विभाग में कार्य करने वाला व्यक्ति यदि अपने स्थानांरण के लिए लिखित आवेदन लेकर यहां गुहार लगाता है तो उसका स्थानांरण उसके मन पंसद जगह पर हो जाता हैं। न्यायालय विभाग के कई कर्मचारीयों का यहां अर्जी लगाने से स्थानांतरण हो भी चुका है। करीब 50 साल पहले चौकीदारो के जनसहयोग से एक नायब नाजीर ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। लाल पत्थरो से जीर्णोद्धार के बाद मंदिर का स्वरूप बदल चुका है। 


नगर की हृदय स्थली में भी कई रूपो में है हनुमान 


नगर की हृदय स्थली में भी हनुमानजी के छ: मंदिर है। जूनी कचहरी में प्रहरी हनुमान, शुक्रवारिया बाजार के छत्री चौक पर वीर प्रहरी हनुमान तो वही खटला गली में चेतन्यवीर हनुमान अपने हाथो में पर्वत उठाए हुए है। सराफा बाजार में बाल हनुमान मंदिर, स्टेट बैंक चैराहे पर श्रीरामजानकी मंदिर और श्रीराम मंदिर धर्मशाला के रामदरबार में रामभक्त हनुमान के स्वरूप में हाथ जोडकर खडगासन मुद्रा में हनुमान जी की प्रतिमाएं है। इसके अतिरिक्त भी नगर में हनुमान जी के कई मंदिर है। जो श्रृद्धालुओं की आस्था का केन्द्र बने हुए है। 





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